अर्शदीप सिंह को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो टी20आई से बाहर क्यों रखा गया? मोर्ने मोर्केल और अश्विन ने दिया जवाब
Posted on नव॰ 7, 2025 by Devendra Pandey
जब अर्शदीप सिंह को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो टी20आई मैचों से बाहर रखा गया, तो भारतीय क्रिकेट फैन्स के बीच एक तूफान आ गया। ये वो पल था जब भारत के सबसे सफल टी20आई गेंदबाज, जिन्होंने 101 विकेट लिए हैं, एक ऐसे टीम में बैठे थे जिसने मेलबर्न में केवल 125 रन बनाए और 13.2 ओवर में हार गई। वहीं, भारतीय क्रिकेट टीम के बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्केल ने एक शांत बयान दिया — ‘हम अन्य कॉम्बिनेशन ट्राई कर रहे हैं।’ लेकिन क्या ये सिर्फ ट्रायल था? या एक गलती?
मेलबर्न का धुंधला चित्र
2025 की 7 नवंबर को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर जब भारत की बल्लेबाजी टूट गई, तो सबकी नजरें गेंदबाजी पर टिक गईं। 125 रन का स्कोर एक ऐसा पिच पर बना जहां पेस बॉलर्स के लिए बाउंस और स्विंग दोनों मौजूद थे। ऑस्ट्रेलिया के जॉश हेजलवुड ने 3 विकेट लिए, लेकिन भारत के पेस अटैक में कोई डरावना नाम नहीं था। हर्षित राणा को चुना गया — एक बल्लेबाजी विकेटकीपर, जिसने 25 रन बनाए। लेकिन अर्शदीप को क्यों नहीं? उनकी डेथ ओवर्स की इकोनॉमी 8.92 है। उन्होंने 2024 टी20 विश्व कप में 17 विकेट लिए थे। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज उनके लेफ्ट-आर्म अंगल के खिलाफ अक्सर फंसते हैं।
मोर्ने मोर्केल का तर्क: टी20 विश्व कप के लिए ट्रायल
मोर्केल ने चौथे मैच से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘वह एक वर्ल्ड-क्लास बॉलर हैं। पावरप्ले में हमारे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले।’ लेकिन फिर उन्होंने एक बड़ा संकेत दिया — ‘हमें इन खिलाड़ियों को दबाव के तहत देखना है। वरना विश्व कप में अनजान रह जाएंगे।’ ये बात बहुत अहम है। भारत के पास 2026 टी20 विश्व कप से पहले सिर्फ 6-7 मैच हैं। अगर आप अर्शदीप को बैंच पर बैठाकर हर्षित को खेला रहे हैं, तो आप किसकी रिएक्शन टेस्ट कर रहे हैं? क्या हर्षित की बैटिंग इतनी जरूरी थी कि एक ऐसे गेंदबाज को बाहर रख दिया जाए जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार प्रदर्शन किया है?
अश्विन का तीखा प्रहार: ‘बुमराह को आराम दो’
रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल ‘अश की बात’ पर बयान देते हुए एक ऐसा सवाल उठाया जिसे कोई नहीं सुनना चाहता था — ‘अगर बुमराह खेल रहे हैं, तो अर्शदीप का नाम दूसरा होना चाहिए। अगर बुमराह नहीं खेल रहे, तो वह पहला नाम होना चाहिए।’ ये बात सीधे टीम मैनेजमेंट के दिमाग में घुस गई। अश्विन ने ये भी कहा — ‘अगर आप ट्रायल कर रहे हैं, तो बुमराह को आराम दो। उनका वर्कलोड मैनेजमेंट पहले से ही एक बड़ा मुद्दा है।’ ये बात बिल्कुल सही है। बुमराह को आखिरी दो साल में तीन बार आराम दिया गया है। अर्शदीप को तो बार-बार बैंच पर बैठाया जा रहा है। एक ऐसा खिलाड़ी जिसने लगातार विकेट लिए हैं, उसकी रिदम खराब हो रही है।
अर्शदीप का क्रिप्टिक इंस्टाग्राम पोस्ट
हॉबर्ट के तीसरे मैच से ठीक पहले, अर्शदीप सिंह ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा — ‘जो बीज बोओगे, वही फल पाओगे।’ ये बयान सिर्फ एक पोस्ट नहीं था। ये एक संदेश था। एक ऐसा संदेश जो दर्द को शब्दों में बदल देता है। उन्होंने कोई नाम नहीं लिया, लेकिन हर कोई समझ गया। इस बात का इतिहास नहीं बदल सकता — उन्होंने 2024 के विश्व कप में 17 विकेट लिए, दूसरे नंबर पर रहे। उन्होंने ओडीआई सीरीज में भी 3 विकेट लिए। लेकिन फिर भी, बैंच पर बैठे।
पिच, परंपरा और बुद्धि
मेलबर्न का पिच बाउंस देता था। लेकिन टीम ने एक और स्पिनर को चुना। क्या ये बुद्धि का फैसला था? या बाहरी दबाव का नतीजा? भारतीय टीम अक्सर डेथ ओवर्स में स्पिनर्स को पसंद करती है, लेकिन जब बारिश नहीं हो रही हो, और पिच तेज हो, तो पेस अटैक का वरीयता देना जरूरी होता है। अर्शदीप के बिना, भारत के पास सिर्फ एक टॉप-क्लास पेसर था — बुमराह। और उन्हें भी बार-बार बाहर रखा जा रहा है। क्या ये टीम की रणनीति है? या एक भ्रम?
