दिल्ली में भारी बारिश से फिर हुआ जलभराव: सड़कों पर झील का नजारा

1अगस्त
दिल्ली में भारी बारिश से फिर हुआ जलभराव: सड़कों पर झील का नजारा

भारी बारिश के कारण दिल्ली में जलभराव

दिल्ली एक बार फिर भारी बारिश के कारण जलमग्न हो चुका है। लगातार बारिश से हालात बिगड़ते चले गए और पूरे शहर में जलभराव की स्थिति बन गई। पानी सड़कों पर इस कदर भर चुका है कि कई इलाकों को झील में तब्दील होते देखा जा रहा है। सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए हुए थे और उनके बरसते ही नगर की सड़कों ने नदियों और पोखरों का रूप ले लिया।

जनजीवन प्रभावित

भीषण जलभराव ने दिल्ली के निवासियों की दिनचर्या को काफी हद तक प्रभावित किया है। सुबह ऑफिस जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हर गली-कूचे में पानी भरा हुआ है, और गाड़ियां तक पानी में डूब गई हैं।

सबसे बड़ी समस्या यातायात बाधित होने की रही। भारी बारिश के कारण कई मुख्य मार्ग बंद हो गए हैं। लोग बसों और मेट्रो स्टेशनों पर फंसे हुए हैं, और कई घंटों तक इंतजार करने पर भी कोई राहत नहीं मिल पा रही है।

प्रशासन की तैयारियों में कमी

प्रशासन की ओर से कोई भी ठोस कदम समय पर नहीं उठाए जाने के कारण स्थिति की गंभीरता बढ़ती चली गई। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और नगर निगम की तैयारियों की कमी इस संकट का प्रमुख कारण बनी है।

जलभराव की इस स्थिति को देखते हुए यह साफ होता है कि किस प्रकार शहर की जल निकासी प्रणाली में बड़े सुधार की जरूरत है। राजधानी के विभिन्न हिस्सों में जल निकासी नालों की स्थिति काफी जर्जर है, और यह अनुमान लगाया जा सकता है कि किसी भी भारी बारिश के बाद जलभराव अनिवार्य है।

शहरीकरण के प्रभाव

शहरीकरण के प्रभाव

दिल्ली की जलभराव की समस्या में शहरीकरण का भी बड़ा हाथ है। अनियंत्रित निर्माण और हरियाली की कमी ने जलभराव की समस्या को और गंभीर बना दिया है। शहर के प्राकृतिक जल स्रोतों को कंक्रीट के जंगलों में बदल दिया जा रहा है, जिससे जल का बहाव बाधित होता है। यह स्थिति इस बात की पुष्टि करती है कि शहर को एक स्थायी और सुरक्षित अवसंरचना की तत्काल जरूरत है।

जलभराव की इस स्थिति में तुरंत राहत देने के लिए प्रशासन ने पंपों का इस्तेमाल करते हुए पानी निकालने का काम शुरू कर दिया है। हालांकि, इस संकट को सही मायनों में समाधान की जरूरत है जिसे दीर्घकालिक योजना और सतत विकास की दृष्टि से देखा जाना चाहिए।

आवश्यकता सतत समाधान की

आवश्यकता सतत समाधान की

दिल्ली में जलभराव की समस्या हर साल सामने आती है और इसका स्थायी समाधान निकालना आवश्यक है। प्रशासन को जल निकासी प्रणाली में सुधार, हरियाली को बढ़ावा देने, और अनियंत्रित शहरीकरण पर नियंत्रण जैसे उपाय उठाने चाहिए।

यह स्थिति इस बात का संकेत है कि नगर को सतत विकास और पर्यावरणीय स्थायित्व की ओर बढ़ाने की आवश्यकता है। सिर्फ प्रशासनिक कदम ही नहीं, जनता की जागरुकता और सहयोग भी इस दिशा में महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

आखिर में, समय की मांग यही है कि हम जलभराव और बाढ़ जैसी समस्याओं का सामना एक संगठित और प्रभावी तरीके से करें ताकि राजधानी दिल्ली इस तरह की स्थितियों से बच सके और एक सुरक्षित एवं स्वच्छ शहर बन सके।

टिप्पणि

Sagar Jadav
Sagar Jadav

ये हर साल का खेल है। प्रशासन की बेकारी और जनता की बेखबरी का मिश्रण।

अगस्त 2, 2024 at 13:25

Tejas Shreshth
Tejas Shreshth

ये सिर्फ बारिश नहीं है... ये शहरी अहंकार का अंतिम परिणाम है। हमने प्राकृतिक जल चक्र को कंक्रीट के नीचे दफना दिया, और अब पूछ रहे हैं कि पानी कहाँ जाए? ये न्याय का बदला है।

