लवलीना बोर्गोहाइन का ओलंपिक सफर क्वार्टरफ़ाइनल में खत्म, भारत की बॉक्सिंग कैम्पेन का अंत

4अगस्त

Posted on अग॰ 4, 2024 by मेघना सिंह

लवलीना बोर्गोहाइन का ओलंपिक सफर क्वार्टरफ़ाइनल में खत्म, भारत की बॉक्सिंग कैम्पेन का अंत

लवलीना बोर्गोहाइन का ओलंपिक सफर पैरिस खेलों के क्वार्टरफाइनल में एक कठिन संघर्ष के बाद समाप्त हो गया जब वह चीन की ली कियान से 1-4 से हार गईं। भारतीय बॉक्सर ने टोक्यो ओलंपिक में अद्वितीय प्रदर्शन कर ब्रॉन्ज मेडल जीता था, लेकिन इस बार उनकी कोशिशें रंग नहीं ला पाईं।

क्वार्टरफाइनल मुकाबला

लवलीना और ली कियान के बीच का मुकाबला अत्यंत चुनौतीपूर्ण था। दोनों बॉक्सरों ने अक्सर क्लिंचिंग और होल्डिंग का सहारा लिया, जिसके चलते उन्हें कई बार चेतावनी दी गई। ली कियान ने लड़ाई के दौरान संयम और सटीकता से क्लीन कॉम्बिनेशन पंच लगाए, जिससे लवलीना को संघर्ष करना पड़ा। मुकाबले के दौरान, लवलीना ने कई बार प्रयास किए लेकिन वह गति को नियंत्रित नहीं कर पाई और काउंटर-अटैक में अनियमित हिट्स का सामना करना पड़ा।

भविष्य की रणनीतियां

यह हार लवलीना के लिए चिंतन का अवसर बनेगा और वह भविष्य के प्रतियोगिताओं के लिए अपनी रणनीति में सुधार लाने के लिए इसका उपयोग कर सकेंगी। ली कियान के खिलाफ यह उनका पहला मुकाबला नहीं था, इससे पहले भी उन्होंने एशियाई खेलों के फाइनल में ली कियान से हार का सामना किया था और विश्व चैंपियनशिप 2023 में सेमीफाइनल में उन्हें हराया था।

पारंपरिक तौर पर कठिन मुकाबलों में अपनी लड़ने की रणनीति में सुधार करना बेहद आवश्यक है। इस हार के बाद लवलीना का खेल के प्रति समर्पण और भी बढ़ेगा और वे अपने कोचिंग स्टाफ के साथ मिलकर आने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स की बेहतर तैयारी करेंगी।

भारत की बॉक्सिंग कैम्पेन

लवलीना की हार के साथ ही भारत की बॉक्सिंग कैम्पेन भी समाप्त हो गई। इस बार ओलंपिक में भारत ने छह स्तरीय बॉक्सरों की टीम भेजी थी, जिसमें चार महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे। इस टीम का प्रदर्शन मिश्रित रहा, जिसमें कुछ ने अपने पहले ही मुकाबले में हार का सामना किया और कुछ ने शानदार तरीके से आगे बढ़े।

निशांत देव का सफर

निशांत देव, जो पुरुषों के 71 किग्रा वर्ग में खेल रहे थे, भी क्वार्टरफाइनल में हार गए। यह हार टीम के लिए एक बड़ा झटका था, जो एक मजबूत प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन के बाद यहाँ तक पहुंचे थे। उनके लिए भी यह हार एक महत्वपूर्ण सीख बनेगी और वह आगामी प्रतियोगिताओं में अपनी तकनीक और रणनीति में सुधार करेंगे।

संघर्ष और उम्मीदें

कुल मिलाकर, भारतीय बॉक्सिंग टीम ने ओलंपिक में मजबूत दावेदारी पेश की, लेकिन अंतिम पदक जीतने में नाकाम रही। यह सफर उन युवा बॉक्सरों के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा जो देश का नाम रोशन करने का सपना देखते हैं।

लवलीना बोर्गोहाइन का इस ओलंपिक में सफर भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन उनकी मेहनत और संघर्ष ने देशवासियों के दिलों में एक अलग जगह बनाई है। हम उम्मीद करते हैं कि वह आने वाले समय में और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगी और देश का नाम ऊंचा करेंगी।

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