मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख अमोल काले का न्यूयॉर्क में दिल का दौरा पड़ने से निधन

11जून
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के प्रमुख अमोल काले का न्यूयॉर्क में दिल का दौरा पड़ने से निधन

अमोल काले का जीवन और करियर

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) के अध्यक्ष अमोल काले का सोमवार, 10 जून 2024 को न्यूयॉर्क में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अमोल काले का क्रिकेट की दुनिया में बेहद महत्वपूर्ण योगदान था। वे MCA के अध्यक्ष के रूप में 2022 में चुने गए थे और वे महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी सहयोगी थे। काले नागपुर से थे और उन्होंने क्रिकेट प्रशासन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

भारत-पाकिस्तान मैच का असर

अमोल काले की मृत्यु की खबर भारत और पाकिस्तान के बीच आईसीसी मेन्स टी20 वर्ल्ड कप 2024 के मैच के ठीक एक दिन बाद आई। यह मैच बहुत ही रोमांचक था, जिसमें भारत ने 6 रनों से जीत दर्ज की थी। काले ने यह मैच अपने सहयोगियों, जैसे कि MCA के सचिव अजींकेय नाइक और एपेक्स काउंसिल के सदस्य सुरज समत के साथ न्यूयॉर्क के नासाउ काउंटी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में देखा था।

राजनीतिक और क्रिकेट जगत में शोक

काले की अचानक मृत्यु कई लोगों के लिए सदमा था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता डॉ जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि काले एक अच्छे आयोजक और क्रिकेट प्रेमी थे। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी काले की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया।

क्रिकेट में उनका योगदान

अमोल काले की अध्यक्षता में मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ प्राप्त की। मुंबई ने 2023-24 की रणजी ट्रॉफी जीती और वानखेड़े स्टेडियम में विश्व कप 2023 के मैचों की सफल मेजबानी की। इसके अलावा, काले भारतीय स्ट्रीट प्रीमियर लीग के सह-प्रवर्तक भी थे, जो कि 2024 में शुरू हुई टेनिस बॉल की फ्रैंचाइज़ी क्रिकेट लीग है।

काले की मृत्यु ने ना सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों को बल्कि पूरे देश को शोकाकुल कर दिया है। अचानक हुए इस हादसे ने एक बेहतरीन क्रिकेट प्रशासक को हमसे छीन लिया, जिन्होंने मुंबई क्रिकेट को नयी ऊंचाइयों पर पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। क्रिकेट जगत उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।

टिप्पणि

Prachi Doshi
Prachi Doshi

बहुत दुख की बात है। एक असली क्रिकेट दोस्त चला गया।

जून 13, 2024 at 10:39

Karan Kacha
Karan Kacha

अमोल काले ने तो सिर्फ एक टीम को नहीं, पूरे मुंबई क्रिकेट के इतिहास को बदल दिया! वानखेड़े की बारिश में खेले गए वर्ल्ड कप मैच, रणजी का खिताब, और फिर स्ट्रीट प्रीमियर लीग की शुरुआत-ये सब उनकी मेहनत का नतीजा था! वो बस एक अध्यक्ष नहीं थे, वो एक भावना थे! जिनकी आँखों में क्रिकेट बस खेल नहीं, बल्कि एक धर्म था! और अब जब वो नहीं हैं, तो लगता है जैसे एक दिशा गायब हो गई है! आपकी यादें हमेशा जीवित रहेंगी, अमोल जी! 🙏

जून 14, 2024 at 15:54

vishal singh
vishal singh

ये सब नाम लेने का क्या फायदा? भारत में हर एसोसिएशन का अध्यक्ष एक दिन दिल का दौरा पड़कर मर जाता है। बस अब इस बात पर भी चर्चा करनी है?

जून 16, 2024 at 13:27

mohit SINGH
mohit SINGH

अमोल काले की मौत के बाद अचानक से सब रोने लगे? अगर उन्होंने वानखेड़े के लिए बजट बढ़ाया तो क्या उन्होंने खिलाड़ियों के लिए बेसिक फैसिलिटीज बनाई? नहीं! वो तो सिर्फ टीवी ट्रांसमिशन राइट्स के लिए बात करते थे! ये सब नाटक है!

जून 17, 2024 at 07:36

Preyash Pandya
Preyash Pandya

मुझे लगता है ये सब एक बड़ा कॉन्सिर्पिसी है 😏 अमोल काले ने अपने दोस्त फडणवीस के लिए ये सब बनाया था ना? और फिर वो न्यूयॉर्क में दिल का दौरा क्यों? क्या वो वहां एक बड़ा डील करने गए थे? 🤔 जिसने भी इसका फैसला किया, वो अभी भी जिंदा है... 😈

जून 18, 2024 at 05:28

Raghav Suri
Raghav Suri

मैंने अमोल काले को वानखेड़े में देखा था, वो बस एक आम इंसान जैसे लगते थे-हर बच्चे के साथ बात करते, ट्रेनर्स को गले लगाते, और बारिश में भी खड़े रहते थे। उन्होंने मुझे एक बार स्टेडियम में एक बच्चे के लिए टिकट दिया था। वो जो बनाना चाहते थे, वो बस एक ऐसा क्रिकेट था जहां कोई भी बच्चा अपने घर से बाहर आकर खेल सके। अब ये लीग चल रही है, लेकिन उनकी आत्मा कहां है? अगर हम उनकी याद में वास्तविक बदलाव लाएं-जैसे कि गांवों में क्रिकेट कोचिंग फ्री करें-तो उनका असली विरासत जीवित रहेगा। बस एक शोक नहीं, एक काम करना है।

