भारत ने वेस्टइंडीज को 2-0 से हराकर घरेलू टेस्ट सीरीज में दिखाई शक्ति

16नवंबर
भारत ने वेस्टइंडीज को 2-0 से हराकर घरेलू टेस्ट सीरीज में दिखाई शक्ति

अक्टूबर 2025 में, भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज को 2-0 से धूल चटा दी — एक बार फिर साबित कर दिया कि आज भारत की टीम घरेलू मैदानों पर किसी को भी चुनौती नहीं देती। पहला टेस्ट नरेंद्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद में 2-6 अक्टूबर को खेला गया, जहां भारत ने 300 रनों से जीत दर्ज की। दूसरा टेस्ट 10-14 अक्टूबर को अरुण जेटली स्टेडियम, दिल्ली में हुआ, जहां भारत ने 10 विकेट से जीत दर्ज की। इस सीरीज के साथ दोनों टीमों के बीच कुल 103 टेस्ट मैच हो चुके हैं, जिनमें वेस्टइंडीज के 30 जीत, भारत के 26 जीत और 47 ड्रॉ हैं। लेकिन अब ये आंकड़े अर्थहीन हो चुके हैं — क्योंकि भारत ने 1994 के बाद से अपने घरेलू मैदानों पर वेस्टइंडीज को कभी हराया ही नहीं।

अहमदाबाद: गेंदबाजी का जादू, बल्लेबाजी का जुनून

पहले टेस्ट में वेस्टइंडीज के कप्तान क्रेग ब्रैथवेट ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया — एक ऐसा फैसला जो आजकल के टेस्ट क्रिकेट में अक्सर नुकसानदेह होता है। वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी 44.1 ओवर में 162 रन पर ढह गई। जस्टिन ग्रीव्स के 32 रन अकेले थे जिन्होंने आधा घंटा तक टिके। इसी बीच मोहम्मद सिराज ने 14 ओवर में 4 विकेट लेकर टीम को बचाया। भारत की बल्लेबाजी एक नाटक बन गई — ध्रुव जुरेल ने अपना पहला टेस्ट शतक (125) बनाया, जबकि शुभमन गिल ने अपनी निशानी बनाते हुए 129* रन बनाए। भारत ने 448/5 घोषित कर दिया। दूसरी पारी में वेस्टइंडीज को फिर से 146 पर ढेर कर दिया गया, जहां रवींद्र जडेजा ने 4 विकेट लिए। इस मैच में जस्प्रीत बुमराह ने घरेलू टेस्ट में 50 विकेट का रिकॉर्ड बराबर कर दिया — सिर्फ 24 पारियों में।

दिल्ली: यशस्वी जैसवाल का अंधेरा तोड़ने वाला शतक

दूसरे टेस्ट में भारत ने बल्लेबाजी का नया अध्याय लिखा। यशस्वी जैसवाल ने 258 गेंदों में 175 रन बनाए — ये उनका सबसे बड़ा टेस्ट शतक था। वेस्टइंडीज के स्पिनर जोमेल वैरिकन ने 3 विकेट लिए, लेकिन भारत ने 518/5 घोषित कर दिया। वेस्टइंडीज की पहली पारी 248 पर खत्म हुई, जहां कुलदीप यादव ने 5/82 का आंकड़ा लगाकर सीरीज का एकमात्र पांच विकेट का हैट्रिक लगाया। फॉलो-ऑन के बाद वेस्टइंडीज ने 390 रन बनाए, लेकिन बुमराह ने 3 विकेट लेकर उनकी आशाओं को तोड़ दिया। भारत को सिर्फ 121 रनों की जरूरत थी — और उन्होंने 35.2 ओवर में इसे पूरा किया। केएल राहुल ने 58* रनों के साथ जीत का आखिरी चिह्न बनाया।

सीरीज के आंकड़े: कौन था सबसे खतरनाक?

  • सबसे ज्यादा रन: यशस्वी जैसवाल (219), केएल राहुल (196), शुभमन गिल (192)
  • सबसे ज्यादा विकेट: कुलदीप यादव (12), मोहम्मद सिराज (10), रवींद्र जडेजा (8)
  • सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग स्ट्राइक रेट: सिराज (29.40), कुलदीप (35.08), बुमराह (44.42)
  • विकेटकीपर: केएल राहुल और शाई होप ने 3-3 डिस्मिसल्स किए
इतिहास का भारी बोझ: वेस्टइंडीज का भारत पर अधिकार क्यों खत्म हुआ?

इतिहास का भारी बोझ: वेस्टइंडीज का भारत पर अधिकार क्यों खत्म हुआ?

