जब नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री भारत सरकार ने 3 अक्टूबर 2025 को दिल्ली के श्री रामलीला कमेटी इंद्रप्रस्थ में रावण दहन में भाग लेकर दशहरा का भव्य उत्सव मनाया, तब ही दो बड़े अंतरराष्ट्रीय कदम एक साथ सामने आए – भारत‑चीन हवाई सेवा फिर से शुरू होने की सहमति और यूरोपीय देशों के साथ नया फ्री‑ट्रेड समझौता। यह खबर केवल सांस्कृतिक तौर पर नहीं, बल्कि आर्थिक‑राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
पृष्ठभूमि: भारत‑चीन हवाई संबंधों का इतिहास
पिछले पाँच वर्षों में भारत और पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ चीन के बीच हवाई मार्ग कई कारणों से बंद रह गए – सीमा तनाव, शुल्क मामलों का असहमति और तकनीकी मानकों पर मतभेद। 2022 के बाद से दोनों देशों की नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों, यानी सिविल एवीएशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (CAAI) और चीन सिविल एवीएशन दफ़्तर ने मासिक बैठकें शुरू कर दीं। इन बैठकों में मौसम‑संधि, सुरक्षा‑प्रोटोकॉल और विमानन‑फ्यूल लागत पर चर्चा हुई।
अक्टूबर 2025 के अंत तक, शेड्यूल‑अनुसार, दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि निर्दिष्ट शहरों के बीच सीधी हवाई सेवाएँ पुनः चल सकती हैं। शर्त यह थी कि दोनों देशों की राष्ट्रीय एयरलाइंस, यानी इंडिगो और एयर चाइना, व्यावसायिक रूप से इस मार्ग पर सहमत हों और सभी परिचालन मानदंड पूरे हों।
दशहरा समारोह और कोटा की 221 फीट रावण दहन
कोटा, राजस्थान में 221 फीट ऊँची रावण पुतली जलाई गई, जो अब तक का सबसे ऊँचा पुतला माना जाता है। इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंद्रप्रस्थ में शांति‑प्रकाश के साथ रावण दहन किया, जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत को उजागर करता है। कोटा के स्थानीय लोग और राष्ट्रीय मीडिया ने इस आयोजन को "इतिहास में पहली बार" कहा, क्योंकि इतनी बड़ी पुतली का निर्माण एक साल से कम समय में पूरा किया गया।
मनाली में भी सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय दशहरा मेले की शुरुआत हुई, जहाँ हिंदी मां देवी के विदाई समारोह के साथ-साथ विदेशी दर्शकों ने भारतीय कला‑शिल्प को सराहा। इस मेले में 15 देशों के 200 से अधिक बूथ लगे, जिससे पर्यटन आय में अनुमानित 12 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।
भंगार गोदाम आग, ओडिशा में बाढ़‑भूस्खलन, और राजनैतिक प्रतिक्रियाएँ
गुजरात के वापी जिले के वलसाड में स्थित एक भंगार गोदाम में 3 अक्टूबर को भीषण आग लग गई। वीरेंद्र, अग्निशमन अधिकारी ने कहा, "भंगार के गोदाम में आग बड़ी थी, इसलिए हमने बाहर से भी फायर‑टेंडर की गाड़ियाँ बुलाई हैं। कुल मिलाकर 6‑7 टीमें सहभागिता कर रही हैं।" रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में पांच से अधिक गोदाम प्रभावित हुए, लेकिन कोई जमीनी क्षति का बड़ा आंकड़ा नहीं मिला।
