लवलीना बोर्गोहाइन का ओलंपिक सफर पैरिस खेलों के क्वार्टरफाइनल में एक कठिन संघर्ष के बाद समाप्त हो गया जब वह चीन की ली कियान से 1-4 से हार गईं। भारतीय बॉक्सर ने टोक्यो ओलंपिक में अद्वितीय प्रदर्शन कर ब्रॉन्ज मेडल जीता था, लेकिन इस बार उनकी कोशिशें रंग नहीं ला पाईं।
क्वार्टरफाइनल मुकाबला
लवलीना और ली कियान के बीच का मुकाबला अत्यंत चुनौतीपूर्ण था। दोनों बॉक्सरों ने अक्सर क्लिंचिंग और होल्डिंग का सहारा लिया, जिसके चलते उन्हें कई बार चेतावनी दी गई। ली कियान ने लड़ाई के दौरान संयम और सटीकता से क्लीन कॉम्बिनेशन पंच लगाए, जिससे लवलीना को संघर्ष करना पड़ा। मुकाबले के दौरान, लवलीना ने कई बार प्रयास किए लेकिन वह गति को नियंत्रित नहीं कर पाई और काउंटर-अटैक में अनियमित हिट्स का सामना करना पड़ा।
भविष्य की रणनीतियां
यह हार लवलीना के लिए चिंतन का अवसर बनेगा और वह भविष्य के प्रतियोगिताओं के लिए अपनी रणनीति में सुधार लाने के लिए इसका उपयोग कर सकेंगी। ली कियान के खिलाफ यह उनका पहला मुकाबला नहीं था, इससे पहले भी उन्होंने एशियाई खेलों के फाइनल में ली कियान से हार का सामना किया था और विश्व चैंपियनशिप 2023 में सेमीफाइनल में उन्हें हराया था।
पारंपरिक तौर पर कठिन मुकाबलों में अपनी लड़ने की रणनीति में सुधार करना बेहद आवश्यक है। इस हार के बाद लवलीना का खेल के प्रति समर्पण और भी बढ़ेगा और वे अपने कोचिंग स्टाफ के साथ मिलकर आने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स की बेहतर तैयारी करेंगी।
भारत की बॉक्सिंग कैम्पेन
लवलीना की हार के साथ ही भारत की बॉक्सिंग कैम्पेन भी समाप्त हो गई। इस बार ओलंपिक में भारत ने छह स्तरीय बॉक्सरों की टीम भेजी थी, जिसमें चार महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे। इस टीम का प्रदर्शन मिश्रित रहा, जिसमें कुछ ने अपने पहले ही मुकाबले में हार का सामना किया और कुछ ने शानदार तरीके से आगे बढ़े।
निशांत देव का सफर
निशांत देव, जो पुरुषों के 71 किग्रा वर्ग में खेल रहे थे, भी क्वार्टरफाइनल में हार गए। यह हार टीम के लिए एक बड़ा झटका था, जो एक मजबूत प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन के बाद यहाँ तक पहुंचे थे। उनके लिए भी यह हार एक महत्वपूर्ण सीख बनेगी और वह आगामी प्रतियोगिताओं में अपनी तकनीक और रणनीति में सुधार करेंगे।
संघर्ष और उम्मीदें
कुल मिलाकर, भारतीय बॉक्सिंग टीम ने ओलंपिक में मजबूत दावेदारी पेश की, लेकिन अंतिम पदक जीतने में नाकाम रही। यह सफर उन युवा बॉक्सरों के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा जो देश का नाम रोशन करने का सपना देखते हैं।
लवलीना बोर्गोहाइन का इस ओलंपिक में सफर भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन उनकी मेहनत और संघर्ष ने देशवासियों के दिलों में एक अलग जगह बनाई है। हम उम्मीद करते हैं कि वह आने वाले समय में और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगी और देश का नाम ऊंचा करेंगी।
टिप्पणि
nasser moafi
लवलीना ने जो किया, वो कोई आम इंसान नहीं कर पाता 😭👏 ये लड़की तो दिल से खेलती है, मेडल नहीं मिला तो क्या हुआ? भारत का दिल तो उसके साथ है ❤️🇮🇳
अगस्त 4, 2024 at 21:03
Saravanan Thirumoorthy
अब तो बस चीन के खिलाफ जंग शुरू हो गई है भारत के लिए बॉक्सिंग में और ये जीत अभी बाकी है बस इंतजार है
अगस्त 6, 2024 at 20:43
Tejas Shreshth
