अमेरिका में रिश्वत मामले से मुक्त गौतम अडानी, उनकी कंपनी ने किया स्पष्ट
Posted on नव॰ 27, 2024 by मेघना सिंह
अडानी समूह पर भ्रष्ट आचरण की छाया, फिर भी राहत
भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी विदेश भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के तहत कोई आरोप नहीं दायर किए हैं। हालांकि अमेरिकी न्याय विभाग ने नई दिल्ली के एक अदालत में चार्जशीट दायर की है जिसमें सुरक्षा धोखाधड़ी और वायर धोखाधड़ी के तीन आरोप शामिल हैं, जो वित्तीय दंड के तहत आते हैं। अदानी समूह ने इस जानकारी की पुष्टि करते हुए कहा कि इनमें से कोई भी आरोप FCPA उल्लंघन से संबंधित नहीं है।
अमेरिकी आरोप और अदानी का बचाव
बताया जा रहा है कि उर्जा कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उनमें कंपनी की ओर से सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए कथित रूप से भारतीय अधिकारियों को $265 मिलियन रिश्वत देने का मामला बुलंद हुआ है। हालांकि, आरोपों में सीधे तौर पर रिश्वत का दावा नहीं है। गौतम और सागर अडानी के खिलाफ एक नागरिक शिकायत भी दर्ज की गई है जिसमें उनके AGEL के कथित उल्लंघनों में मदद करने का आरोप लगाया गया है। अदानी समूह के अनुसार ये सभी आरोप निराधार हैं।
अडानी समूह के अंतरराष्ट्रीय लिंक
यद्यपि अदानी समूह की कोई भी कंपनी अमेरिका में सूचीबद्ध नहीं है, फिर भी कुछ कंपनियों में अमेरिकी निवेशक शामिल हैं। अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के अनुसार, अमेरिकी लिंक वाले संस्थाओं को विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने से रोका जाता है। इस संदर्भ में, अदानी समूह के खिलाफ जो शिकायतें दर्ज की गई हैं, उनमें राष्ट्रपति हरियाणा सरकार द्वारा सीधे तौर पर रिश्वत का आरोप नहीं है।
अदानी समूह की प्रतिक्रिया और न्यायिक प्रक्रिया
अदानी समूह ने सभी आरोपों को झूठा और निराधार बताते हुए कड़ा प्रतिकार किया है। उनका दावा है कि ये आरोप उन्हें कानूनी रूप से परेशान करने और उनके व्यवसाय की छवि धूमिल करने की कोशिश हैं। इसके साथ, कंपनी ने यह भी कहा है कि वे कानूनी तरीके से हर एक निर्दोषता को साबित करेंगे। पहले गृहमंत्री मुकुल रोहतगी, जो अदानी समूह के पक्ष में कानूनी मदद कर रहे हैं, ने इस मामले में संबंधित न्यायिक प्राथमिकताओं पर जोर दिया है।
आर्थिक प्रभाव और बाजार स्थिति
इस विवाद के चलते अदानी समूह की कंपनियों की बाजार पूंजीकरण में $54 बिलियन की कमी देखी गई है। मूडीज और फिच जैसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने इस स्थिति का हवाला देते हुए अदानी फर्म्स के लिए क्रेडिट दृष्टिकोण को डाउनग्रेड कर दिया है। दो दशकों में उत्पादित होने वाले $2 बिलियन के प्रॉफिट पोटेंशियल के चलते कंपनी की वित्तीय गुणवत्ता पर दबाव बढ़ गया है।
इस घटनाक्रम में आगे क्या होगा यह देखना अभी बाकी है, क्योंकि कंपनी को लेकर कानूनी चुनौतियों के संदर्भ में उनके निवेशकों का विश्वास प्रभावित हो सकता है। हालांकि, अदानी समूह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह साबित करेगा कि उसके खिलाफ सभी आरोप निराधार हैं और उसका उद्देश्य अपने व्यावसायिक हितों को कानूनी तरीके से संरक्षित करना है।