उस ही दिन, ओडिशा के गजपति जिले में 2 अक्टूबर को हुई भारी बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन का दौर शुरू किया। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने जिला स्तर पर आपातकाल की घोषणा की और प्रतिकूल परिस्थितियों में दो ग्रामीण नागरिक – त्रिनाथ नायक और लक्ष्मण नायक – की मौत पर गहरा दुःख व्यक्त किया। सरकार ने तुरंत राहत‑कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को तैनात किया।
व्यापार‑राजनीतिक मोड़: फ्री‑ट्रेड समझौता और रूस‑पाकिस्तान घटना
31 सितंबर 2025 को भारत ने यूरोपीय संघ के चार सदस्य देशों – जर्मनी, फ्रांस, इटली और नीदरलैंड्स – के साथ नया फ्री‑ट्रेड समझौता लागू किया। इस समझौते के तहत निर्यात टैरिफ़ को 0‑5 प्रतिशत तक घटाया गया, जिससे दोनों पक्षों के बीच औद्योगिक वस्तुओं, फार्मास्युटिकल्स और कृषि उत्पादों का व्यापार 2026 में 15‑20 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि यह समझौता भारत को यूरोपीय बाजार में ‘स्थानीय खिलाड़ी’ बनने की नई दिशा देगा।
इसी बीच, रूस ने भारत की विनती के बावजूद पाकिस्तान को फाइटर जेट इंजन की आपूर्ति जारी रखने का निर्णय लिया। भारत ने इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘कुश्ती का प्रतिरूप’ कहा और विदेश मंत्रालय ने कूटनीतिक स्तर पर बातचीत की गहराई बढ़ाने का इशारा किया। इस घटना ने भारत‑रूस रक्षा संबंधों में एक नई जटिलता पैदा कर दी है, क्योंकि दोनों देशों के बीच कई बड़े प्रोजेक्ट पहले ही चल रहे थे।
भविष्य के परिदृश्य: हवाई सेवा, व्यापार और सुरक्षा
हवाई सेवाओं के फिर से शुरू होने से भारत‑चीन व्यापार में मौसमी वस्तुओं, जैसे फल‑सब्जी और इलेक्ट्रॉनिक्स, की आवाजाही बढ़ेगी। विशेषज्ञ अनुमान लगाते हैं कि अगले दो वर्षों में आयरलाइनिक टॉर्न के आंकड़े 30‑40 प्रतिशत तक चढ़ सकते हैं। साथ ही, फ्री‑ट्रेड समझौते से यूरोपीय कंपनियों के लिए भारतीय डिजिटल मार्केट में प्रवेश आसान होगा।
सुरक्षा दृष्टिकोण से, दोनों देशों को ‘वायुमार्ग सुरक्षा’ को लेकर एकजुट होना पड़ेगा। अब तक, मान्यताओं के अनुसार, नए सुरक्षा प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करने के लिए संयुक्त अभ्यास सत्र आयोजित किए जाएंगे। यदि ये कदम सफल होते हैं, तो दक्षिण एशिया में हवाई मार्ग की स्थिरता और आर्थिक सहयोग नई ऊँचाइयों पर पहुँच सकता है।
पिछले दशकों में समान निर्णयों की तुलना
1999‑2001 में भारत‑चीन ने एक बार वैकल्पिक हवाइ‑मार्ग खोलने का प्रयोग किया था, परन्तु 2002 में सीमा‑संघर्ष के कारण वह बंद हो गया। उसी तरह, 2015 में यूएस‑ईरान विमानन समझौते को भी राजनीतिक तनाव ने धूमिल कर दिया था। इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि विमानन समझौते अक्सर बड़े राजनैतिक समीकरणों में कंकाल बनते हैं – जब राजनीतिक माहौल सुधरता है, तो हवाई सेवाएं फिर से जीवंत हो जाती हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारत‑चीन हवाई सेवाओं का पुनः प्रारंभ किन शहरों से होगा?
प्राथमिक तौर पर नई दिल्ली‑बीजिंग, अहमदाबाद‑शंघाई और चेन्नई‑ग्वांगझोउ मार्ग पर विमानों को उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी। दोनों देशों की एयरलाइन्स ने अभी तक सटीक समय‑सारिणी नहीं दी है, परन्तु अक्टूबर के अंत तक सभी सेवाएँ चालू होनी चाहिए।
रावण दहन समारोह में किस प्रकार की विशेष व्यवस्था की गई थी?