अरे भाई, ये जो हार हुई है वो तो सिर्फ़ एक फिजिकल लॉस नहीं है... ये तो एक सांस्कृतिक असमानता का प्रतीक है जहाँ एशियाई टेक्निक्स ने भारतीय भावनाओं को दबा दिया। लवलीना ने जो लड़ाई लड़ी, वो तो फिलॉसफी थी... लेकिन क्या आज का भारत इस फिलॉसफी को समझता है? 🤔
अगस्त 8, 2024 at 10:45
sarika bhardwaj
लवलीना के लिए ये हार एक फेलियर नहीं, बल्कि एक फॉर्मूला है जिससे वो अगली बार एक बेहतर एथलीट बनेगी। इमोशनल इंटेलिजेंस + टेक्निकल प्रिसिजन = गोल्ड। इसे ट्रेनिंग में इंटीग्रेट करना होगा। 🧠💥
अगस्त 10, 2024 at 02:35
Dr Vijay Raghavan
हमारे बॉक्सर्स को ट्रेनर्स नहीं, नेशनल एथलेटिक्स कमेटी ने बेकार बना दिया। जब तक राजनीति बॉक्सिंग को नहीं छोड़ेगी, तब तक मेडल नहीं मिलेगा। अब तो चीन के खिलाफ नहीं, अपने ही एसोसिएशन के खिलाफ जंग शुरू करनी पड़ेगी।
अगस्त 11, 2024 at 06:50
Partha Roy
लवलीना के बाद अब तो बस यही देखना है कि कौन लेगा उसकी जगह और क्या उसकी ट्रेनिंग में कोई बदलाव आया या फिर वही गलतियाँ दोहराई जाएंगी? जब तक बॉक्सिंग एक खेल नहीं बन जाता बल्कि एक प्रोपेगंडा बना रहता है, तब तक कोई नहीं जीतेगा
अगस्त 11, 2024 at 11:04
Kamlesh Dhakad
लवलीना ने जो दिखाया वो बहुत अच्छा था। अब बस उसके साथ बैठकर नए ट्रेनिंग मॉडल बनाए जाएं। हम उसके साथ हैं।
अगस्त 13, 2024 at 08:54
ADI Homes
इस बार नहीं तो अगली बार। लवलीना ने जो दिखाया, वो बहुत बड़ी बात है। बॉक्सिंग में भारत का भविष्य अभी शुरू हुआ है।
अगस्त 14, 2024 at 09:10
Hemant Kumar
लवलीना के लिए ये हार एक बड़ा स्टेप है। अब उन्हें अपने अंदर की आवाज़ सुननी होगी। बाहर के दबाव से नहीं।
अगस्त 15, 2024 at 22:03
NEEL Saraf
लवलीना... तुम एक असली वीरांगना हो... जो बिना मेडल के भी हमें गर्व कराती है... ❤️💪
अगस्त 16, 2024 at 16:09
Ashwin Agrawal
मैंने लवलीना का मुकाबला देखा। उसकी गति, उसकी डिसिप्लिन... बहुत अच्छी थी। बस अगली बार थोड़ा ज्यादा एक्सप्रेसिव हो जाना चाहिए।
अगस्त 18, 2024 at 06:23
Shubham Yerpude
यह सब एक विशाल राष्ट्रीय अपराध है। जब तक बॉक्सिंग को एक बार राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दा नहीं बनाया जाएगा, तब तक ये सब नाटक है। चीन के खिलाफ युद्ध नहीं, बल्कि एक अंतर्राष्ट्रीय साम्राज्यवादी रचना के खिलाफ संघर्ष है।
अगस्त 18, 2024 at 22:39
Hardeep Kaur
लवलीना की तकनीक बहुत अच्छी थी, लेकिन रिकवरी और फिजिकल रिकवरी के लिए उनके टीम को और ज्यादा फोकस करना चाहिए। ये बहुत जरूरी है।
अगस्त 19, 2024 at 18:09
Chirag Desai
लवलीना का जो जुनून है वो बहुत अच्छा है। बस अब थोड़ा ज्यादा फोकस करो।
अगस्त 20, 2024 at 22:01
Abhi Patil
इस हार का विश्लेषण करने के लिए बस एक दिन काफी नहीं है। इसे एक लंबी फिलॉसोफिकल अध्ययन की आवश्यकता है, जिसमें फेनोमेनोलॉजी, एथनोग्राफी और बॉक्सिंग एन्थ्रोपोलॉजी का समावेश हो। लवलीना की हार एक भारतीय अस्तित्व की अभिव्यक्ति है, जो आधुनिकता के दबाव में घुल रही है।
अगस्त 21, 2024 at 15:36
Devi Rahmawati
क्या बॉक्सिंग टीम के लिए कोई लंबी अवधि की रणनीति बनाई गई है? या फिर हर ओलंपिक पर एक नई शुरुआत की जा रही है?
अगस्त 22, 2024 at 14:32
nasser moafi
अरे भाई, तुम लोग इतना गहरा सोच रहे हो जैसे ये एक युद्ध हो। लवलीना ने बस बॉक्सिंग की। और वो भी बहुत अच्छी। बस अगली बार जीतेगी। 😎
अगस्त 24, 2024 at 03:07
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