21 अप्रैल 2025 को सोना‑चांदी की कीमतें चढ़ीं, दिल्ली‑मुंबई में नई ऊँचाइयाँ

3अक्तूबर

Posted on अक्तू॰ 3, 2025 by Devendra Pandey

21 अप्रैल 2025 को सोना‑चांदी की कीमतें चढ़ीं, दिल्ली‑मुंबई में नई ऊँचाइयाँ

जब राहुल वर्मा, निदेशक India Bullion and Jewellers Association ने 21 अप्रैल 2025 को हुई Gold Price Updateदिल्ली की घोषणा की, तो बाजार में हलचल मच गई। सोना‑चांदी के निवेशकों ने एक ही सुबह दोनोँ धातुओं की नई ऊँचाइयों को नोटिस किया, और यह खबर तुरंत देश‑भर में फैल गई।

कीमतों में नज़र आयी उछाल

इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आधिकारिक पोर्टल ibjarates.com के अनुसार, 24 कарат का सोना पिछले बंदर के ₹94,910 से कूदकर ₹96,670 प्रति 10 ग्राम हो गया, यानी हर 10 ग्राम पर ₹1,760 का इज़ाफ़ा। यही नहीं, 999 शुद्धता वाला चांदी भी ₹95,151 से ऊपर उठकर ₹96,242 प्रति किलोग्राम पर पहुँच गया, जिससे प्रति किलोग्राम ₹1,091 का बढ़ावा मिला।

सप्ताहांत में इस उछाल को ‘गैप‑अप’ कहा जाता है, जहाँ बंद कीमत और ओपन कीमत में बड़ी फ़रक होती है। इस बार सोने ने ₹1,677 की गैप‑अप बेंचमार्क तोड़ी, जबकि चांदी ने भी ₹1,000 से ऊपर की छलांग लगी।

शहर‑दर‑शहर दरें

भिन्न‑भिन्न मेट्रो शहरों में 24 कарат सोने की कीमतें थोड़ी‑बहुत बदलती दिखी। दिल्ली में 24 कарат सोना ₹97,720 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड हुआ, जबकि मुंबई में यह ₹97,570 पर था। (दोनों शहर में 22 कарат सोना लगभग ₹89,590 के आसपास स्थिर रहा)। चेन्नई, कोलकाता, जयपुर और बैंगलोर ने भी इसी सीमा के अंदर कीमतें दी।

चांदी की बात करें तो अधिकांश जगहें ₹99,900 प्रति किलोग्राम से ऊपर ट्रेड हो रही थीं, खासकर उत्तर भारत के बड़े बाजारों में। यह संकेत देता है कि निवेशकों का भरोसा अब सिर्फ सोने तक सीमित नहीं, बल्कि चांदी तक भी विस्तार रहा है।

विशेषज्ञों की राय

ज्योति सिंह, प्रमुख विश्लेषक, भारतीय रत्न एक्सचेंज, ने कहा, "वैश्विक मैक्रो‑इकोनॉमी में दर‑दर की अनिश्चितता के चलते निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं, और सोना‑चांदी दोनों ही इस खिंचाव का फायदा उठा रहे हैं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका की फेडरल रिज़र्व की ब्याज दर नीति का असर सीधे भारतीय मेटल मार्केट पर पड़ता है।

एक और उद्योग अंदरूनी सूत्र, राजेश लेह्री, ने बताया कि "अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है जो बताए कि इस ट्रेंड में गिरावट आएगी। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमत $3,200 से ऊपर बनी रहती है, तो भारत में 24 कарат सोने की कीमत अभी भी ₹98,000 से ऊपर जा सकती है।"

भविष्य में क्या हो सकता है?