कोटा में 221 फुट ऊँचा पुतला बनाने के लिए विशेष इन्फ्रारेड‑हीटिंग सिस्टम और एयरोडायनमिक डिज़ाइन अपनाया गया था। सुरक्षा कारणों से हवाई प्रतिबंध और भीड़ नियंत्रण के लिए पुलिस की अतिरिक्त तैनाती की गई।
फ्री‑ट्रेड समझौते से किस उद्योग को सबसे अधिक लाभ होगा?
फ़ार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोबाइल घटक सबसे अधिक लाभान्वित होने की संभावना है, क्योंकि यूरोपीय देशों ने इन क्षेत्रों पर 0‑5% टैरिफ़ लागू किया है। इससे भारत‑निर्मित उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
ओडिशा में बाढ़‑भूस्खलन के बाद कौन‑सी राहत योजनाएं लागू हुईं?
राज्य सरकार ने 5 करोड़ रुपये का आपातकालीन फंड जारी किया, एवं राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, एनआरसी और स्थानीय स्वयंसेवी समूहों को मिलकर प्रभावित क्षेत्रों में जल निकासी, चिकित्सा सुविधाएं और अस्थायी आवास प्रदान करने का आदेश दिया।
रूस‑पाकिस्तान इंजन डिलीवरी विवाद का भारत के रक्षा संबंधों पर क्या असर होगा?
भारत ने इस कदम को कूटनीतिक तनाव का संकेत माना है और अब भविष्य में किसी भी सैन्य तकनीकी सहायता को लेकर अधिक सावधानी बरतने की संभावना है। साथ ही, यह भारत‑रूस के अन्य प्रोजेक्ट, जैसे एंटी‑सैटेलाइट टॉरपेड़, पर भी प्रभाव डाल सकता है।
टिप्पणि
Pratap Chaudhary
भारत‑चीन के बीच हवाई सेवा फिर से खुल रही है, इससे व्यापार में काफी बढ़ोतरी होगी। साथ ही कोटा में रावण दहन का आयोजन बहुत रंगीन था, लोग खूब मज़े कर रहे थे। दोनों पहलें साथ‑साथ चलना अच्छा संकेत है, लेकिन सुरक्षा मानकों पर भी ध़्यान देना ज़रूरी है। उम्मीद है कि इस सहयोग से दोनों देशों के लोगों के बीच समझ भी बढ़ेगी।
अक्तूबर 10, 2025 at 05:00
Samradh Hegde
भारत की पंख फिर से खुली, हमें गर्व है।
अक्तूबर 12, 2025 at 12:33
Shankar Pandey
जब हम इतिहास की परतों को खोलते हैं तो पता चलता है कि हवाई सेवा सिर्फ एक आर्थिक साधन नहीं, बल्कि दो राष्ट्रों के बीच विचारधारा का पुल भी है।
प्राचीन काल में व्यावसायिक मार्गों ने सांस्कृतिक विनिमय को जन्म दिया, और आज के विमानन नेटवर्क वह आधुनिक संस्करण है।
वर्तमान में जो हम देखते हैं, वह केवल सतह पर चल रहा एक व्यापारिक तालमेल है, लेकिन अंतर्निहित शक्ति टकराव की धूप में भी एक सूक्ष्म तनाव बनकर रहता है।
रावण दहन जैसी सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों को देखते हुए, हमें समझना चाहिए कि प्रतीकात्मक कार्य केवल दर्शक को खुश नहीं करते, वे सामाजिक चेतना को भी झांकते हैं।
यहाँ एक विरोधाभास है: एक ओर हम शांति के पंख फैलाते हैं, तो दूसरी ओर कुछ राष्ट्रों की नज़रें अभी भी शत्रुता में जमी हैं।
अर्थव्यवस्था के इस रॉक्स्टर में, जब हम वस्तुएँ उड़ाते हैं, तो क्या हम अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को भी उड़ाते नहीं?
