अडानी समूह पर भ्रष्ट आचरण की छाया, फिर भी राहत
भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी विदेश भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के तहत कोई आरोप नहीं दायर किए हैं। हालांकि अमेरिकी न्याय विभाग ने नई दिल्ली के एक अदालत में चार्जशीट दायर की है जिसमें सुरक्षा धोखाधड़ी और वायर धोखाधड़ी के तीन आरोप शामिल हैं, जो वित्तीय दंड के तहत आते हैं। अदानी समूह ने इस जानकारी की पुष्टि करते हुए कहा कि इनमें से कोई भी आरोप FCPA उल्लंघन से संबंधित नहीं है।
अमेरिकी आरोप और अदानी का बचाव
बताया जा रहा है कि उर्जा कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें कंपनी की ओर से सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए कथित रूप से भारतीय अधिकारियों को $265 मिलियन रिश्वत देने का मामला बुलंद हुआ है। हालांकि, आरोपों में सीधे तौर पर रिश्वत का दावा नहीं है। गौतम और सागर अडानी के खिलाफ एक नागरिक शिकायत भी दर्ज की गई है जिसमें उनके AGEL के कथित उल्लंघनों में मदद करने का आरोप लगाया गया है। अदानी समूह के अनुसार ये सभी आरोप निराधार हैं।
अडानी समूह के अंतरराष्ट्रीय लिंक
यद्यपि अदानी समूह की कोई भी कंपनी अमेरिका में सूचीबद्ध नहीं है, फिर भी कुछ कंपनियों में अमेरिकी निवेशक शामिल हैं। अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के अनुसार, अमेरिकी लिंक वाले संस्थाओं को विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने से रोका जाता है। इस संदर्भ में, अदानी समूह के खिलाफ जो शिकायतें दर्ज की गई हैं, उनमें राष्ट्रपति हरियाणा सरकार द्वारा सीधे तौर पर रिश्वत का आरोप नहीं है।
अदानी समूह की प्रतिक्रिया और न्यायिक प्रक्रिया
अदानी समूह ने सभी आरोपों को झूठा और निराधार बताते हुए कड़ा प्रतिकार किया है। उनका दावा है कि ये आरोप उन्हें कानूनी रूप से परेशान करने और उनके व्यवसाय की छवि धूमिल करने की कोशिश हैं। इसके साथ, कंपनी ने यह भी कहा है कि वे कानूनी तरीके से हर एक निर्दोषता को साबित करेंगे। पहले गृहमंत्री मुकुल रोहतगी, जो अदानी समूह के पक्ष में कानूनी मदद कर रहे हैं, ने इस मामले में संबंधित न्यायिक प्राथमिकताओं पर जोर दिया है।
आर्थिक प्रभाव और बाजार स्थिति
इस विवाद के चलते अदानी समूह की कंपनियों की बाजार पूंजीकरण में $54 बिलियन की कमी देखी गई है। मूडीज और फिच जैसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने इस स्थिति का हवाला देते हुए अदानी फर्म्स के लिए क्रेडिट दृष्टिकोण को डाउनग्रेड कर दिया है। दो दशकों में उत्पादित होने वाले $2 बिलियन के प्रॉफिट पोटेंशियल के चलते कंपनी की वित्तीय गुणवत्ता पर दबाव बढ़ गया है।
इस घटनाक्रम में आगे क्या होगा यह देखना अभी बाकी है, क्योंकि कंपनी को लेकर कानूनी चुनौतियों के संदर्भ में उनके निवेशकों का विश्वास प्रभावित हो सकता है। हालांकि, अदानी समूह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह साबित करेगा कि उसके खिलाफ सभी आरोप निराधार हैं और उसका उद्देश्य अपने व्यावसायिक हितों को कानूनी तरीके से संरक्षित करना है।
टिप्पणि
rohit majji
अडानी के खिलाफ कोई भी FCPA चार्ज नहीं है यार, बस थोड़ा सा धोखाधड़ी का शक है। भारत में तो ऐसे ही चलता है, अमेरिका आ गया तो फिर बड़ी बात बन गई 😅
नवंबर 27, 2024 at 23:14
Uday Teki
इतना बड़ा बिजनेस और इतनी कम जानकारी... क्या ये लोग सच में इतने निर्दोष हैं? 🤔
नवंबर 29, 2024 at 17:41
Haizam Shah
अमेरिका के नियम लागू होंगे तो भारत के बड़े बिजनेसमैन्स का क्या होगा? जब तक ये बात नहीं सुलझेगी, तब तक इनकी शेयर वैल्यू गिरती रहेगी। बस अब न्याय का इंतजार है।
नवंबर 30, 2024 at 05:13
Vipin Nair
