MPBOCW की नकली यूट्यूब चैनल के खिलाफ श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने की शिकायत दर्ज करने की निर्देश

18दिसंबर
MPBOCW की नकली यूट्यूब चैनल के खिलाफ श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने की शिकायत दर्ज करने की निर्देश

भोपाल में श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने एक नकली यूट्यूब चैनल के खिलाफ तुरंत कार्रवाई का आदेश दिया, जिसने मध्य प्रदेश बिल्डिंग एंड ऑथर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड (MPBOCW) की पहचान का दुरुपयोग किया। यह धोखेबाज़ चैनल, जिसका नाम 'MPBOCW MADHY PRADESH' और हैंडल @MPBOCW01 है, ने बोर्ड के 17 आधिकारिक वीडियो चोरी करके अपने चैनल पर अपलोड कर दिए — जिनमें निर्माण कर्मचारियों के लिए बीमा, मैटर्निटी सहायता, पेंशन और दुर्घटना क्षतिपूर्ति जैसी जानकारी शामिल है। यह घटना 4 दिसंबर, 2025 को सामने आई, जब बोर्ड की डिजिटल सुरक्षा टीम ने इसकी पहचान की और श्रम मंत्री को रिपोर्ट किया। पटेल ने तुरंत भोपाल साइबर सेल और यूट्यूब के कानूनी विभाग को शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया।

कैसे बनी यह नकली चैनल?

नकली चैनल ने अक्टूबर 2025 के अंत से ही अपना काम शुरू किया था। यह एक बहुत ही सुनियोजित योजना के तहत काम कर रहा था — बोर्ड के नवंबर 2025 में शुरू किए गए AI-आधारित शिक्षण वीडियोज़ को बिना अनुमति के डुप्लीकेट करके उन्हें अपने चैनल पर अपलोड कर रहा था। ये वीडियो ग्रामीण और शहरी निर्माण कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनमें रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़ और लाभ पाने का तरीका सरल हिंदी में समझाया गया है। नकली चैनल ने अपने शुरुआती छह हफ्तों में ही 1,842 सदस्य जुटा लिए और 1,27,583 वीडियो व्यूज़ हासिल कर लिए। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है, क्योंकि इसका मतलब है कि हजारों मजदूर गलत जानकारी के शिकार हो सकते हैं।

असली चैनल क्या है?

वास्तविक और सत्यापित यूट्यूब चैनल है @MPBOCW — जिस पर सरकारी ब्लू चेक मार्क लगा हुआ है। यह चैनल मार्च 2021 से सक्रिय है और अब तक 217 आधिकारिक वीडियो पोस्ट किए हैं। इसके 18,743 सदस्य हैं। इस चैनल पर अभी लागू एमपी कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर स्कीम 2025-26 के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिसमें चिकित्सा कवरेज ₹5 लाख तक, दुर्घटना में ₹2 लाख की क्षतिपूर्ति और मासिक ₹3,000 की पेंशन शामिल है। बोर्ड के डिजिटल सेक्शन ने पुष्टि की है कि यह एकमात्र ऐसा चैनल है जिस पर राज्य सरकार की डिजिटल प्रमाणीकरण प्रणाली लागू है।

मंत्री की तुरंत प्रतिक्रिया

श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, जो देवास लोकसभा क्षेत्र के सांसद हैं, ने बोर्ड के महानिदेशक के सामने उपस्थित होकर दिखाए गए सबूतों को व्यक्तिगत रूप से देखा। उन्होंने 4 दिसंबर को लिखित निर्देश जारी किए — जिसमें साइबर सेल के साथ-साथ यूट्यूब के लीगल टीम को भी शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया गया। इसके तुरंत बाद, भोपाल साइबर सेल में 2:45 बजे एक औपचारिक शिकायत दर्ज कर ली गई। शिकायत में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह चैनल न केवल कॉपीराइट का उल्लंघन कर रहा है, बल्कि निर्माण कर्मचारियों के लिए जीवन-बचाने वाली योजनाओं के बारे में भ्रम पैदा कर रहा है।

क्या हो सकता है अगर कोई भ्रमित हो जाए?

यहाँ खतरा बहुत गंभीर है। अगर कोई मजदूर नकली चैनल के निर्देशों पर भरोसा करके अपने दस्तावेज़ अज्ञात व्यक्ति को भेज दे, तो उसका व्यक्तिगत डेटा चोरी हो सकता है। कुछ मामलों में ऐसे चैनल फर्जी रजिस्ट्रेशन फीस लेते हैं — या फिर बाद में व्यक्ति को बताते हैं कि उसका नाम गलत तरीके से रजिस्टर हुआ है और अब लाभ नहीं मिलेगा। बोर्ड के महानिदेशक ने 4 दिसंबर को 3 बजे भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा: “यह एक ऐसा अपराध है जो उन मजदूरों के जीवन को खतरे में डाल सकता है, जिनके पास इस जानकारी के अलावा कोई और स्रोत नहीं है।”

अब क्या होगा?

