मुंबई-ठाणे में भारी बारिश का रेड अलर्ट: स्कूल बंद, फ्लाइट्स-ट्रेनों पर असर

18अगस्त

Posted on अग॰ 18, 2025 by Devendra Pandey

मुंबई-ठाणे में भारी बारिश का रेड अलर्ट: स्कूल बंद, फ्लाइट्स-ट्रेनों पर असर

मुंबई में जोरदार बारिश, हालात बिगड़े

एक बार फिर मुंबई और आसपास के इलाकों में बारिश ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के रेड अलर्ट के बाद सोमवार से हालात और बिगड़ गए। मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और पालघर में भारी से भारी बारिश और कुछ हिस्सों में अत्यधिक जलवृष्टि का अलर्ट जारी है। इससे पहले मुंबई के लिए ऑरेंज अलर्ट था, लेकिन हालात बिगड़ने के बाद रेड अलर्ट लागू किया गया। ये अलर्ट मंगलवार तक जारी रहेंगे।

पिछले तीन दिनों से शहर में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही। सोमवार सुबह 9 बजे से सिर्फ एक घंटे में ही मुंबई बारिश के आंकड़े चौंकाने वाले रहे—आईलैंड सिटी में 37 मिमी, ईस्टर्न सबअर्ब्स में 39 मिमी और वेस्टर्न सबअर्ब्स में 29 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। सिर्फ चेंबूर इलाके में 65 मिमी और शिवाजी नगर में 50 मिमी बारिश ने लोगों की सांसें फुला दीं। 24 घंटों में ही आईलैंड सिटी में 54.58 मिमी, ईस्ट में 72.61 मिमी और वेस्ट में 65.86 मिमी बारिश दर्ज की गई।

बारिश का ये दौर अब पूरे हफ्ते चलेगा। मंगलवार से शुक्रवार तक अधिकतर जगहों पर बादल छाए रहने और रुक-रुक कर भारी बारिश की बात कही गई है। 21 अगस्त को थोड़ी राहत के आसार हैं लेकिन उसके बाद फिर से हल्की-तेज बारिश देखने को मिल सकती है।

स्कूल बंद, रेल-हवाई सेवाएं बाधित

स्कूल बंद, रेल-हवाई सेवाएं बाधित

बारिश ने मुंबईकरों के हाथ बांध दिए हैं। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने सोमवार और मंगलवार को सभी स्कूल-कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया है। यही स्थिति ठाणे, भिवंडी, पालघर और रायगढ़ में भी रही—सभी शिक्षा संस्थान बंद हैं, जिसमें सरकारी, प्राइवेट, प्री-प्राइमरी से लेकर कॉलेज तक शामिल हैं।

ट्रांसपोर्ट के मोर्चे पर भी हालात खराब हैं। मुंबई की लाइफलाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेनें आम दिनों के मुकाबले 15-20 मिनट देरी से चल रही हैं। कई निचले इलाके पानी में डूबे हैं। अंधेरी सबवे, लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स जैसी जगहों पर सड़कों पर घुटनों तक पानी जम गया है, जिसकी वजह से ट्रैफिक पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।

हवाई यात्रियों की परेशानी भी बढ़ गई है। सोमवार दोपहर 12 बजे तक मुंबई एयरपोर्ट पर नौ फ्लाइट्स को ‘गो अराउंड’ करना पड़ा यानी वो पहली बार लैंड नहीं कर पाईं। एक फ्लाइट को डाइवर्ट करके सूरत भेज दिया गया। लिमिटेड विजिबिलिटी और भीड़भाड़ के चलते एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यात्रियों को फ्लाइट स्टेटस चेक करने की सलाह दी है।

मछुआरों को अरब सागर में न जाने की चेतावनी दी गई है। महाराष्ट्र के अलावा गुजरात, कोंकण, गोवा और विदर्भ में भी अलर्ट जारी है। रत्नागिरी जिले पर सोमवार के लिए रेड अलर्ट है। उधर, गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र रीजन में पूरे सप्ताह तेज बारिश, आंधी और तेज हवाओं का रेड अलर्ट लगा है।

