कन्नड़ फिल्म निर्माता गुरु प्रसाद की बेंगलुरु में आत्महत्या, अपार्टमेंट में दिनों बाद मिला शव
Posted on नव॰ 3, 2024 by मेघना सिंह
कन्नड़ सिनेमा जगत में शोक की लहर
कन्नड़ फिल्म उद्योग में शोक की लहर दौड़ गई है, जब मशहूर फिल्म निर्माता गुरु प्रसाद का निधन उनके बेंगलुरु स्थित आवास पर हुआ बताया गया है। 52 वर्षीय गुरु प्रसाद का नाम कन्नड़ सिनेमा में एक विलक्षण निर्देशक के रूप में जाना जाता था। उनकी फिल्मों 'माता', 'एद्देलू मंजूनाथा', और 'डायरेक्टर स्पेशल' ने दर्शकों के दिल में खास जगह बनाई थी। उनका निधन न केवल एक व्यक्तिगत हानि है, बल्कि यह एक बड़ा सांस्कृतिक नुकसान भी है।
आर्थिक दबाव में थे गुरु प्रसाद
गुरु प्रसाद को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था, जिसके चलते उन्होंने यह कठोर कदम उठाया। उन्होंने हाल ही में पुनः विवाह किया था, और इसके तुरंत बाद ही आर्थिक चुनौतियाँ बढ़ गईं। उनके द्वारा लिए गए कुछ उधारी और अधूरी खरीददारी के आरोप भी लगाए जा रहे थे। ऐसी परिस्थितियों में उनके ऊपर मानसिक और आर्थिक दबाव बढ़ गया था।
फिल्म 'अदेमा' पर काम कर रहे थे
गुरु प्रसाद अपनी नवीनतम फिल्म 'अदेमा' पर काम कर रहे थे, जो उनके महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में से एक थी। यह फिल्म निर्माण के दौर में थी और ऐसा माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट में भी उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। विशेषकर वित्तीय परेशानियाँ उनकी आकांक्षाओं पर बाधा बन रही थीं। यह फिल्म उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, लेकिन दुर्भाग्यवश यह अधूरी ही रह गई।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
गुरु प्रसाद के निधन की खबर के बाद सोशल मीडिया पर बहुत प्रतिक्रिया देखने को मिली। 3 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे के आसपास इंटरनेट पर 'गुरु प्रसाद' के खोज शब्द में बहुत बड़ी वृद्धि हुई, खासकर कर्नाटक में, उसके बाद गोवा और आंध्र प्रदेश में। इस तरह की प्रतिक्रियाएँ यह दर्शाती हैं कि उनके काम ने कितने व्यापक रूप से प्रभाव डाला था।
पुलिस जांच में जुटी
पुलिस अधिकारी यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि गुरु प्रसाद के निधन की सटीक तिथि और समय क्या था। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिल रहे हैं कि उन्होंने आत्महत्या की, परंतु इसके पीछे के कारणों की स्पष्टता अभी बाकी है। उनके परिवार और मित्र भी इस दुखद घटना की खबर से स्तब्ध हैं और वे भी जांच में सहयोग कर रहे हैं। पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि इस केस से जुड़ी हर छानबीन पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
फिल्म उद्योग में गुरु प्रसाद की विरासत
कन्नड़ फिल्म जगत में गुरु प्रसाद के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने सामाजिक विषयों पर आधारित फिल्मों को प्रस्तुत किया, जिनमें गहरी अंतर्दृष्टि के साथ संवाद होते थे। उनकी कहानी कहने की शैली ने कभी भी पारंपरिक ढांचे का पालन नहीं किया, बल्कि हमेशा कुछ नया सामने रखा।
उनकी फिल्मों ने हमेशा ही दर्शकों को सोचने पर मजबूर किया और यही उनके काम की सबसे बड़ी विशेषता रही। यह कहना गलत नहीं होगा कि कन्नड़ फ़िल्म उद्योग ने अपनी अद्वितीय प्रतिभा को खो दिया है। उनका यह आकस्मिक निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ा धक्का है, जिसे फिलहाल पाटना मुश्किल होगा।