सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच: छोटे निवेशकों के लिए कड़ा कदम, फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग में भारी नुकसान पर बोले

31जुलाई

Posted on जुल॰ 31, 2024 by मेघना सिंह

सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच: छोटे निवेशकों के लिए कड़ा कदम, फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग में भारी नुकसान पर बोले

सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच का बड़ा बयान

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने हाल ही में एक अहम मुद्दे पर अपनी चिंता जताई है। उन्होंने फ्यूचर्स और ऑप्शंस (एफ एंड ओ) ट्रेडिंग में घरेलू निवेशकों के बड़े पैमाने पर हो रहे नुकसान पर कड़ा रुख अपनाया है। बुच ने बताया कि घरेलू निवेशक सालाना लगभग 60,000 करोड़ रुपये का नुकसान झेल रहे हैं। इस भारी नुकसान को देखते हुए उन्होंने नियामकीय हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि छोटे निवेशकों को इन जोखिमों से बचाया जा सके।

ट्रेडिंग में हो रहे नुकसान और सुधारों की आवश्यकता

माधवी पुरी बुच ने कहा कि फ्यूचर्स और ऑप्शंस में होने वाले नुकसान को अन्य निवेशिक क्षेत्रों में जैसे कि शुरुआती सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) या म्यूचुअल फंड्स में लगाया जा सकता था, जिससे अधिक उत्पादकता प्राप्त होती। पिछले तीन वर्षों में डेरिवेटिव्स सेगमेंट में व्यापार की मात्रा में बड़ी वृद्धि देखी गई है। 2018 में इंडेक्स ऑप्शंस का टर्नओवर 4.5 लाख करोड़ रुपये था, जो 2024 में बढ़कर 140 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसी अवधि में डेरिवेटिव्स सेगमेंट का कुल टर्नओवर 210 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 500 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

उन्होंने कहा कि एफ एंड ओ सेगमेंट की 90% ट्रेडिंग में निवेशकों को नुकसान हो रहा है। इतने बड़े पैमाने पर हो रहे नुकसान को रोकने के लिए सेबी ने कड़े नियमों का प्रस्ताव दिया है ताकि छोटे निवेशक इन उच्च जोखिम वाली गतिविधियों से सुरक्षित रह सकें। उन्होंने यह भी बताया कि उचित केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) पंजीकरण प्रणाली की महत्ता है ताकि बाजार में हानिकारक खिलाड़ियों के प्रवेश को रोका जा सके।

पेटीएम जैसी गड़बड़ियों से निपटने की योजना

पेटीएम जैसी गड़बड़ियों से निपटने की योजना

माधवी पुरी बुच ने पेटीएम जैसी गड़बड़ियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सेबी इस तरह के मामलों से निपटने के लिए सख्त कदम उठाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि सेबी किसी भी संभावित समस्या को नियंत्रित करेगी ताकि बड़े बाजार को इन समस्याओं से बचाया जा सके। भारतीय बाजार में पिछले कुछ वर्षों की तुलना में डेरिवेटिव्स सेगमेंट में महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिली है, लेकिन इस वृद्धि के साथ ही जोखिम भी बढ़े हैं।

अनिवासी भारतीय निवेशकों की चुनौतियाँ

इसके अलावा, बुच ने अनिवासी भारतीय (एनआरआई) निवेशकों की समस्याओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि एनआरआई म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हैं। सेबी इस समस्या को गंभीरता से ले रही है और उद्योग प्रतिक्रिया को प्राप्त करने के लिए तत्पर है ताकि एनआरआई निवेशकों के लिए निवेश प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।

निवेशकों की सुरक्षा: एक प्रमुख प्राथमिकता

निवेशकों की सुरक्षा: एक प्रमुख प्राथमिकता

माधवी पुरी बुच ने यह भी स्पष्ट किया कि सेबी की प्राथमिकता छोटे निवेशकों की सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि निवेशक अपने धन का निवेश करते समय सावधानी बरतें और संभावित जोखिमों से अवगत रहें। सेबी निवेशकों को शिक्षित करने के साथ-साथ आवश्यक नियामकीय सुधारों को लागू करने की दिशा में लगातार काम कर रही है। बुच ने निवेशकों को सलाह दी कि वे अपने निवेश से पहले उचित शोध और सलाह लें ताकि अनावश्यक जोखिमों से बचा जा सके।

इसके साथ ही उन्होंने वित्तीय संस्थानों और ब्रोकरों से भी आग्रह किया कि वे अपने ग्राहकों को सही जानकारी प्रदान करें और उन्हें जिम्मेदार तरीके से निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करें। फ्यूचर्स और ऑप्शंस ट्रेडिंग में ऊँचे जोखिम होते हैं और इसके बारे में पूर्ण जानकारी और समझ होना आवश्यक है।

सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच का यह कदम निश्चित रूप से छोटे निवेशकों के लिए एक राहत की बात है। उनके द्वारा उठाए गए कदमों से न केवल घरेलू निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि भारतीय बाजार में स्थिरता भी बनी रहेगी। वित्तीय साक्षरता और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे संगठनों के साथ मिलकर सेबी नवाचार और सुधार की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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