साइबर सेल की जांच अभी चल रही है। वे चैनल के आईपी एड्रेस, वित्तीय लेन-देन, और उसके पीछे के व्यक्ति की पहचान करने पर ध्यान दे रहे हैं। प्रारंभिक निष्कर्ष 14 कार्यदिवसों में आने की उम्मीद है। एक अहम बात यह है कि चैनल के मॉनेटाइजेशन के तरीके की जांच हो रही है — क्या इसमें विज्ञापन लगाए गए हैं? क्या यह फर्जी लिंक्स के जरिए फिशिंग कर रहा है? बोर्ड ने इसके लिए एक विशेष हेल्पलाइन (0755-2550123) और ईमेल ([email protected]) भी शुरू किया है। पहले 24 घंटों में ही 47 नागरिकों ने अपनी शंकाओं की पुष्टि के लिए संपर्क किया।

क्या यह पहली बार है?

नहीं। पिछले दो वर्षों में राज्य भर में तीन बार ऐसी नकली सरकारी चैनलों का पता चला है — एक बार आयकर विभाग के नाम पर, एक बार स्वास्थ्य विभाग के नाम पर, और एक बार शिक्षा विभाग के नाम पर। लेकिन इस बार अलग है: यह एक सरकारी योजना के लाभ पाने वाले लाखों मजदूरों के लिए बनाया गया है। और यह जानकारी सीधे उनकी जिंदगी से जुड़ी है।

क्या आपको भी चेतावनी चाहिए?

बोर्ड ने स्पष्ट किया है: किसी भी यूट्यूब चैनल पर भरोसा न करें, जिसका नाम MPBOCW हो लेकिन हैंडल @MPBOCW न हो। साथ ही, अगर आपको कोई ऐसा वीडियो दिखे जिसमें किसी को फीस देने के लिए कहा जा रहा हो, या आपके डॉक्यूमेंट्स मांगे जा रहे हों — तो तुरंत हेल्पलाइन पर संपर्क करें। यह न केवल आपकी सुरक्षा है, बल्कि आपके पड़ोसी, दोस्त और रिश्तेदारों की भी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या @MPBOCW01 चैनल असली है?

नहीं, @MPBOCW01 एक नकली चैनल है। असली और सत्यापित चैनल केवल @MPBOCW है, जिस पर सरकारी ब्लू चेक मार्क लगा हुआ है। नकली चैनल ने बोर्ड के वीडियो चोरी करके अपने चैनल पर अपलोड किए हैं और लाखों निर्माण कर्मचारियों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है।

MPBOCW की योजना के लाभ कैसे प्राप्त करें?

आपको केवल आधिकारिक वेबसाइट mpbocw.mp.gov.in या सत्यापित यूट्यूब चैनल @MPBOCW के माध्यम से रजिस्टर करना चाहिए। कोई भी फीस या ब्रोकर के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाने की कोशिश न करें। आपके लिए योजना में ₹5 लाख तक का चिकित्सा कवरेज, ₹2 लाख की दुर्घटना क्षतिपूर्ति और ₹3,000 मासिक पेंशन शामिल है।

इस नकली चैनल के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है?

इसके खिलाफ साइबर क्राइम एक्ट की धारा 66 और कॉपीराइट एक्ट की धारा 63 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। यदि चैनल चालक नकली जानकारी के जरिए धोखाधड़ी कर रहा है, तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत दो साल तक की सजा हो सकती है। साइबर सेल अभी उसके आईपी और बैंक लेन-देन की जांच कर रहा है।

क्या यूट्यूब ने इस चैनल को हटाया है?

अभी तक नहीं। बोर्ड ने यूट्यूब के लीगल टीम को आधिकारिक शिकायत भेजी है, लेकिन यूट्यूब के पास जांच और कार्रवाई करने में अक्सर 7-14 दिन लग जाते हैं। बोर्ड ने अपने फॉलोअर्स को चेतावनी दी है कि वे इस चैनल को न देखें, न ही उस पर कोई कमेंट करें — जिससे उसका एल्गोरिदम अधिक दिखाई न दे।

क्या बोर्ड के अन्य सोशल मीडिया खाते भी सुरक्षित हैं?

हाँ। बोर्ड के आधिकारिक खाते — Instagram (@mpbocw), Facebook (@mpbocw), और X (@mpbocw) — सभी सत्यापित हैं और सरकारी डिजिटल प्रमाणीकरण से जुड़े हुए हैं। किसी भी अन्य खाते को न विश्वास करें। अगर कोई खाता असली लगे लेकिन वेरिफाइड न हो, तो उसे रिपोर्ट करें।

अगर मैंने नकली चैनल के जरिए फीस दे दी है, तो क्या करूँ?

तुरंत हेल्पलाइन 0755-2550123 पर संपर्क करें और अपनी लेनदेन की जानकारी भेजें। बोर्ड आपकी मदद के लिए एक विशेष टीम बना चुका है। आपको कोई दोबारा फीस नहीं देनी होगी। आपका रजिस्ट्रेशन आधिकारिक चैनल से फ्री में किया जा सकता है।