आगामी कुछ हफ्तों में दो चीज़ें नजर में रहनी चाहिए: पहला, यूएस डॉलर की ताकत और दूसरी, भारत में मौद्रिक नीति की दिशा। अगर डॉलर की कीमत और बढ़ती है तो सोने की कीमतें भी ऊपर जा सकती हैं। वहीं, RBI की रेट‑कट या वृद्धि सीधे निवेशकों के लिए तौर‑तरीके बदल सकती है।

संक्षेप में, इस साल सोने‑चांदी की कीमतें रिकॉर्ड‑तोड़ रेज़िस्टेंस दिखा रही हैं। हालांकि, बाजार में कभी‑कभी छोटे‑छोटे उतार‑चढ़ाव देखे जा सकते हैं, पर लंबी अवधि की तस्वीर अभी भी बुलिश ही लगती है।

मुख्य तथ्य

  • 24 कарат सोने की नई कीमत: ₹96,670 / 10 ग्राम (IBJA)
  • 999 शुद्धता चांदी की नई कीमत: ₹96,242 / किलोग्राम (IBJA)
  • दिल्ली में 24 कарат सोना: ₹97,720 / 10 ग्राम
  • मुम्बई में 24 कарат सोना: ₹97,570 / 10 ग्राम
  • चांदी कई शहरों में ₹99,900 / किलोग्राम से ऊपर

Frequently Asked Questions

सोना‑चांदी की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, कम फ़ेडरल रिज़र्व रेट और भारतीय निवेशकों का सुरक्षित संपत्ति की ओर झुकाव इस उछाल के मुख्य कारण हैं। डॉलर की मजबूत स्थिति भी भारतीय मेटल मार्केट को समर्थन देती है।

क्या छोटे निवेशकों को अभी भी सोना खरीदना चाहिए?

बहुत से वित्तीय सलाहकार छोटे निवेशकों को सोने को लघु मात्रा में, जैसे 1 ग्राम या 5 ग्राम, रखने की सलाह देते हैं। वर्तमान कीमतें थोड़ी महंगी हैं, पर भविष्य में संभावित लाभ को देखते हुए यह दीर्घकालिक निवेश माना जा सकता है।

चांदी की कीमतें कब 1 लाख रुपये के स्तर को पार करेंगी?

यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतें लगातार $30 से ऊपर रहती हैं और भारतीय रफ़्तार में कोई बड़ी मंदी नहीं आती, तो अगले 2‑3 महीनों में कई बड़े शहरों में चांदी ₹1,00,000 प्रति किलोग्राम से ऊपर जा सकती है।

RBI की मौद्रिक नीति का सोने‑चांदी पर क्या असर है?

अगर RBI ब्याज दरें घटाती है तो ऋण लागत कम होगी, जिससे निवेशक अधिक जोखिम ले सकते हैं और सोने‑चांदी की माँग घट सकती है। इसके उलट, अगर दरें बढ़ती हैं तो निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख करेंगे, जिससे कीमतें बढ़ सकती हैं।

क्या इस हफ्ते के अंत में कीमतों में बदलाव की संभावना है?

बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सप्ताहांत थोड़ा स्थिर रहेगा, लेकिन अंतरराष्ट्रीय संकेतकों में कोई बड़ा बदलाव आने पर कीमतों में हल्का उतार‑चढ़ाव देख सकते हैं। कुल मिलाकर बड़ी गिरावट की संभावना कम है।