जून 20, 2024 at 00:42

Priyanka R
Priyanka R

ये सब बहुत अजीब है... अमोल काले ने जिस दिन मैच देखा था, उसी दिन न्यूयॉर्क में एक बड़ा बिजनेस मीटिंग थी जिसमें एक अमेरिकी कंपनी ने भारतीय क्रिकेट के स्टेडियम्स को खरीदने की बात की थी! और फिर अचानक दिल का दौरा? मुझे लगता है ये कोई एक्सीडेंट नहीं... ये तो एक एक्सिट स्ट्रैटेजी है! 🕵️‍♀️

जून 21, 2024 at 20:05

Rakesh Varpe
Rakesh Varpe

सच कहूँ तो उनका योगदान अच्छा रहा

जून 22, 2024 at 23:00

Girish Sarda
Girish Sarda

मैं तो सोच रहा था कि ये जो वानखेड़े के लिए फंडिंग बढ़ाई गई थी, उसका क्या हुआ? क्या वो पैसे सिर्फ स्टेडियम के लिए गए या फिर कोचिंग सेंटर्स में भी गए? किसी को पता है?

जून 24, 2024 at 05:05

Garv Saxena
Garv Saxena

क्या आपने कभी सोचा है कि जब एक आदमी अपने जीवन के अंतिम दिन में एक भारत-पाकिस्तान मैच देख रहा हो, तो क्या वो सिर्फ क्रिकेट देख रहा था? या वो देख रहा था कि एक देश दूसरे देश के खिलाफ लड़ रहा है, और फिर भी दोनों देश के लोग एक ही जगह पर खड़े हैं? अमोल काले की मौत एक दर्द है, लेकिन उसकी याद एक संदेश है-कि खेल अकेले दुनिया को जोड़ सकता है। अब बस ये सवाल रह गया कि हम इस संदेश को कैसे जीएंगे?

जून 25, 2024 at 00:12

Rajesh Khanna
Rajesh Khanna

मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि अमोल जी की याद अमर रहे। उनका साहस और दृढ़ता हमें सबक देती है।

जून 26, 2024 at 10:32

Sinu Borah
Sinu Borah

अरे भाई, सब रो रहे हो, पर किसी ने क्या किया? उनके बाद कौन आया? क्या अब भी वही लोग चला रहे हैं जो उनके समय में थे? ये सब नाटक है, एक बार बदलाव आए तो फिर बात बन जाएगी। वरना ये तो बस एक फोटो शो है।

जून 28, 2024 at 09:29

Sujit Yadav
Sujit Yadav

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष होना किसी गैर-प्राइवेट एजेंट के लिए एक अवसर था। उन्होंने अपनी राजनीतिक नेटवर्किंग का इस्तेमाल किया। वानखेड़े का रेनोवेशन? बस एक लॉबींग ट्रिक। और अब जब वो नहीं हैं, तो ये लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं? क्या वो उनके लिए रो रहे हैं या अपने नुकसान के लिए? 😒

जून 29, 2024 at 07:03

Kairavi Behera
Kairavi Behera

मैंने अमोल जी को एक बार बच्चों के लिए एक ट्रेनिंग सेशन में देखा था। वो बस एक टेनिस बॉल फेंक रहे थे और बच्चे उन्हें बार-बार ले रहे थे। उन्होंने कभी नहीं कहा कि 'अरे ये तो बहुत बुरा है'। बस मुस्कुराते रहे। वो जो बनाना चाहते थे, वो बस एक ऐसा खेल था जहां कोई डरता नहीं। अब हमें बस उसी को आगे बढ़ाना है।

जून 30, 2024 at 01:35

Aakash Parekh
Aakash Parekh

हाँ, बहुत शोक की बात है। अब चलो अगला टॉपिक चलाते हैं।

जून 30, 2024 at 05:32

Sagar Bhagwat
Sagar Bhagwat

अरे यार, ये तो बस एक आदमी की मौत है। बहुत लोग इतने अच्छे लोग मर जाते हैं। लेकिन हम उनके बारे में क्यों बात कर रहे हैं? क्या वो इतने खास थे? मुझे तो लगता है बस इतना कि वो अच्छे इंसान थे।

जुलाई 1, 2024 at 01:51

Jitender Rautela
Jitender Rautela

अमोल काले की मौत के बाद सब ने उन्हें बहुत बड़ा बता दिया। पर जब वो जिंदा थे, तो किसी ने उनकी बात सुनी थी? किसी ने उनके लिए आवाज उठाई थी? नहीं। अब जब वो नहीं हैं, तो सब बड़े बन गए।

जुलाई 1, 2024 at 18:53

abhishek sharma
abhishek sharma

अमोल काले की मौत एक शोक है, लेकिन अगर हम इसे सिर्फ एक शोक के रूप में देखेंगे, तो हम उनकी वास्तविक विरासत को नहीं समझ पाएंगे। वो एक आदमी थे जिन्होंने देखा कि क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक सामाजिक इंस्टीट्यूशन है। उन्होंने एक ऐसा सिस्टम बनाने की कोशिश की जहां एक गांव का बच्चा भी वानखेड़े में खेल सके। अब ये सिस्टम टूट गया है, और हम सब बस रो रहे हैं। अगर हम उनके लिए वास्तविक यादगार बनाना चाहते हैं, तो हमें उनकी विजन को जीना होगा। नहीं तो ये सब बस एक शोक का नाटक है।

जुलाई 2, 2024 at 14:36

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