नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में पुरुषों की जेवेलिन थ्रो F41 में स्वर्ण पदक जीता

8सितंबर

Posted on सित॰ 8, 2024 by मेघना सिंह

नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में पुरुषों की जेवेलिन थ्रो F41 में स्वर्ण पदक जीता

नवदीप सिंह के ऐतिहासिक स्वर्ण पदक की कहानी

भारतीय पैरा-एथलीट नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में पुरुषों की जेवेलिन थ्रो F41 स्पर्धा में इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया है। यह एक अद्वितीय उपलब्धि है, जिसके पीछे वर्षों की मेहनत और संघर्ष की कहानी छुपी है। नवदीप सिंह ने अपने करियर में पहली बार पैरालिंपिक पोडियम पर स्थान पाया है। उनकी यह सफलता न केवल व्यक्तिगत रूप से उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।

शुरुआत में, नवदीप ने 47.32 मीटर की थ्रो के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया था। यह उनके लिए पहले से ही एक बड़ी उपलब्धि थी, क्योंकि उन्होंने टोक्यो 2020 पैरालिंपिक्स में चीन के सुन पेंगशियांग द्वारा स्थापित 47.13 मीटर के पैरालिंपिक रिकॉर्ड को तोड़कर नया कीर्तिमान स्थापित किया था। लेकिन ईरान के सादेग बीत सयाह द्वारा 47.64 मीटर की दूरी पर थ्रो की गई, जिससे वह स्वर्ण पदक की ओर बढ़ते हुए दिखे।

ड्रामाई मोड़: ईरानी एथलीट की अयोग्यता

स्पर्धा के अंत में, एक नाटकीय मोड़ आया जब सादेग बीत सयाह को असंयमित या अनुचित व्यवहार के लिए अयोग्य करार दिया गया। उन्होंने प्रतियोगिता के बाद एक गैर-राज्य ध्वज का प्रदर्शन किया, जो अंतर्राष्ट्रीय पैरालिंपिक समिति (IPC) के नियमों के खिलाफ था। बीत सयाह ने दावा किया था कि यह ध्वज उम्म अल-बनीन का धार्मिक प्रतीक था, लेकिन IPC ने इसे अपने नियम 1.11 का उल्लंघन माना, जो पैरालिंपिक खेलों के दौरान किसी भी राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने पर रोक लगाता है।

ईरान ने इस अयोग्यता के खिलाफ अपील की थी, लेकिन उनके अपील को खारिज कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, नवदीप सिंह को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। यह पदक भारत के लिए पुरुषों की जेवेलिन थ्रो F41 श्रेणी में पहला स्वर्ण पदक है।

नवदीप की यात्रा और संघर्ष

नवदीप की यात्रा और संघर्ष

नवदीप सिंह की यह जीत उनकी वर्षों की मेहनत और संघर्ष का परिणाम है। टोक्यो 2020 पैरालिंपिक्स और हांगझोउ एशियाई पैरा-खेलों में चौथे स्थान पर रहने के बाद, नवदीप ने पेरिस में अपने आप को अंकित करने का मौका पा लिया। उनकी यह जीत न केवल एक व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह भारत के पदक तालिका में एक महत्वपूर्ण योगदान भी है।

यह जीत नवदीप के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने पिछले कई वर्षों से पोडियम पर स्थान पाने के लिए कड़ी मेहनत की है। उनकी इस जीत ने न केवल उनके सपनों को साकार किया है, बल्कि भारतीय खेल जगत के लिए भी एक प्रेरणा का कार्य किया है।

भारत के लिए गौरव का क्षण

नवदीप सिंह की इस स्वर्ण पदक जीत ने भारतीय खेल प्रेमियों को गर्वित किया है। यह जीत भारत के पैरालिंपिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है और भविष्य के पैरा-एथलीटों को प्रेरित करेगी। इसके साथ ही, नवदीप की यह उपलब्धि भारतीय पैरा-खेल समुदाय को और मजबूत बनाने में सहायक होगी।

इस जीत के साथ साथ, भारतीय पैरालिंपिक टीम का जोश और आत्मविश्वास भी बढ़ जाएगा। नवदीप ने अपनी कठिनाइयों और बाधाओं को पार करते हुए यह कामयाबी हासिल की है, जो भारत के युवा खिलाड़ियों के लिए एक मिसाल है।

भविष्य की संभावनाएं

नवदीप सिंह की यह स्वर्णिम जीत उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उनकी यह उपलब्धि न केवल उन्हें बल्कि भारतीय पैरालिंपिक टीम को भी भविष्य में और ऊँचाइयों तक ले जाने में मदद करेगी। इसके साथ ही, यह जीत भारतीय खेल समुदाय के लिए एक उल्लेखनीय प्रेरणा है, जो आने वाले वर्षों में और अधिक पदक जीतने की उम्मीद जगाती है।

आखिरकार, नवदीप सिंह का यह स्वर्ण पदक सिर्फ एक पदक नहीं है, बल्कि यह उनके संघर्ष, तप और मेहनत की कहानी है। यह जीत भारतीय पैरालिंपिक इतिहास में एक स्वर्णिम पृष्ठ जोड़ती है और नवदीप की इस विजय यात्रा को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के रूप में देखा जाएगा।

समाप्ति

नवदीप सिंह की यह अद्वितीय यात्रा हमें यह सिखाती है कि संकल्प और मेहनत से कोई भी सपने को साकार कर सकता है। नवदीप की इस जीत ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे देश को गर्व महसूस कराया है। भारतीय खेल जगत को नवदीप जैसे खिलाड़ियों पर गर्व है जो अपनी मेहनत और संकल्प से देश का नाम रोशन कर रहे हैं।

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