1994 तक, वेस्टइंडीज दुनिया की सबसे शक्तिशाली टीम थी — उनके पास बॉलिंग का जादू था, बल्लेबाजी का धमाका था। उनकी आखिरी भारतीय जीत 1994 में मोहाली में हुई थी। उसके बाद से, भारत ने घरेलू मैदानों पर 16 टेस्ट खेले — 16 जीत, 0 हार, 2 ड्रॉ। वेस्टइंडीज के लिए ये अब सिर्फ एक याद है। आज की भारतीय टीम में तीन चीजें हैं: बल्लेबाजी की गहराई, गेंदबाजी की विविधता और फील्डिंग का तेज़ तर्रार। जब आपके पास जैसवाल, गिल, जुरेल जैसे बल्लेबाज हों और सिराज, कुलदीप, बुमराह जैसे गेंदबाज हों, तो विजय लगभग निश्चित हो जाती है।

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप पर असर: भारत का निशान

इस सीरीज के जरिए भारत ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2025-2027 में 24 पॉइंट्स जीते। वेस्टइंडीज को शून्य मिला। ये पॉइंट्स भारत की टीम के लिए अगले दो सालों में फाइनल में पहुंचने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। जब आप देखते हैं कि ऑस्ट्रेलिया, भारत और दक्षिण अफ्रीका अब टॉप तीन में हैं, तो ये सीरीज ने सिर्फ एक टीम को हराया नहीं — बल्कि एक नए युग की शुरुआत की।

अगला क्या?

अगला क्या?

अगले दो महीनों में भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलेगा — जिसमें ब्रिस्बेन, मेलबर्न और सिडनी में तीन मैच होंगे। वहां की गेंदबाजी और ग्राउंड की चुनौती इस सीरीज से कहीं ज्यादा कठिन होगी। लेकिन अगर भारत ने वेस्टइंडीज को घर पर इतनी आसानी से हरा दिया, तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी उनकी टीम खेल सकती है। एक बात तय है — भारत की टीम अब बस जीतने के लिए नहीं, बल्कि रिकॉर्ड बनाने के लिए खेल रही है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू मैचों में कितनी बार जीत हासिल की है?

1994 के बाद से भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 16 टेस्ट मैच खेले हैं — जिनमें से 16 जीत और 2 ड्रॉ हैं। वेस्टइंडीज को इस अवधि में कभी भारत में जीत नहीं मिली। यह एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है जिसे कोई भी टीम नहीं तोड़ पाई।

कुलदीप यादव का पांच विकेट का हैट्रिक किस मैच में आया?

कुलदीप यादव ने दिल्ली के दूसरे टेस्ट में वेस्टइंडीज की पहली पारी में 5/82 का आंकड़ा लगाया। ये सीरीज का एकमात्र पांच विकेट का हैट्रिक था और उनकी बल्लेबाजी के खिलाफ एक बड़ा जवाब था।

जस्प्रीत बुमराह ने किस रिकॉर्ड को बराबर किया?

बुमराह ने घरेलू टेस्ट में 50 विकेट लेने का रिकॉर्ड जवागल श्रीनाथ के बराबर कर दिया — सिर्फ 24 पारियों में। यह भारतीय गेंदबाजों में सबसे तेज़ रिकॉर्ड है।

भारत ने इस सीरीज में कितने विकेट गिराए?

दोनों टेस्ट मैचों में भारत ने वेस्टइंडीज को चारों पारियों में कुल 627 रनों पर आउट किया। इसमें सिराज (10), कुलदीप (12), जडेजा (8) और बुमराह (7) ने मिलकर 37 विकेट लिए।

इस सीरीज के बाद भारत की वेस्टइंडीज के खिलाफ लगातार जीत का रिकॉर्ड कितना हो गया?

भारत ने इस सीरीज के साथ वेस्टइंडीज के खिलाफ लगातार पांच टेस्ट मैच जीत लिए। पिछले पांच मैचों में से चार मैच इन्निंस विजय से जीते गए।

क्या यह सीरीज भारत के लिए विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में फाइनल की ओर बढ़ने में मदद करेगी?

हां। इस सीरीज से भारत को 24 पॉइंट्स मिले, जो उनकी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप रैंकिंग को मजबूत करता है। अगर वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगली सीरीज में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो फाइनल में पहुंचने की संभावना बहुत अधिक है।

टिप्पणि

Chandra Bhushan Maurya
Chandra Bhushan Maurya

भाई, ये टेस्ट सीरीज देखकर लगा जैसे कोई भगवान ने हमारे लिए एक नया धर्म बना दिया हो - जहां बल्लेबाजी भक्ति है, गेंदबाजी मंत्र है, और बुमराह का फास्ट यॉर्कर आखिरी साक्षात्कार है! जब जैसवाल ने 175 बनाए, तो मैंने अपनी चाय का कप उलट दिया, और जब कुलदीप ने हैट्रिक लगाई, तो मेरी बहन ने मुझे गले लगा लिया। ये टीम नहीं, एक भावना है।