  • मुंबई के कई इलाकों में पानी घुसने से जनजीवन अस्त-व्यस्त
  • प्रशासन ने लोगों से घर में रहने और सतर्क रहने का आग्रह किया
  • शहर में आम जनजीवन लगातार बारिश के चलते परेशान
  • पांच राज्यों में भारी बारिश का असर, लगातार निगरानी जारी

अभी हफ्ते भर राहत के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग हालात पर नजर रख रहा है और जरूरत पड़ी तो नये अलर्ट भी जारी किए जा सकते हैं।

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rohit majji
rohit majji

बारिश तो हो रही है पर लोकल्स अभी भी चल रही हैं यार 😅 अब तो बस घर पे बैठे रहना है दोस्तों

अगस्त 19, 2025 at 21:42

Abhi Patil
Abhi Patil

इस बारिश के संदर्भ में, मुझे लगता है कि मुंबई के शहरी अवसंरचना के डिज़ाइन में एक गहरी अस्थिरता निहित है, जो अपने आप में एक आधुनिक शहर के रूप में अपनी विशिष्टता को निरूपित करती है, लेकिन जब यह जलवायु अस्थिरता के साथ टकराती है, तो यह एक विस्तृत विफलता का प्रकटीकरण करती है। वर्षा के आंकड़े, जैसे कि चेंबूर में 65 मिमी, केवल एक सांख्यिकी नहीं हैं-यह एक अनुग्रह का अभाव है जो आज भी एक विकासशील राष्ट्र के नागरिकों को निरंतर देने की अनुमति नहीं देता है। यह एक विश्वसनीय निगरानी प्रणाली की आवश्यकता है, जो भविष्य के जलवायु अनिश्चितताओं के लिए एक बहु-स्तरीय अनुकूलन रणनीति के साथ समन्वयित हो।

हम जो देख रहे हैं, वह एक अत्यधिक आर्थिक और प्रशासनिक विवेक की कमी है, जिसने अपने नागरिकों को अनिश्चितता के चक्र में फंसा दिया है। यह एक ऐसा विफलता है जिसे केवल एक विश्लेषणात्मक और आधुनिक नीति निर्माण के दृष्टिकोण से ही ठीक किया जा सकता है, जो जलवायु अनुकूलन के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण को अपनाता है।

हमारे शहरों को अपने भूगोल और जलवायु के साथ एक सामाजिक-प्राकृतिक समन्वय के साथ डिज़ाइन किया जाना चाहिए, न कि एक आर्थिक लाभ के लिए अनियंत्रित विकास के साथ। यह एक अनिवार्य आवश्यकता है, न कि एक वैकल्पिक विकल्प।

अगस्त 21, 2025 at 19:06

Prerna Darda
Prerna Darda

इस बारिश का संकट एक जलवायु अनुकूलन असफलता का प्रतीक है-हमारी अवसंरचना जलवायु जोखिम के लिए अक्षम है। जब एक घंटे में 65 मिमी बारिश एक आपातकाल बन जाती है, तो यह न केवल एक मौसमी घटना है, बल्कि एक व्यवस्थागत अपराध है। जल निकासी प्रणाली, जो एक विकसित शहर के लिए बुनियादी है, अभी भी ग्रामीण स्तर की है। यह एक जलवायु न्याय का मुद्दा है।

हमारे पास तकनीकी समाधान हैं-स्मार्ट ड्रेनेज, ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, जल संचयन टैंक-लेकिन वे नीतिगत लापरवाही और राजनीतिक अहंकार के कारण अनुप्रयोग में नहीं आते। जलवायु अनुकूलन का मतलब बस अलर्ट भेजना नहीं है, बल्कि उन अलर्ट्स को बदलने के लिए भौतिक वास्तुकला बनाना है।

हम निर्माण के लिए नहीं, बल्कि बचाव के लिए डिज़ाइन कर रहे हैं। यह अभी भी एक निर्माण उद्योग की नीति है, न कि एक नागरिक सुरक्षा नीति। अगर हम अपने शहरों को जलवायु संकट के लिए तैयार नहीं करते, तो हम अपने नागरिकों को एक अनिश्चित भविष्य में छोड़ रहे हैं।