अगस्त 4, 2024 at 09:20

sarika bhardwaj
sarika bhardwaj

जल निकासी प्रणाली का अस्तित्व ही नहीं है 😔 ये तो बस एक बड़ा नाटक है जिसमें हर साल नए नए टीवी एंकर आते हैं और बारिश के बीच खड़े होकर रोते हैं 🤦‍♀️

अगस्त 4, 2024 at 13:07

Dr Vijay Raghavan
Dr Vijay Raghavan

इस देश में जब तक लोग अपनी गलियों को साफ नहीं करेंगे, तब तक कोई सरकार नहीं बचा सकती। हमारी निष्क्रियता ही सबसे बड़ा दुश्मन है।

अगस्त 5, 2024 at 21:48

Partha Roy
Partha Roy

अरे ये सब चीन वालों के गुप्त षड्यंत्र हैं... उन्होंने गंगा के जल को अपने सैटेलाइट से अवशोषित कर लिया है और अब दिल्ली में बारिश बरसाकर हमें कमजोर कर रहे हैं। देखो ना कि बारिश के बाद बादल कहाँ गए? वो तो चीन की ओर जा रहे हैं।

अगस्त 7, 2024 at 00:44

Kamlesh Dhakad
Kamlesh Dhakad

मैंने अपने इलाके में अपने घर के सामने का नाला साफ किया है। थोड़ा तो बदलाव शुरू हो जाएगा ना? एक आदमी का छोटा कदम भी कुछ न कुछ कर सकता है।

अगस्त 8, 2024 at 13:21

NEEL Saraf
NEEL Saraf

मैंने बचपन में देखा था... दिल्ली की गलियों में नाले थे, पेड़ थे, जल स्रोत थे... अब सब कुछ फ्लैट्स और पार्किंग में बदल गया है। हमने शहर को बेच दिया है... और अब उसकी आँखों से पानी बह रहा है।

अगस्त 9, 2024 at 03:57

Dr. Dhanada Kulkarni
Dr. Dhanada Kulkarni

इस समय जो भी लोग बारिश में फंसे हुए हैं, आप सबका बहुत बहुत धन्यवाद। आपकी टिकाऊ जिद और सहनशीलता हमें सबक देती है। आप अकेले नहीं हैं।

अगस्त 10, 2024 at 01:58

ADI Homes
ADI Homes

कल रात मैंने एक बूढ़े आदमी को देखा... वो अपने घर के सामने के नाले में गाड़ी खींच रहा था। उसके हाथ में एक चम्मच थी। कोई नहीं देख रहा था। लेकिन वो कर रहा था। ये ही असली बदलाव है।

अगस्त 10, 2024 at 08:51

Hitendra Singh Kushwah
Hitendra Singh Kushwah

ये जलभराव कोई आपदा नहीं... ये एक निर्माणात्मक अवसर है। जब शहर डूब रहा है, तो उसके नीचे छिपे दोष उजागर हो रहे हैं। इसका उपयोग करो। अगर आप इसे बर्बाद कर देंगे, तो अगली बार बारिश आपके घर के छत पर बरसेगी।

अगस्त 11, 2024 at 05:51

Shubham Yerpude
Shubham Yerpude

यह सब एक वैश्विक जल नियंत्रण अभियान का हिस्सा है। आप नहीं जानते, लेकिन ये जलभराव एक नियंत्रित विस्फोट है जिसका उद्देश्य शहरी जनसंख्या को घटाना है। जल निकासी की बात मत करो। ये सब एक विशाल नियोनाजी योजना है।

अगस्त 12, 2024 at 23:39

Hemant Kumar
Hemant Kumar

हमारे पास जल निकासी के लिए एक योजना है, लेकिन उसे लागू करने का निर्णय लेने वाले लोग उसे देखने तक नहीं आते। बारिश आ गई, अब बात करने की जगह काम करने का समय है।

अगस्त 13, 2024 at 17:48

Hardeep Kaur
Hardeep Kaur

मैं एक इंजीनियर हूँ। दिल्ली के 7 इलाकों में जल निकासी नालों का आकार 1980 के दशक के अनुसार है। आज के जनसंख्या घनत्व के साथ ये नाले बिल्कुल अपर्याप्त हैं। सुधार के लिए 5000 करोड़ की जरूरत है। और हाँ, ये एक विकास नहीं, बल्कि एक अधिकार है।

अगस्त 15, 2024 at 03:41

Ashwin Agrawal
Ashwin Agrawal

मैंने देखा कि एक लड़की अपने बैग के साथ बारिश में चल रही थी। उसके पैरों के नीचे पानी था, लेकिन उसके चेहरे पर मुस्कान थी। शायद वो जानती थी कि ये सब बदलेगा। और मैंने भी वहीं से एक बूंद उठाई और अपने घर के बाहर एक छोटा सा नाला बनाने का फैसला किया।

अगस्त 15, 2024 at 11:53

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