आर्थिक सर्वेक्षण 2025: भारत की अर्थव्यवस्था की दिशा और भविष्यवाणियाँ

1फ़रवरी

Posted on फ़र॰ 1, 2025 by मेघना सिंह

आर्थिक सर्वेक्षण 2025: भारत की अर्थव्यवस्था की दिशा और भविष्यवाणियाँ

आर्थिक सर्वेक्षण 2025: भारत की आर्थिक स्थिति की विस्तृत विवेचना

31 जनवरी, 2025 को संसद में प्रस्तुत किया गया आर्थिक सर्वेक्षण 2024-2025 भारत की आर्थिक यात्रा की एक गहरी झलक प्रस्तुत करता है। यह सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंता नागेश्वरन द्वारा तैयार किया गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के विविध पहलुओं का विश्लेषण करने के साथ ही, यह आगामी वर्ष के प्रमुख आर्थिक संकेतकों का भी ब्योरा देता है। संपूर्ण विश्लेषण और निष्कर्ष बताते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था आगे भी स्थायित्व की राह पर है, जिसमें विविध सक्षमताओं के साथ-साथ बाहरी आर्थिक गतिविधियों में भी मजबूती आती दिख रही है।

विकास दर में सुधार और भविष्य की संभावनाएँ

सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2025 के वित्तीय वर्ष में 6.3% और 6.8% के बीच की वृद्धि दर को हासिल कर सकती है। यह वृद्धि दर भारतीय अर्थशास्त्रियों के लिए आशा की किरण है, क्योंकि इसका मतलब है कि अर्थव्यवस्था न केवल पटरी पर है, बल्कि नई ऊंचाइयों की ओर भी बढ़ रही है। यह मजबूत आर्थिक आधारों पर आधारित हो सकता है, जैसे कि स्वस्थ बाहरी खाता, प्रगतिशील राजकोषीय समेकन, और सतत निजी उपभोग। सरकार की दीर्घकालिक औद्योगिक विकास पर ध्यान देते हुए, सर्वेक्षण में अनुसंधान और विकास, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) और पूंजीगत वस्तु क्षेत्रों पर जोर दिया गया है।

खाद्य मुद्रास्फीति और मौसमी प्रभाव

उपभोक्ता कीमतों के पैमाने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय वर्ष 2025 के चौथे तिमाही में खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट आ सकती है। यह मौसमी सब्जियों की कीमतों में कमी और खरीफ फसल की अगुवाई से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त, अच्छे रबी फसल की उम्मीदें भी शुरुआती वित्तीय वर्ष 2026 में मूल्य स्थिरता में योगदान दे सकती हैं। हालांकि, जलवायु संबंधी मुद्दों और वैश्विक कृषि मूल्यों के बढ़ने से मुद्रास्फीति में वृद्धि का खतरा है।

विदेशी मुद्रा भंडार और वैश्विक आपातकाल

रिपोर्ट में विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति का भी ब्योरा दिया गया है। 2024 के अंत में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $640.3 बिलियन दर्ज किया गया। यही नहीं, भारत का बाह्य क्षेत्र भी वैश्विक आर्थिक और व्यापार नीति अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूत बना रहा है। इस संबंध में, देश ने अपनी बाह्य मुद्रा स्थितियों में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है।

भविष्य की राह पर विश्वास

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्वास जताया है कि सरकार के प्रयासों के चलते भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश की गरीब और मध्यम वर्गीय समुदाय के लिए समृद्धि की देवी लक्ष्मी से आशीर्वाद का आह्वान किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला संघीय बजट 2025-26, इस आर्थिक सर्वेक्षण के अंतर्दृष्टियों पर आधारित होगा।

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