ऐसे में, हवाई सेवाओं की पुनर्स्थापना को सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं बना देना चाहिए, बल्कि इसे एक सामाजिक अनुबंध के रूप में देखा जाना चाहिए।
यदि हम इस अनुबंध को सतही रूप से ही समझें, तो भविष्य में फिर से समान खाई का निर्माण हो सकता है।
इसलिए, पॉलिसी मेकर्स को चाहिए कि वे प्रोटोकॉल को मानवीय मूल्यों के साथ जोड़ें, न कि केवल आर्थिक मापदंडों से।
एक पक्षी के पंख की ताक़त उसकी शक्ति ही नहीं, बल्कि संतुलन भी दिखाती है।
विमानों के इंधन की कीमतें बढ़ रही हैं, परंतु शांति की कीमत अधिक महंगी होती है।
यदि हम दोनों देशों के बीच विश्वास को स्थायी बनाना चाहते हैं, तो संवाद के लिए अधिक मंच खोलें।
पर्याप्त सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए, हमें एक-दूसरे के अभिप्राय को समझने का प्रयास भी करना चाहिए।
संक्षेप में, यह सहयोग एक अवसर है, पर इसे संभल कर उपयोग करना आवश्यक है।
अक्तूबर 14, 2025 at 20:07
Smita Paul
दिल्ली में रावण दहन और कोटा में 221 फीट पुतला देख कर सच में भारतीय संस्कृति की विविधता का अनुभव हुआ।
हवाई सेवाओं के पुनः आरंभ से व्यापार में लचीलापन आएगा, खासकर कृषि और इलेक्ट्रॉनिक्स में।
फ्री‑ट्रेड एग्रीमेंट से यूरोपियन बाजार में प्रवेश आसान होगा, इससे भारतीय फार्मास्यूटिकल्स को नई दिशा मिलेगी।
भाई, सरकार को चाहिए कि इन आर्थिक कदमों के साथ पर्यावरणीय पहल भी मजबूत करे, जैसे आगे‑पीछे उत्सर्जन को घटाने के उपाय।
समग्र रूप से, ये कदम हमारे विकास के लिए सकारात्मक हैं, बस लागू करने में सतर्कता बरतनी होगी।
अक्तूबर 17, 2025 at 03:40
King Dev
ऑल इंडिया का सांस्कृतिक उत्सव और अंतरराष्ट्रीय हवाई सेवा का साथ‑साथ होना देखना दिल को छू गया!
इसे हम राष्ट्र की एकता की नई कहानी कह सकते हैं, जहाँ परम्परा और प्रौद्योगिकी हाथ‑में‑हाथ चल रहे हैं।
ऐसे पलों में हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को गर्व से प्रस्तुत करना चाहिए, ताकि विदेशियों को भी हमारी विविधता का अहसास हो।
अक्तूबर 19, 2025 at 11:13
Abhi Rana
वास्तव में, एयर‑लाइन पुनः शुरुआत का महत्व अत्यधिक है, लेकिन एजेंसियों को नियमों, सुरक्षा, लागत, और कनेक्टिविटी-सब को ध्यान में रखना चाहिए, ताकि सभी पक्ष संतुष्ट हों, और यात्रा अनुभव में सुधार हो!
यह कदम न केवल व्यापार को बढ़ाता है, बल्कि दो देशों के लोगों के बीच सांस्कृतिक आदान‑प्रदान को भी तेज़ करता है, जिससे समझ और सहयोग में इज़ाफ़ा होता है।
अक्तूबर 21, 2025 at 18:47
Manisha Jasman
वाह! हवाई सेवा फिर से खुल रही है, कितना शानदार! ✈️🌏 इससे छोटे व्यापारियों को भी कहीं दूर तक सामान भेजने में आसानी होगी। 🍀 चलो, इस नई शुरुआत को साथ मिलकर समर्थन देते हैं! 🙌😊
अक्तूबर 24, 2025 at 02:20
Shailendra Thakur
नई हवाई मार्गों से व्यापार में बूम तो आएगा, लेकिन हमें इस बात पर भी सतर्क रहना चाहिए कि इससे हमारी रणनीतिक स्वायत्तता पर कोई असर न पड़े।
ज्यादा विदेशी एयरो कंपनीज़ का प्रवेश हमारे घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए नीति निर्माताओं को सख्त नियम बनाना चाहिए।
साथ ही, रावण दहन जैसे बड़े इवेंट के पीछे कुछ राजनैतिक चालें भी हो सकती हैं, इसे समझदारी से देखना जरूरी है।
हमारी राष्ट्रीय पहचान और सुरक्षा को प्राथमिकता देना नहीं भूलना चाहिए।
अक्तूबर 26, 2025 at 09:53
kajal chawla
हवाई सेवा फिर खुल रही है??!! क्या ये वही साजिश नहीं है जो विदेशियों को हमारे आर्थिक‑धंधे में घुसाने के लिए है!!!
