विनेश फोगाट ने मौजूदा गोल्ड मेडलिस्ट यूई सुसाकी को हराकर पेरिस ओलंपिक 2024 के क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह
Posted on अग॰ 6, 2024 by मेघना सिंह
विनेश फोगाट का ऐतिहासिक प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने एक नाटकीय पलटाव करते हुए जापान की मौजूदा गोल्ड मेडलिस्ट और चार बार की वर्ल्ड चैंपियन यूई सुसाकी को हराकर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह बना ली है। सुसाकी, जिनका अब तक का अंतरराष्ट्रीय करियर अजेय रहा था, इस हार के साथ एक बड़ा झटका महसूस कर रही होंगी। विनेश की इस जीत ने न सिर्फ भारतीय कुश्ती में बल्कि खेल जगत में भी एक नया इतिहास रचा है।
चुनौतियों के बावजूद मजबूती
29 वर्षीय विनेश ने पिछले साल कुश्ती से एक बड़ा ब्रेक लिया था ताकि वे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व प्रमुख बृज भूषण सिंह शरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर सकें, जिन पर उन्होंने अनुचित आचरण का आरोप लगाया था। इस बीच विनेश ने खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूती से तैयार किया और पेरिस ओलंपिक में एक मजबूत वापसी की।
हालांकि मैच की शुरुआत में विनेश 0-2 से पिछड़ रही थीं, लेकिन अंतिम पांच सेकेंड में उन्होंने एक निर्णायक टैकडाउन किया, जिससे उन्हें तीन पॉइंट्स हासिल हुए और उन्होंने 3-2 से जीत दर्ज की। जापानी टीम ने इस फैसले को चुनौती दी, लेकिन जब फैसला उल्टा हो गया, तो विनेश को एक अतिरिक्त पॉइंट मिला, जिससे उनकी जीत सुनिश्चित हो गई।
तीसरे ओलंपिक की सफलता
विनेश, जो कि अपने पिछले दो ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाई थीं, ने इस बार खुद को एक अलग ही स्तर पर स्थापित कर दिया है। पेरिस ओलंपिक के लिए योग्यता प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पार कर, वह लगातार तीन ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं।
दृढ़ता और नेतृत्व
विनेश का यह ज़रूरी सफर असानी से नहीं गुजरा। 2016 के रियो ओलंपिक में गंभीर एसीएल चोट और घुटने की सर्जरी के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। इन कठोरताओं के बावजूद, उनकी दृढ़ता उन्हें आज इस मुकाम तक ले आई है।
विनेश की इस जीत पर व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों ही स्तरों पर जोरदार प्रतिक्रिया हुई। उनके कोच वोलर अकोस ने उन्हें गले लगाया, और यह दृश्य बहुत ही भावुक कर देने वाला था। उनका कहना था कि यह जीत उनकी छात्रा की कड़ी मेहनत और धैर्य का प्रतिक है।
भविष्य की चुनौतियां
विनेश की राह में अभी भी कई और मुकाबले बाकी हैं। इसके बावजूद, उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी जीत सिर्फ कुश्ती में महारत की नहीं, बल्कि अनगिनत संघर्षों के बावजूद अपने लक्ष्य को पाने की उनकी अडिग इच्छा की भी जीत है।
नेरज चोपरा, जो पुरुषों के भाला फेंक फाइनल के लिए क्वालिफाई कर चुके हैं, ने विनेश की जीत को 'अवास्तविक' कहा और उम्मीद जताई कि वह एक पदक जीतेंगी। इस तरह भारतीय कुश्ती में पहले कभी नहीं देखी गई यह जीत विनेश फोगाट को और भी नए ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।