डाबंग दिल्ली ने 32-31 से जीत ली, बेंगलुरु बुल्स को एक पॉइंट से मात
Posted on अक्तू॰ 17, 2025 by Devendra Pandey

बुधवार, 5 दिसंबर 2018 को डाबंग दिल्ली K.C. ने बेंगलुरु बुल्स को 32‑31 से पछाड़ा, और थियागराज इनडोर स्टेडियम में लाइव दर्शकों के बीच रोमांचक जीत हासिल की। यह मुकाबला 2018‑19 विवो प्रो कबड्डी लीग सीज़न 6 के मैच 97 में हुआ, जो इंटर‑ज़ोन चैलेंज सप्ताह का हिस्सा था।
मैच का त्वरित सारांश
सिर्फ एक पॉइंट के अंतर पर समाप्त हुआ यह टकराव, दोनों टीमों की तंग रैडिंग और टैक्लिंग लड़ाई का प्रतिबिंब था। डाबंग दिल्ली ने चौथे लगातार घरेलू जीत के साथ अपना होम स्ट्रिक बरकरार रखा, जबकि बेंगलुरु बुल्स की डिफेंस इस दिन बस पाँच टैकल पॉइंट ही जोड़ पाई।
- अंतिम स्कोर: डाबंग दिल्ली 32 – बेंगलुरु बुल्स 31
- स्थल: थियागराज इनडोर स्टेडियम, नई दिल्ली
- समय: 7:00 PM IST
- इंटर‑ज़ोन चैलेंज सप्ताह का 5वां मैच
मुख्य खिलाड़ी और आँकड़े
डाबंग दिल्ली की जीत का श्रेय दो रेडर को जाता है। चंद्रन रंजीत ने 9 रेड पॉइंट लिए, जबकि मेराज शेख ने 7 पॉइंट जोड़े। दोनों ने मिलकर 16 महत्वपूर्ण रैड बनाए, जो जीत का प्रमुख कारण बना।
बेंगलुरु बुल्स की ओर से रॉहित कुमार (कप्तान) ने 12 पॉइंट अर्जित किए, और पवन सहरावत ने 10 पॉइंट बनाए। हालांकि, उनका टैक्लिंग प्रदर्शन निचला रहा — केवल 5 टैकल पॉइंट। पूरे सीज़न में पवन सहरावत 271 पॉइंट के साथ टॉप स्कोरर बने, पर इस मैच में उनका प्रभाव सीमित रहा।

टैक्लिंग की कमी और रणनीतिक झलक
बेंगलुरु बुल्स की रक्षा आज का मुख्य कारण बन गई। टीम ने कुल 138 में से केवल 5 टैकल पॉइंट हासिल किए, जो औसत से बहुत नीचे था। विशेषज्ञों ने टिप्पणी की कि इस नुकसान के पीछे खिले हुए कोऑर्डिनेटर और रैडर के बीच तालमेल की कमी है। दूसरी ओर, डाबंग दिल्ली की टैक्लिंग लकीरें सुसंगत रही; उन्होंने 16 टैकल पॉइंट के साथ संतुलन बनाए रखा।
कोच संजय सिंह (डाबंग दिल्ली) ने पहले क्वार्टर में मैदान को खोलने के लिए तेज़ रैडिंग की रणनीति अपनाई, जिससे रक्षात्मक फॉर्मेशन को तोड़ा गया। बेंगलुरु की ओर से भी मैच के तीसरे क्वार्टर में एक बार फिर आक्रमण तेज किया गया, लेकिन टैक्लिंग में चूक ने उन्हें महँगा पड़ा।
इंटर‑ज़ोन चैलेंज सप्ताह का महत्व
प्रो कबड्डी लीग के इंटर‑ज़ोन चैलेंज सप्ताह में ज़ोन‑खास मैचों के अलावा, विभिन्न ज़ोन की टीमों के बीच दुर्लभ टकराव होते हैं। इस सप्ताह से दर्शकों को नई रणनीतियों और अप्रत्याशित परिणामों का आनंद मिलता है। इस मैच में डाबंग दिल्ली (उत्तर ज़ोन) और बेंगलुरु बुल्स (दक्षिण ज़ोन) की भिड़ंत ने ज़ोन‑विच अंतर को उजागर किया और लीग की प्रतिस्पर्धात्मकता को नई ऊँचाई दी।
सीज़न के अंत में, बेंगलुरु बुल्स ने इस नुकसान को पीछे छोड़कर 5 जनवरी 2019 को गुज़रात फोर्टुनेजेंट्स को हराकर अपना पहला ट्रॉफी जीत लिया। इस जीत ने साबित किया कि एक झटका भी टीम को पूरी तरह से गिरा नहीं सकता — साहस और निरंतर सुधार ही जीत की कुंजी है।