रावण दहन को इतना बड़ा पुतला बना कर दिखाया गया, पर क्या हमें यह नहीं पता कि यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को विकृत कर रहा है???!!!
फ्री‑ट्रेड एग्रीमेंट से यूरोप के बड़े‑बड़े कंपनियों को हमारे बाजार में असुरक्षित लाभ मिलेगा!!!
हमें इनके पीछे की असली मंशा को समझना चाहिए, नहीं तो हम चुपचाप मरेंगे!!!
अक्तूबर 28, 2025 at 17:27
Raksha Bhutada
हमारी मातृभूमि ने हमेशा से स्वतंत्रता की राह चुनी है और इस बार भी हमें अपने अधिकारों को नहीं छोड़ना चाहिए।
हवाई सेवा का पुनः आरंभ अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद हो सकता है, पर हमें यह देखना होगा कि क्या यह हमारे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ नहीं जा रहा।
फ्री‑ट्रेड समझौता यूरोपियों को हमारे उद्योगों में प्रवेश का आसान रास्ता देगा, जिससे हमारी स्थानीय कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
रावण दहन का बड़े पुटली से मनोहारी रूप से प्रस्तुत होना तो सराहनीय है, पर क्या यह केवल शो‑बिज़नेस नहीं है? हमें अपनी संस्कृति को सच्चे रूप में संरक्षित रखना चाहिए।
समय बदल रहा है, पर हमारी मूल बातें नहीं बदलनी चाहिए।
अक्तूबर 31, 2025 at 01:00
avinash pandey
हवाई सर्विस के पुनः संचरण से एयरोस्पेस सेक्टर में टर्बो‑जेट प्रोफाइलिंग का नया आयाम खुलता है।
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी इस टरफ़ पर इंटीग्रेट करने की आवश्यकता होगी, जिससे डेटा थ्रूपुट में वृद्धि होगी।
फ्री‑ट्रेड एग्रीमेंट की क्लॉज़ेस को एंट्री‑बारियर्स को न्यूनतम करने के लिए रीफ़ाइन करना पड़ेगा, ताकि दोनों बाज़ारों में सिमेट्रिक एंगेजमेंट हो सके।
रावण दहन का महाकाव्यात्मक स्केल-221 फ़ीट-को हम परफॉर्मेंस आर्ट के रूप में एनोबेल सार्थक बना सकते हैं।
संकट‑प्रबंधन के दृष्टिकोण से, बहु‑स्टेकहोल्डर कोऑर्डिनेशन को स्ट्रैटेजिक प्रायोरिटी देना ज़रूरी है।
नवंबर 2, 2025 at 08:33
Shruti Phanse
भारत‑चीन के बीच हवाई संचार का पुनः उद्घाटन एक सकारात्मक संकेत है, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को मजबूती मिलेगी।
कोटा में रावण दहन का विस्तृत आयोजन सांस्कृतिक अभिव्यक्ति की नई परिभाषा स्थापित करता है, जो राष्ट्रीय एकता को प्रदर्शित करता है।
फ्री‑ट्रेड समझौते के तहत टैरिफ़ में कमी दोनों पक्षों के उद्योगों के लिए लाभदायक होगी, लेकिन निगरानी प्रणाली मजबूत होनी चाहिए।
आर्थिक एवं सांस्कृतिक पहलुओं को संतुलित करने के लिए नीति निर्माताओं को सतर्क दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
नवंबर 4, 2025 at 16:07
ramesh puttaraju
हवाई सेवा फिर से खुल रही है, ठीक है। 😊