रिश्वत का आरोप नहीं है लेकिन धोखाधड़ी के आरोप हैं। ये फर्क समझना जरूरी है। न्याय की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है, फैसला अभी बाकी है। जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।
कानून की बात कानून से ही सुलझानी चाहिए।
नवंबर 30, 2024 at 18:55
Ira Burjak
अच्छा तो अब बताओ, जब तक आरोप नहीं साबित होते, तब तक ये सब फेक न्यूज है? 😏 या फिर जब तक नहीं साबित होते, तब तक ये सब सच है? दोनों तरफ बहुत बोल रहे हैं, लेकिन कोई साबित नहीं कर रहा।
दिसंबर 2, 2024 at 02:31
Shardul Tiurwadkar
मुझे लगता है ये सब एक बड़ा नाटक है। जब तक अडानी नहीं गिरते, तब तक ये बातें बनी रहेंगी। अमेरिका भी अपने लिए फायदा चाहता है, भारत भी अपने लिए। दोनों के बीच एक बड़ा खेल चल रहा है।
दिसंबर 3, 2024 at 08:02
Abhijit Padhye
ये सब बहुत आम बात है। जिसके पास पैसा है, उसके खिलाफ बड़े-बड़े आरोप लग जाते हैं। अगर अडानी ने रिश्वत दी होती तो अमेरिका ने तो बस एक बार में उसे जेल में डाल देता। ये सब बस एक बड़ा ड्रामा है।
दिसंबर 3, 2024 at 18:40
VIKASH KUMAR
अरे भाईयों ये तो बड़ा ट्रेजेडी हो गया 😭 अडानी को जेल में डाल दो, फिर देखो कैसे भारत का नाम बदल जाएगा! 🚨 ये तो बस शुरुआत है, अभी तो बहुत कुछ बाकी है! #JusticeForAdani #SaveIndia
दिसंबर 5, 2024 at 01:35
UMESH ANAND
यहाँ न्याय की व्यवस्था के खिलाफ एक व्यापक अवहेलना दिख रही है। कानून के आधार पर निर्णय लेना चाहिए, भावनाओं के आधार पर नहीं। यहाँ तक कि एक भी आरोप अभी तक साबित नहीं हुआ है। अतः निष्कर्ष निकालने से पहले प्रक्रिया का सम्मान करना आवश्यक है।
दिसंबर 5, 2024 at 06:23
Rohan singh
ये तो बस बाजार की बात है। जब तक खबर चल रही है, तब तक शेयर गिरते रहेंगे। अगर अडानी साबित कर दें कि ये सब झूठ है, तो फिर भी लोगों का विश्वास वापस आएगा। बस थोड़ा इंतजार करो।
दिसंबर 7, 2024 at 02:34
Karan Chadda
अमेरिका के खिलाफ क्या बात है? हम तो अपने ही देश में रिश्वत लेते हैं, अब अमेरिका आ गया तो फिर बड़ी बात बन गई। इनकी नीतियों को तो हम बिना चिंता के फोड़ देते हैं।
दिसंबर 7, 2024 at 07:03
Shivani Sinha
अडानी तो हमारे देश के ही हैं... अगर वो गलत हैं तो भारत का नाम खराब होगा 😔 लेकिन अगर वो निर्दोष हैं तो अमेरिका बस जलन से लड़ रहा है। बस अब न्याय हो जाए!
दिसंबर 9, 2024 at 04:13
Tarun Gurung
सुनो, ये आरोप अगर सच हैं तो ये बहुत बड़ी बात है। लेकिन अगर झूठ हैं तो ये एक बड़ा नाटक है जिसका लक्ष्य एक बड़े भारतीय बिजनेस को तोड़ना है।
अमेरिका के नियम तो उनके लिए हैं, लेकिन उनके निवेशक भारत में भी हैं। ये बात बहुत महत्वपूर्ण है।
क्या आपने कभी सोचा कि अगर ये सब झूठ है तो अडानी के लाखों निवेशकों का भविष्य क्या होगा?
ये सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है, ये एक देश का विश्वास है।
हमें न्याय का इंतजार करना चाहिए, न कि भावनाओं के साथ बातें करनी चाहिए।
इतना बड़ा बिजनेस अगर गिर गया तो कौन जिम्मेदार होगा?
क्या हम अपने ही देश के बिजनेस को नहीं संभाल सकते?
ये सब तो बस एक बड़ा राजनीतिक खेल है।
दिसंबर 9, 2024 at 16:25
Rutuja Ghule
यहाँ कोई भी निर्दोषता का दावा नहीं कर सकता जब तक कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती। यहाँ कोई भी आरोप को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता। इस मामले में न्याय की अपेक्षा है, भावनाओं की नहीं। अगर यहाँ कोई अपराध हुआ है, तो उसका दंड होना चाहिए। अगर नहीं हुआ, तो उनका नाम शुद्ध होगा। कोई भी बाहरी दबाव या राष्ट्रीय भावना इस प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर सकती।
दिसंबर 11, 2024 at 06:12
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