अगस्त 21, 2025 at 23:01

Uday Teki
Uday Teki

बहुत बुरा लग रहा है दोस्तों 😔 घर पे बैठे हैं पर दिल दर्द से भरा हुआ है... बारिश तो होती है लेकिन इतनी बर्बरता नहीं होनी चाहिए 🙏

अगस्त 23, 2025 at 03:32

Ira Burjak
Ira Burjak

मुझे लगता है कि जब एक शहर इतनी बार बारिश के लिए अलर्ट देता है, तो यह बताता है कि हम बहुत लंबे समय से इस समस्या को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।

मैं जानती हूँ कि अधिकारी बहुत जल्दी अलर्ट जारी कर देते हैं, लेकिन क्या कोई इस बात पर विचार करता है कि ये अलर्ट किसके लिए हैं? क्या ये लोगों को डराने के लिए हैं, या उनकी सुरक्षा के लिए? मुझे लगता है कि अगर बारिश आए तो स्कूल बंद करना अच्छा है, लेकिन क्या ये लोगों को घर पर रहने के लिए कहने के बराबर है? क्या हम इतने असहाय हैं कि बारिश के बाद भी बाहर निकल पाएं?

मैं एक माँ हूँ, और मेरे बच्चे को स्कूल जाने के लिए दो घंटे की यात्रा करनी पड़ती है। जब वो घर पर रहता है, तो मैं बस इंतज़ार करती हूँ-लेकिन अगर हमारे पास एक अच्छी बाढ़ नियंत्रण प्रणाली होती, तो शायद हमें इतना डरने की जरूरत नहीं होती।

यह बारिश नहीं, बल्कि अनदेखी की वजह से हम सब बर्बाद हो रहे हैं।

अगस्त 23, 2025 at 21:54

Vipin Nair
Vipin Nair

मुंबई में बारिश तो हमेशा से होती रही है पर अब तो एक बारिश में शहर ही बंद हो जाता है यार बस एक बार लोकल ट्रेनों को भी देख लो जो कभी भी अपने टाइम टेबल पे नहीं चलती और अब बारिश के चलते तो और भी देरी हो रही है ये सब किसकी गलती है बस जाने दो बारिश हो रही है बस लोग घर में बैठ गए बाकी कुछ नहीं हुआ

अगस्त 25, 2025 at 09:52

Haizam Shah
Haizam Shah

ये सब बातें बहुत अच्छी हैं लेकिन अगर आप लोगों को लगता है कि बारिश के लिए स्कूल बंद करना और ट्रेनों की देरी ही बड़ी समस्या है, तो आप बिल्कुल गलत हैं।

ये बारिश एक अलर्ट है, न कि एक आपातकाल। हमारे पास बारिश के लिए तैयारी करने के लिए 10 साल थे, लेकिन हमने बस नज़रअंदाज़ कर दिया। अब जब बारिश आ रही है, तो हम बातें कर रहे हैं कि क्या ट्रेन देरी कर रही है? बेवकूफी है।

ये एक जलवायु युद्ध है। हम इसे लड़ नहीं पा रहे हैं। हम बस इंतज़ार कर रहे हैं कि बारिश रुक जाए। ये अपराध है।

हमारे नेता बस ट्वीट करते हैं, अलर्ट जारी करते हैं, और फिर घर जाते हैं। जब तक हम इसे एक सामाजिक आपातकाल के रूप में नहीं लेंगे, तब तक ये बारिश हमारे लिए एक अलर्ट नहीं, बल्कि एक अंतिम चेतावनी होगी।

अगस्त 26, 2025 at 03:52

VIKASH KUMAR
VIKASH KUMAR

मैं तो बस घर से बाहर निकलने के लिए तैयार हूँ और बारिश में भीगने जा रहा हूँ 😭

मैंने आज सुबह 5 बजे देखा कि लोकल ट्रेन भीग गई थी और उसके अंदर एक बिल्ली बैठी थी 🐱💧

मैंने उसे बचाया और अब वो मेरे घर पर रह रही है। उसका नाम बारिश है।

अगर आपको लगता है कि बारिश बुरी है, तो आप गलत हैं। बारिश जीवन है। बारिश दिल है। बारिश बिल्ली है।

मैं इस बारिश के लिए आभारी हूँ।

मैं अपनी जान दे दूंगा अगर इस बारिश को बचाना हो।

क्या आप भी बारिश के साथ चलेंगे?