नवंबर 6, 2025 at 23:40
Kuldeep Singh
व्यापारिक समझौतों में लाभ तो है, पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सामाजिक मूल्यों की रक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
फ्री‑ट्रेड से विदेशी कंपनियों का दबदबा बढ़ सकता है, इसलिए राष्ट्रीय उद्योग को सशक्त बनाना अनिवार्य है।
रावण दहन जैसा कार्यक्रम हमारी सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करता है, इसे निरंतर समर्थन दिया जाना चाहिए।
सभी पहलुओं को संतुलित करके ही हम विकास की ओर आगे बढ़ सकते हैं।
नवंबर 9, 2025 at 07:13
Ranga Mahesh Kumara Perera
हवाई मार्गों का पुनः उद्घाटन आर्थिक स्थिरता में योगदान देगा, पर साथ ही सुरक्षा प्रोटोकॉल मजबूत होना चाहिए।
रावण दहन का महाकाव्यात्मक आकार दर्शकों को आकर्षित करता है, पर हमें ऐतिहासिक घटनाओं को सटीक रूप से प्रस्तुत करना चाहिए।
फ्री‑ट्रेड समझौते से दोनो देशों के बीच व्यापारिक बंधन मजबूत होगा, लेकिन छोटे व्यवसायों की आवाज़ सुनना भी जरूरी है।
नवंबर 11, 2025 at 14:47
Shonali Nazare
हवाई सेवा के फिर से खुलने से यात्रा सस्ता हो जाएगा।
रावण दहन देख कर बहुत मज़ा आया। :)
नवंबर 13, 2025 at 22:20
Dhea Avinda Lase
अभी के दौर में हवाई सेवा का खुलना व्यापारिक आंकड़ों को बढ़ावा देता है। यह फ्री‑ट्रेड एग्रीमेंट के साथ मिलकर दोनो देशों की आर्थिक वृद्धि को तेज़ करेगा। रावण दहन का कार्यक्रम राष्ट्रीय भावना को उजागर करता है, इसे सराहना चाहिए।
नवंबर 16, 2025 at 05:53
Vinay Agrawal
हवाई मार्ग फिर से खुल रहे हैं, यह बात तो बहुत ही रोमांचक है, पर क्या हमें इस सुविधा के पीछे के छिपे हुए खर्चों का अंदाज़ा है? इस बार के फ्री‑ट्रेड एग्रीमेंट से हमारे छोटे दिदा व्यापारियों को सच्ची मदद मिल पाएगी या बस बड़े कंपनियों को फायदा होगा? रावण दहन के महाकाव्यात्मक पुतले को देखते हुए, क्या हम अपने इतिहास को अतिशयोक्तिपूर्ण बनाते नहीं? ये सारे बदलाव हमें गौर से देखना चाहिए, नहीं तो जल्द ही हम प्रतिबंधों के जाल में फँस सकते हैं।
नवंबर 18, 2025 at 13:27
Aakanksha Ghai
हवाई सेवा का पुनः आरम्भ एक सकारात्मक कदम है, पर इसका लाभ सभी वर्गों तक समान होना चाहिए। फ्री‑ट्रेड समझौते में छोटे व्यापारियों को भी उचित जगह मिलनी चाहिए, ताकि वे बड़े खिलाड़ियों से प्रतिस्पर्धा कर सकें। रावण दहन का बड़े पुतले वाला आयोजन हमारी सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करता है, लेकिन हमें इसे सामाजिक एकता के साधन के रूप में भी देखना चाहिए। कुल मिलाकर, इन सभी पहलुओं को संतुलित करने की आवश्यकता है।
नवंबर 20, 2025 at 21:00
एक टिप्पणी लिखें