भारत चुनाव लाइव: मोदी 8 जून को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे
Posted on जून 5, 2024 by Devendra Pandey

भारत चुनाव 2023: एक ऐतिहासिक परिणाम
भारत के छह सप्ताह लंबे आम चुनाव 1 जून को समाप्त हुए, जिसमें 9,000 से ज़्यादा उम्मीदवारों ने 543 सीटों के लिए चुनाव लड़ा। यह चुनाव देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है। इस बार का चुनाव कई मायनों में खास रहा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तीसरी बार सत्ता में वापसी हुई।
बीजेपी की जीत और चुनौतियाँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने इस चुनाव में 292 सीटें जीतीं, जबकि विरोधी गठबंधन इंडिया ब्लॉक ने 234 सीटों पर कब्जा जमाया। हालांकि, बीजेपी को अपेक्षित साफ बहुमत नहीं मिला और उसे अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने के लिए साथियों पर निर्भर रहना होगा। पिछली बार के मुकाबले, बीजेपी ने इस बार 63 सीटें कम जीतीं, जो पार्टी के लिए एक चुनौतीपूर्ण संकेत है।
सत्ता में वापसी: अमेरिकी राष्ट्रपति का संदेश
मोदी की जीत पर विश्वभर से बधाई संदेश आ रहे हैं। खासकर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नरेंद्र मोदी को बधाई दी और भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की उम्मीद जताई। चुनाव के नतीजों के बाद भारतीय शेयर बाजार में उथल-पुथल दिखी, वहीं निफ्टी सूचकांक में भी महत्वपूर्ण झटके महसूस किए गए।
राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की प्रतिक्रिया
विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने इस चुनाव परिणाम को न केवल बीजेपी के खिलाफ, बल्कि संस्थानों और शासन संरचनाओं के खिलाफ जंग करार दिया। उनका कहना था कि बीजेपी और उनके नेताओं ने कई महत्वपूर्ण संस्थाओं पर कब्जा जमाया हुआ है।
इस बार के चुनाव में मतदान दर 66.4% रही, जो पिछले चुनाव की 67.4% की तुलना में कम है। चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि यह घटती मतदान दर दर्शाती है कि जनता में चुनावी प्रक्रिया को लेकर उत्साह में कमी आई है।
विपक्ष की आगे की योजना
विपक्षी इंडिया ब्लॉक एक बैठक आयोजित करने की योजना बना रहा है, जिसमें वे अपनी आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि आगामी दिनों में उनका क्या रुख रहेगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
मोदी और अन्य महत्वपूर्ण उम्मीदवार
नरेंद्र मोदी ने अपने वाराणसी संसदीय क्षेत्र से जीत दर्ज की है, जो उनकी लोकप्रियता का एक बड़ा संकेत है। वहीं, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को अमेठी संसदीय क्षेत्र से पिछड़ते हुए देखा गया। यह क्षेत्र विशेष रूप से गांधी परिवार का गढ़ रहा है, और यहां से स्मृति ईरानी की हार एक बड़ी खबर बनी हुई है।
आर्थिक सुधार और विश्लेषकों की राय
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार सरकार सुधारों को लागू करने में धीमी हो सकती है, क्योंकि उनको सहयोगी दलों पर निर्भर रहना होगा। साथी दलों की अपेक्षाओं और समीकरणों को ध्यान में रखते हुए, सरकार को अपने फैसले और नीतियों में समायोजन करना पड़ सकता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में कैसे नए सुधार और विकास की दिशा में प्रयास करेगी। देशभर में मतदाताओं ने अपनी नई सरकार को चुनकर अपनी अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को सामने रखा है। मोदी सरकार इन अपेक्षाओं को कैसे पूरा करेगी, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।