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टिप्पणि

Nilanjan Banerjee
Nilanjan Banerjee

आज के सोने‑चांदी के मूल्य उछाल को अभूतपूर्व कहा जा सकता है।
भारतीय बाजार में 24 कарат सोने की कीमत ₹96,670 प्रति 10 ग्राम पहुंच गई है, जो पिछले बंद मूल्य से ₹1,760 की वृद्धि दर्शाता है।
इस बढ़ोतरी के साथ ही 999 शुद्धता वाली चांदी ने भी ₹96,242 प्रति किलोग्राम का नया उच्चतम स्तर हासिल किया है।
विशेष रूप से दिल्ली‑मुंबई में इस अंतर को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जहाँ दिल्ली में कीमत ₹97,720 और मुंबई में ₹97,570 पाई गई।
इस प्रकार के गैप‑अप को अक्सर ‘गैप‑अप’ कहा जाता है, जहाँ ओपन और क्लोज़ कीमत में बड़ी फ़रक मौजूद होती है।
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, फेडरल रिज़र्व की दर नीति में नरमी, तथा डॉलर की मजबूती इस उछाल के मुख्य कारण हैं।
निवेशकों ने सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोना‑चांदी को अपना प्राथमिक विकल्प बना लिया है, जिससे मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
इस संदर्भ में, आयआरजेए के निदेशक राहुल वर्मा ने कहा कि यह प्रवृत्ति अल्पकालिक जलापों से परे है।
विशेषज्ञ ज्योति सिंह ने भी इस बात को दोहराते हुए कहा कि मैक्रो‑इकोनॉमी में अस्थिरता जारी रहने पर इस रुझान में गिरावट की संभावना न्यूनतम है।
आगे चलकर, यदि अमेरिकी डॉलर की ताकत बनी रहती है, तो भारतीय सोने की कीमतें ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम की सीमा को भी संभावित रूप से पार कर सकती हैं।
दूसरी ओर, यदि RBI मौद्रिक नीति में रेट‑कट लागू करती है, तो निवेशकों का जोखिम‑भरा रवैया कम हो सकता है और चांदी की कीमतें स्थिर हो सकती हैं।
इस व्यापक मूल्य उछाल ने भारतीय सुईयों में नज़र डाल रहे छोटे निवेशकों को भी बड़े पैरामीटर से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इस अभूतपूर्व आँकड़े के कारण भविष्य में सोने‑चांदी की कीमतें एक निश्चित स्तर पर स्थिर हो जाएगी।
लेकिन बाजार के उतार‑चढ़ाव को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संकेतकों के उत्थान‑न्यटन से।
संक्षेप में, वर्तमान में सोने‑चांदी दोनों ही सुरक्षित बंदोबस्त के रूप में स्थिरता प्रदान कर रहे हैं, परंतु सतर्कता कभी नहीं खोनी चाहिए।
इसलिए, निवेशकों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाते हुए, अपने पोर्टफ़ोलियो में उचित संतुलन बनाकर आगे बढ़ना चाहिए।

अक्तूबर 3, 2025 at 23:36

sri surahno
sri surahno

इस अचानक बढ़ी कीमतों के पीछे छिपी हुई शक्ति‑शत्रु योजनाओं की जाँच नहीं की गई तो हम अंधेरे में कदम रखेंगे।
अधिकांश मीडियाने इस बाजार में विदेशी अंडरवर्ल्ड के हस्तक्षेप को कवर नहीं किया है।
इंडिया बुलियन की रिपोर्ट भी शायद भौतिक रूप से निर्मित नहीं, बल्कि एक नियोजित षड्यंत्र का हिस्सा हो सकता है।
यदि वैश्विक बैंकर अपने फाइदा के लिये इस दबाव को बनाए रखेंगे, तो आम आदमी का भविष्य धुंधला हो जाएगा।
इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए और इस धुंधले परिदृश्य को समझने के लिए गहरी जांच करनी चाहिए।

अक्तूबर 5, 2025 at 07:53

Neha xo
Neha xo

ऐसा लगता है कि सोने‑चांदी का उछाल कुछ हद तक फेडरल रिज़र्व की नीति और डॉलर की मजबूती से प्रेरित है।
बाजार में निवेशक सुरक्षित हेज की ओर झुक रहे हैं, इसलिए यह मूल्यवृद्धि स्वाभाविक है।
देखते‑देखते हमें छोटे‑छोटे पोर्टफ़ोलियो में थोड़ा‑बहुत सोना या चांदी जोड़ना फायदेमंद लग रहा है।
फिर भी, अस्थायी अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए, सावधानी बरतना ज़रूरी है।