अगला कदम: हॉबर्ट का निर्णय
8 नवंबर को बेलेरिव ओवल में अर्शदीप को वापस लाया गया। लेकिन क्या ये एक गलती का सुधार है? या बस एक राजनीतिक चाल? अगर वह आज 3 विकेट लेते हैं, तो क्या उनकी बैंचिंग को गलत साबित कर दिया जाएगा? अगर वह फेल होते हैं, तो क्या उनकी बैंचिंग को न्यायसंगत साबित कर दिया जाएगा? ये सवाल अब टीम मैनेजमेंट के दिमाग में हैं। और शायद यही बात सबसे खतरनाक है — जब एक खिलाड़ी को चुनने का फैसला उसके प्रदर्शन से नहीं, बल्कि ट्रायल के नाम पर होता है, तो वह टीम निरंतरता का नाम नहीं, बल्कि अनिश्चितता का नाम लेती है।
क्या अर्शदीप को विश्व कप के लिए बचाया जा रहा है?
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि ये सब एक लंबी रणनीति है। अर्शदीप को आराम देकर उन्हें विश्व कप में फिट किया जा रहा है। लेकिन ये तर्क तभी मान्य होगा जब टीम ने उन्हें बार-बार आराम दिया हो। लेकिन अर्शदीप को तो बार-बार बैंच पर बैठाया जा रहा है। आराम और बैंचिंग में अंतर होता है। आराम तो बुमराह के लिए है। अर्शदीप के लिए तो बस अवसर की कमी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अर्शदीप सिंह के बिना भारत क्यों हारा?
मेलबर्न में भारत की बॉलिंग टीम बहुत कमजोर रही। अर्शदीप के बिना, पावरप्ले में विकेट नहीं लिए गए और डेथ ओवर्स में इकोनॉमी बढ़ गई। उनकी लेफ्ट-आर्म अंगल ने पिच के बाउंस का फायदा उठाया होता, जो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए मुश्किल होता। उनके बिना, भारत के पास कोई टॉप-क्लास पेसर नहीं था।
मोर्ने मोर्केल का तर्क कितना तार्किक है?
मोर्केल का तर्क ‘ट्रायल’ होना तार्किक लगता है, लेकिन अर्शदीप को ट्रायल के लिए बैंच पर बैठाना गलत है। ट्रायल तो उन खिलाड़ियों के लिए होता है जो अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं खेले हैं। अर्शदीप एक साबित खिलाड़ी हैं। उनकी जगह हर्षित राणा को देना एक जोखिम भरा फैसला था।
अश्विन के आरोप सही हैं?
हाँ। अश्विन का कहना है कि अगर बुमराह खेल रहे हैं, तो अर्शदीप दूसरा नाम होना चाहिए। ये बिल्कुल सही है। बुमराह को वर्कलोड के कारण आराम देना जरूरी है, लेकिन अर्शदीप को बार-बार बैंच पर बैठाना उनकी रिदम और आत्मविश्वास को नुकसान पहुंचा रहा है।
अर्शदीप को टी20 विश्व कप में खेलाया जाएगा?
अगर वह हॉबर्ट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो शायद हाँ। लेकिन अगर उन्हें फिर से बैंच पर बैठाया जाता है, तो विश्व कप में भी उनकी जगह अनिश्चित रहेगी। टीम मैनेजमेंट को अब तुरंत एक स्पष्ट रणनीति बनानी होगी — न कि एक बार-बार बदलती हुई चुनाव प्रक्रिया।
क्या भारतीय टीम अब भी बुमराह पर निर्भर है?
बिल्कुल। अर्शदीप के बिना, और बुमराह के बिना, भारत की पेस बॉलिंग एक खाली डिब्बा है। अगर बुमराह चोटिल हो जाते हैं, तो भारत को एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा। अर्शदीप को अब तक एक विकल्प के रूप में नहीं, बल्कि एक आधार के रूप में देखा जाना चाहिए।
अगले मैच में अर्शदीप के प्रदर्शन का क्या असर होगा?
अगर अर्शदीप तीन या चार विकेट लेते हैं, तो टीम मैनेजमेंट को अपनी रणनीति पर फिर से सोचना होगा। लेकिन अगर वे फेल होते हैं, तो ये बात और भी गहरी हो जाएगी — कि टीम ने एक अनुभवी खिलाड़ी को अनावश्यक रूप से बाहर रखा था। इसका असर सिर्फ एक मैच तक नहीं, बल्कि टीम के विश्वास पर भी पड़ेगा।
टिप्पणि
Biju k
अर्शदीप को बैंच पर बैठाना बस एक बड़ी गलती है 😤 उसकी लेफ्ट-आर्म अंगल तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए जहर है! बुमराह को आराम दो, लेकिन अर्शदीप को मैदान पर उतारो! ये ट्रायल नहीं, बस बेवकूफी है 🤦♂️
नवंबर 8, 2025 at 07:16
Akshay Gulhane
क्या टीम मैनेजमेंट सच में समझता है कि टी20 में गेंदबाजी का मतलब क्या होता है? बुमराह एक खिलाड़ी है न कि एक पूरी बॉलिंग टीम। अर्शदीप के बिना भारत की पेस लाइन एक अधूरी कहानी है। ट्रायल का नाम लेकर अनुभवी खिलाड़ियों को बैंच पर बैठाना रणनीति नहीं, भ्रम है
नवंबर 8, 2025 at 16:51