अगस्त 27, 2025 at 14:03

Shardul Tiurwadkar
Shardul Tiurwadkar

मैं जानता हूँ कि आप सब बारिश को एक बुरा मान रहे हैं, लेकिन देखो तो ये बारिश तो बस एक बार नहीं हो रही, बल्कि हर साल हो रही है।

हम इसे बार-बार आपातकाल घोषित करते हैं, लेकिन क्या हमने कभी इसे एक अवसर के रूप में देखा है?

बारिश के दिनों में शहर रुक जाता है, लेकिन ये रुकावट ही हमें रुकने का मौका देती है।

हम काम में इतने व्यस्त हैं कि हम अपने बच्चों को देखने तक नहीं पाते।

बारिश ने हमें रोक दिया, लेकिन शायद यही हमारी आत्मा को बचा रही है।

अगर बारिश के बाद आपके घर में दरवाज़ा खुलता है, तो आप जान जाएंगे कि ये बारिश नहीं, बल्कि एक आहट है।

मैं बारिश को नहीं, बल्कि उसकी शांति को प्यार करता हूँ।

अगस्त 29, 2025 at 04:46

Devi Rahmawati
Devi Rahmawati

इस बारिश के बारे में जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद। विशेष रूप से, मैं जलवायु अलर्ट के तकनीकी पहलुओं के बारे में अधिक जानना चाहती हूँ। क्या भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस बारिश के लिए विशिष्ट मॉडलिंग तकनीकों का उपयोग किया है, जैसे कि WRF या ECMWF? और क्या ये अलर्ट जारी करने के लिए स्थानीय स्तर पर जलवायु निगरानी स्टेशनों के डेटा का भी उपयोग किया गया है?

मुझे लगता है कि जब हम अलर्ट के आधार पर नीतियाँ बनाते हैं, तो हमें इन डेटा स्रोतों की पारदर्शिता की आवश्यकता होती है। नागरिकों को यह जानना चाहिए कि ये अलर्ट किस आधार पर जारी किए गए हैं।

मैं इस बारिश के दौरान बच्चों के लिए घर पर शिक्षा के तरीकों के बारे में भी जानना चाहती हूँ। क्या शिक्षा विभाग ने कोई ऑनलाइन संसाधन जारी किए हैं? क्या स्कूलों ने डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म का उपयोग किया है?

ये सवाल महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि बारिश के बाद हमें न केवल बचाव करना है, बल्कि अपने सामाजिक प्रणालियों को भी मजबूत करना है।

अगस्त 30, 2025 at 02:41

Abhijit Padhye
Abhijit Padhye

अरे यार ये बारिश तो पहले से ही आ रही है और अभी तक कोई बड़ा नेता बारिश के लिए एक नया नियम नहीं बना पाया है जैसे कि 'बारिश के दिन ट्रेन में बैठकर अपने दिल को शांति दें' या 'बारिश के दिन चाय पीकर अपने दोस्तों को फोन करें' बस यही तो बारिश का सच है बाकी सब बकवास है

अगस्त 31, 2025 at 07:56

Prerna Darda
Prerna Darda

मैंने आपके बयान को ध्यान से पढ़ा है। आपका दृष्टिकोण अच्छा है, लेकिन आप एक गहरी गलती कर रहे हैं।

जलवायु अनुकूलन का मतलब बस एक नए नियम बनाना नहीं है, बल्कि एक नए समाज की नींव रखना है।

अगर आप बारिश के दिन चाय पीने की बात करते हैं, तो आप एक नागरिक के रूप में अपनी जिम्मेदारी छोड़ रहे हैं।

हमें बारिश के लिए एक नया नियम नहीं, बल्कि एक नया जीवन शैली की आवश्यकता है।

हमें बारिश के लिए अपनी अवसंरचना बदलनी होगी।

हमें बारिश के लिए अपनी नीतियाँ बदलनी होंगी।

हमें बारिश के लिए अपने दिमाग को बदलना होगा।

अगर आप इसे बस एक चाय के साथ भूल जाना चाहते हैं, तो आप अपने बच्चों के भविष्य को नष्ट कर रहे हैं।

सितंबर 1, 2025 at 10:44