अक्तूबर 6, 2025 at 15:50

Rahul Jha
Rahul Jha

डॉलर बढ़ा, सोना उठेगा 😊

अक्तूबर 7, 2025 at 23:46

Gauri Sheth
Gauri Sheth

ऐसै उछाल़ में तो सबको लुभाने का भॉसिस है!
हम लोग तो रोज़मर्रा की जिंद्य़ में जँचे बिना ही सोचना शुरू कर देते हैँ की मँगा में भी सोना सीट पर रखना चाहिए।
गलती से थोड़ा टाइपो हो गया, पर इशोती बात ना बिनै ;)
ज्यादातर लोग ये सब देख के, अपना दिल भारी बनाते हैं।
आख़िर में देखेंगे क्या फाइदा होगा इस उछाल़ से।

अक्तूबर 9, 2025 at 07:43

om biswas
om biswas

ये सब ग़ैर‑हिसाब के सिद्धांत और कन्क्लूज़न तो बस उलझे हुए दिमाग़ की गूँज हैं।
यदि सोने‑चांदी की कीमतें मार्केट की मांग‑आपूर्ति से तय होती हैं, तो किसी षड्यंत्र की ज़रूरत नहीं।
कई बार लोग सामान्य कारणों को झूठे कनेक्शन में बदल देते हैं।
बजाय इस तरह की थ्योरी फैलाने के, हमें वास्तविक आँकड़े और नीतियों को समझना चाहिए।

अक्तूबर 10, 2025 at 15:40

sumi vinay
sumi vinay

दाल में हलवा मिल गया! ऊपर वाले ने ट्रेडिंग वैल्यू को बड़ा फाइदा दिया है, देखो तो सही।
हम सब मिलके इस पॉज़िटिव ट्रेंड को एन्हांस कर सकते हैं, थोड़ा‑बहुत निवेश करके रखो, आगे भी बढ़त दिखेगी।

अक्तूबर 11, 2025 at 23:36

Anjali Das
Anjali Das

तुम्हारी दावी में बहुत अतिरेक है।
अधिकांश आर्थिक डेटा खुलकर दिखा रहा है कि यह केवल सप्लाई‑डिमांड का प्राकृतिक संतुलन है, न कि कोई षड्यंत्र।
बिना सबूत के ऐसे बयान देना जिम्मेदारी के बाहर है।

अक्तूबर 13, 2025 at 07:33

Dipti Namjoshi
Dipti Namjoshi

विनीत मन से विचार करते हुए, यह देखना चाहिए कि वित्तीय ध्वनि‑संकल्पना हमारे सामाजिक ताने‑बाने को कैसे प्रभावित करती है।
सोना‑चांदी का मूल्यवृद्धि केवल आर्थिक संकेत नहीं, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक अभिरुचि की भी प्रतिबिंब है।
यदि हम इसे एक साधन के रूप में देखेंगे तो इस परिप्रेक्ष्य में निवेश के नए आयाम उभरेंगे।
आइए मिलकर इस आध्यात्मिक‑आर्थिक संवाद को आगे बढ़ाएँ।

अक्तूबर 14, 2025 at 15:30

Prince Raj
Prince Raj

उपरोक्त दार्शनिक विवेचन को ध्यान में रखते हुए, एसेट‑एलोकेशन फ्रेमवर्क में कॉरपोरेट बांड‑इक्विटी हेजिंग स्ट्रेटेजी को इंटीग्रेट करने से पोर्टफ़ोलियो रिस्क‑रेड्यूस़न मेट्रिक सुधर सकती है।
इंफ़्लेशन‑एडजस्टेड रिटर्न के साथ-साथ वोलैटिलिटी‑ड्रिवन वैल्यू एट्रिब्यूशन भी लागू करनी चाहिए।

अक्तूबर 15, 2025 at 23:26

Gopal Jaat
Gopal Jaat

समग्र रूप से, सोना और चांदी की कीमतें अभी उच्च स्तर पर हैं, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और दीर्घकालिक योजना बनानी चाहिए।

अक्तूबर 17, 2025 at 07:23