नवंबर 17, 2025 at 07:55

Jaya Savannah
Jaya Savannah

मैंने सिर्फ 10 मिनट देखा था... फिर भी लगा जैसे मैंने पूरा मैच देख लिया हो 😅

नवंबर 18, 2025 at 08:47

Ajay Kumar
Ajay Kumar

सब जो जीत की बात कर रहे हैं, वो भूल रहे हैं कि ये सब बनाया गया है - टीम के बजाय टीवी एंटरटेनमेंट के लिए। अहमदाबाद का मैदान गर्मी में बनाया गया था ताकि वेस्टइंडीज के खिलाड़ी बेहोश हो जाएं। और जो बुमराह के 50 विकेट की बात कर रहे हैं, उन्हें पता है कि उनके बाद का रिकॉर्ड जवागल श्रीनाथ का नहीं, बल्कि राहुल द्रविड़ का है? ये सब एक लाइन में बदल दिया गया है।

नवंबर 18, 2025 at 10:41

रमेश कुमार सिंह
रमेश कुमार सिंह

इस सीरीज के बाद भारतीय क्रिकेट के डायनामिक्स में एक ट्रांसफॉर्मेशनल शिफ्ट दिखाई दे रहा है - बल्लेबाजी की गहराई, गेंदबाजी की डायवर्सिफिकेशन, और फील्डिंग की एग्रेसिविटी ने एक नए एक्सपेक्टेशन लेवल को सेट किया है। अब टेस्ट क्रिकेट का फोकस बस जीत पर नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस की कंसिस्टेंसी पर है। ये निर्माण नहीं, एक इवोल्यूशन है।

नवंबर 18, 2025 at 22:04

Ankush Gawale
Ankush Gawale

मैंने अपने पापा को ये मैच दिखाया - जो 1994 के बाद से वेस्टइंडीज के खिलाफ हर मैच देखते रहे। उनकी आंखों में आंसू थे। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक टेस्ट मैच इतना भावनात्मक हो सकता है। धन्यवाद टीम।

नवंबर 19, 2025 at 19:44

Krishna A
Krishna A

ये सब झूठ है। वेस्टइंडीज ने जानबूझकर हार दी थी - क्योंकि उनके खिलाड़ी भारत में ब्रांड पार्टनरशिप के लिए तैयार थे। जस्टिन ग्रीव्स ने 32 रन क्यों बनाए? क्योंकि उसका फोन वायरल हो गया था। और बुमराह का रिकॉर्ड? वो भी डिजिटली एडिट किया गया।

नवंबर 19, 2025 at 21:03

Sandhya Agrawal
Sandhya Agrawal

मैंने इस बार देखा कि जब जडेजा ने गेंद फेंकी तो उसकी आंखें थोड़ी लाल थीं... क्या वो बीमार थे? या फिर कुछ और हुआ? मैं अब रात को नींद नहीं आ रही।

नवंबर 20, 2025 at 05:25

Hemanth Kumar
Hemanth Kumar

प्रस्तुत विश्लेषण में उल्लिखित आंकड़े एवं घटनाक्रम सामान्य रूप से स्वीकार्य हैं, तथापि एक महत्वपूर्ण लक्ष्य उपेक्षित है - यह कि वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू टेस्ट जीत का रिकॉर्ड, वास्तविक रूप से उनके खिलाड़ियों की निरंतरता की कमी का परिणाम है, न कि भारतीय टीम की अद्वितीयता का। इस प्रकार, यह एक अल्पकालिक विजय है, जिसे लंबे समय तक नहीं बनाए रखा जा सकता।

नवंबर 21, 2025 at 10:05

Vikas Yadav
Vikas Yadav

मैं बस एक बात कहना चाहता हूँ: जस्प्रीत बुमराह, रवींद्र जडेजा, कुलदीप यादव, यशस्वी जैसवाल, शुभमन गिल - ये सब नाम अब सिर्फ खिलाड़ियों के नाम नहीं, बल्कि एक अहंकार के रूप में हैं। और यह अहंकार... यह बहुत सुंदर है।

नवंबर 22, 2025 at 15:17

रमेश कुमार सिंह
रमेश कुमार सिंह

आपके टिप्पणी में जो लंबे समय तक बनाए रखने की बात कही गई है, वह एक भ्रम है। आज की टीम में युवा बल्लेबाजों की गहराई, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेंदबाजी की विविधता, और टेक्नोलॉजी आधारित अनुशासन - ये सब एक टिकाऊ प्रणाली बनाते हैं। यह अल्पकालिक नहीं, बल्कि एक नए आर्किटेक्चर की शुरुआत है।

नवंबर 23, 2025 at 07:32

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