ITR फाइलिंग डेडलाइन 16 सितम्बर तक बढ़ी: आगे भी बढ़ेगा क्या?

26सितंबर

Posted on सित॰ 26, 2025 by Devendra Pandey

ITR फाइलिंग डेडलाइन 16 सितम्बर तक बढ़ी: आगे भी बढ़ेगा क्या?

ITR फाइलिंग डेडलाइन का नया विस्तार

आयकर विभाग ने एक अचानक घोषणा के बाद अपनी ITR फाइलिंग डेडलाइन को सिर्फ एक दिन बढ़ाकर ITR फाइलिंग डेडलाइन 16 सितम्बर 2025 कर दी। पहले की नियत तिथि 31 जुलाई थी, जिसको फिर 15 सितम्बर तक ले जाया गया था। यह दूसरी बार हुआ है जब विभाग ने इस कर वर्ष में समय‑सीमा को बढ़ाया।

काफी समय से ई‑फ़ाइलिंग पोर्टल पर प्रोसेसिंग स्लो, कभी‑कभी पूरी तरह बंद हो जाना और आवश्यक फ़ॉर्मों की रिलीज़ में देरी की शिकायतें दर्ज थीं। #duedateextension हैशटैग को 15 सितम्बर भर ट्रेंड करना पड़ गया, जहाँ टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने अधिक समय की मांग की। विभाग ने ऐसा करने के पीछे सिर्फ तकनीकी ठीक‑ठाकी को ही नहीं, बल्कि जनता के भरोसे को बचाने की भी कोशिश की।

भविष्य में और कौन‑कौन से वर्गीकरण वाले टैक्सपेयर्स को क्या‑क्या समय मिलेगा, यह नीचे दी गई तालिका में समझा गया है:

  • व्यक्तिगत, HUF, AOP, BOI (ऑडिट नहीं चाहिए) – 16 सितम्बर तक
  • ऑडिट‑योग्य व्यवसाय – 31 अक्टूबर तक
  • ट्रांसफ़र‑प्राइसिंग रिपोर्ट वाले – 30 नवंबर तक

इन तिथियों के बीच, विभाग ने 16 सितम्बर की सुबह 12 बजे से 2:30 बजे तक पोर्टल में मेंटेनेंस जैसा एक छोटा‑सा कार्य किया, जिससे फाइलिंग प्रक्रिया में कोई अड़चन न आए। सभी आधिकारिक जानकारी विभाग के X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से मिली, और उन्होंने जोर दिया कि कोई भी अफवाह या फर्जी सूचना पे भरोसा न करें।

भविष्य की संभावनाएँ और दंड

भविष्य की संभावनाएँ और दंड

हाल ही में CBDT ने आयकर ऑडिट रिपोर्ट की डेडलाइन को 30 सितम्बर से 31 अक्टूबर कर दिया। इससे कई विशेषज्ञों को यह सवाल उभरा कि क्या ऑडिट केसों की ITR फाइलिंग डेडलाइन भी उसी तरह आगे बढ़ेगी? अभी तक कोई सटीक नोटिफिकेशन नहीं आया, पर सम्भावना है कि विभाग जल्द ही एक अलग अधिसूचना जारी कर सकता है।

अगर आप नई तिथि (16 सितम्बर) तक फाइल नहीं कर पाए तो क्या होगा? देर से फाइलिंग के लिये दो प्रकार के दंड तय हैं:

  1. धारा 234F के तहत ₹1,000‑₹5,000 का फिक्स्ड पेनल्टी
  2. धारा 234A के तहत बकाया टैक्स पर 1% महीना‑वार इंटरेस्ट

इन दंडों के साथ, देर से फाइल करने वाले को 31 दिसंबर 2025 तक फाइलिंग की अनुमति होगी, पर ऊपर बताए गए जुर्माने लागू रहेंगे। साथ ही, दूसरे किस्त एडेवांस टैक्स (जो 15 सितम्बर को था) पर कोई नया विस्तार नहीं दिया गया, इसलिए देर से एडेवांस टैक्स देने पर धारा 234C के तहत इंटरेस्ट भी लग सकता है।

कंपनी या फ्रीलांसर जो ऑडिट‑कोन्ट्रैक्ट पर हैं, उन्हें विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उनके लिए अतिरिक्त रिपोर्टिंग जरूरतें होती हैं। विभाग ने 24‑घंटे हेल्पडेस्क भी चालू कर दिया है, जहाँ कॉल, लाइव चैट, WebEx सत्र और सोशल मीडिया पर मदद मिलती है। यह सुविधा खासकर छोटे‑बड़े वाणिज्यिक इकाइयों के लिये उपयोगी होगी।

अंत में, सभी टैक्सपेयर्स को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक चैनलों से ही अपडेट लेते रहें और किसी भी मिथ्य सूचना के कारण फाइलिंग में गलती न करें। आधिकारिक नोटिफिकेशन के बिना कोई भी विस्तार मान्य नहीं रहेगा।

एक टिप्पणी लिखें