सीज़न 6 का समापन और भविष्य की राह
2018‑19 प्रो कबड्डी लीग सीज़न ने 7 अक्टूबर 2018 से 5 जनवरी 2019 तक 12 टीमों के बीच 138 मैचों का रोमांचकारी सफ़र तय किया। मैशल स्पोर्ट्स ने लीग का संचालन किया, और स्टार स्पोर्ट्स ने इसे देश भर में लाइव प्रसारित किया। इस सीज़न में बेंगलुरु बुल्स के पवन सहरावत ने 209 सफल रैड के साथ सबसे अधिक सफल रैड भी दर्ज किए।
डाबंग दिल्ली की लगातार होम जीत ने दर्शकों को उम्मीद दिलाई कि वह अगले सीज़न में प्लेऑफ़ तक पहुंचने के योग्य बन सकेगा। अब सवाल यह है कि टीम अपने जॉन्स को कैसे बनाये रखेगी और टैक्लिंग को कैसे सुधारेगी, ताकि वे अगले साल का ट्रॉफी खींच सकें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डाबंग दिल्ली की इस जीत का उनके सीज़न में क्या महत्व है?
यह जीत टीम की होम स्ट्रिक को चार लगातार जीत तक ले गई, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और प्लेऑफ़ में जगह बनाने के संभावनाएं मजबूत हुईं। विशेषकर टैक्लिंग में सुधार ने उनका गेम प्लान संतुलित किया।
बेंगलुरु बुल्स ने केवल पाँच टैकल पॉइंट क्यों हासिल किए?
मैच के दौरान कई प्रमुख टैक्लर चोटिल हो गए, और रैडर के तेज़ फुटेज ने उनकी रक्षा को ध्वस्त कर दिया। कोऑर्डिनेशन की कमी और डाबंग की आक्रामक रैडिंग भी कारण रहे।
इंटर‑ज़ोन चैलेंज सप्ताह का प्रो कबड्डी लीग पर क्या असर है?
इस सप्ताह के मैच विभिन्न ज़ोन की टीमों को मिलाते हैं, जिससे रणनीति में नई चुनौतियां आती हैं और दर्शकों को विविधता का आनंद मिलता है। यह लीग की प्रतिस्पर्धा को और तीव्र बनाता है।
पवन सहरावत ने इस सीज़न में कितने पॉइंट स्कोर किए?
पवन सहरावत ने 271 पॉइंट जुटाए, जिससे वह सीज़न के टॉप स्कोरर बनें। उनकी 209 सफल रैड ने बेंगलुरु बुल्स को कई मोड़ पर बचाया।
अगले सीज़न में डाबंग दिल्ली को कौन सी प्रमुख चुनौती का सामना करना पड़ेगा?
डाबंग को टैक्लिंग को मजबूत करना होगा, क्योंकि इस जीत में उनकी रैडिंग बेहतर थी, पर टैक्लिंग में अभी भी सुधार की गुंजाइश है। साथ ही, प्लेऑफ़ के दबाव में कबड्डी को संभालना एक बड़ी चुनौती होगी।
टिप्पणि
Kanhaiya Singh
डाबंग दिल्ली की इस जीत से टीम का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया है; लगातार चार घर की जीत ने प्लेऑफ़ के लिए एक मजबूत आधार रखा है।
अक्तूबर 17, 2025 at 21:10