रहिती शर्मा की राहत: दुश्मंथा चमेेरा‑पथुम निसांका के बिना भारत‑श्रीलंका टेस्ट सीरीज आगे

24सितंबर
रहिती शर्मा की राहत: दुश्मंथा चमेेरा‑पथुम निसांका के बिना भारत‑श्रीलंका टेस्ट सीरीज आगे

रहिती शर्मा की राहत और टीम में बदलाव

भारत और श्रीलंका के बीच नियोजित टेस्ट सीरीज में भारतीय कप्तान रहिती शर्मा ने विरोधी टीम के दो प्रमुख खिलाड़ी, दुश्मंथा चमेेरा और पथुम निसांका, के चोट से बाहर रहने पर अपना ऐलान किया। शर्मा ने कहा, "इनकी अनुपस्थिति से हमें कुछStrategic लाभ मिल रहा है, क्योंकि उनकी थ्रिलिंग पिचिंग और दृढ़ बल्लेबाजी को हम अब आसानी से लक्ष्य बना सकते हैं।" यह बयान उन कई भारतीय प्रशंसकों के बीच उत्साह भर रहा है जो इस सीजन में भारतीय टीम की जीत की आशा कर रहे थे।

दुश्मंथा चमेेरा, जो अपनी तेज़ गति और स्विंग कौशल के लिए जाने जाते हैं, ने पिछले कुछ महीनों में कई चोटों का सामना किया था। उनका अंतिम वनडे प्रदर्शन में तेज़ 145 किमी/घंटा की गति से गेंदबाज़ी ने उन्हें विश्व स्तर पर एक ख़तरनाक दावेदार बना दिया था, पर अब उनकी फ़िटनेस रिपोर्ट में निरंतर रुकावटें दिख रही हैं। वही पथुम निसांका, जिन्होंने 2023 में अपनी शतक के साथ शहरी भड़कों को जला दिया था, एक मोच के कारण समय से पहले अपना लक्षण छोड़ देने के बाद खेल से बाहर हैं।

सीरीज की संभावनाएँ और चुनौतियाँ

सीरीज की संभावनाएँ और चुनौतियाँ

श्रीलंका को अब अपने स्पिनर और लीगल बॉल विकल्पों को पुनः व्यवस्थित करना पड़ेगा। चमेेरा के बिना, तेज़ वैगनर, लीविंग और मैग्नेटिक फेज़ को ढूंढना होगा, जबकि निसांका के बिना मध्य क्रम में स्थिरता का अभाव रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव से श्रीलंका की बल्लेबाज़ी में असमानता आ सकती है, खासकर पहले दो दिवसों में जब पिच में गति बनाए रखने की कोशिश होगी।

भारतीय टीम की ओर से, चेयरमैन रविचंद्रन अखिलेश ने बताया कि वे इस अवसर का उपयोग युवा गेंदबाजों को दर्शाने के लिए करेंगे। युवा तेज़ गेंदबाजों में से अंबर कार्तिक और अकरम जाफ़र को तेज़ गति के साथ‑साथ स्विंग कौशल दिखाने की उम्मीद है। बल्लेबाज़ी में, रोहित शर्मा ने कहा कि पथुम निसांका के अभाव में उनकी टीम को अपने मध्य क्रम में निरंतरता बनाए रखने के लिए जेम्स साफ़्रिश और कहरएँ को अधिक जिम्मेदारी सौंपनी होगी।

प्रेमी दर्शकों के बीच इस निर्णय को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। सोशल मीडिया पर कई लोग चमेेरा और निसांका के लिए जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं, जबकि कुछ ने भारतीय कैंप के लिए यह "सुपर बूस्ट" मान कर उत्सव मनाया। इस बीच, दोनों टीमों के कोचिंग स्टाफ़ ने अपने-अपने रणनीतिक विकल्पों को खुले तौर पर बताया, जिससे आगे की तैयारी में पारदर्शिता बढ़ी।

  • श्रीलंका को नई गेंदबाजी संयोजन बनानी पड़ेगी।
  • भारत के युवा गेंदबाजों को मौका मिलेगा।
  • बल्लेबाज़ी में स्थिरता के लिए भारत को मध्य क्रम को संवारना होगा।
  • फ़ैन बेस में उत्साह और चिंताओं का मिश्रित माहौल बना रहेगा।

अगले हफ्ते में दोनों टीमें अपने फ़ाइनल स्केड्यूल को फाइनल कर लेगी, जिससे दर्शकों को यह जानने को मिलेगा कि कौन-कौन से नए चेहरे इस ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज में शामिल होंगे।

टिप्पणि

Rutuja Ghule
Rutuja Ghule

यह सब बहुत आसानी से कह देना आसान है कि दुश्मंथा और पथुम के बिना भारत को लाभ हुआ, लेकिन खेल की आत्मा क्या है? यह तो खेल के नियमों के खिलाफ है कि किसी की चोट के आधार पर रणनीति बनाई जाए। यह न्याय की बजाय लालच है।

सितंबर 25, 2025 at 23:55

vamsi Pandala
vamsi Pandala

arre yaar kya baat hai yeh sab? dhushmantya aur pathum ki jaga koi aur bhi khel sakta hai na? bas yehi soch kar india ko jeetne ki ummid hai? kuch bhi nahi samajh aaya

सितंबर 26, 2025 at 05:09

Saravanan Thirumoorthy
Saravanan Thirumoorthy

भारत को लाभ मिल रहा है और तुम यहाँ रो रहे हो? ये खेल है दोस्तों नहीं भाई नाते का रिश्ता। जो चोट लगी वो बाहर हो गया और जो आया वो अपना काम करेगा। भारत जीतेगा और तुम चुप रहोगे

सितंबर 27, 2025 at 03:49

Tejas Shreshth
Tejas Shreshth

क्या हम वास्तव में इस तरह के निर्णयों को खेल के विकास के रूप में देख रहे हैं? या यह सिर्फ एक उपभोक्ता संस्कृति का अभिनय है जहाँ हम दर्शकों को एक बार फिर से अपनी अहंकार की भावना से जोड़ते हैं? एक ऐसा खेल जहाँ चोट लगने का मौका भी एक रणनीतिक अवसर बन जाता है... शायद हम खेल की निष्पक्षता को खो चुके हैं

सितंबर 27, 2025 at 18:21

Hitendra Singh Kushwah
Hitendra Singh Kushwah

यह बहुत अच्छा है। जब आपके पास दुश्मंथा और पथुम नहीं हैं तो युवा खिलाड़ियों को मौका मिलता है। यह टीम के भविष्य के लिए बहुत अच्छी बात है।

सितंबर 28, 2025 at 09:01

sarika bhardwaj
sarika bhardwaj

इस तरह के निर्णयों को देखकर लगता है कि हम खेल को एक व्यावसायिक प्रोडक्ट की तरह देख रहे हैं 😔 जहाँ चोट लगना एक अवसर बन जाता है। यह नैतिकता का सवाल है।

सितंबर 29, 2025 at 14:39

Dr Vijay Raghavan
Dr Vijay Raghavan

ये लोग जो रो रहे हैं उनका दिमाग ही बदल गया है। भारत जीतेगा तो उसका जश्न मनाओ। दुश्मंथा की चोट या पथुम की चोट किसकी गलती है? अगर तुम्हारी टीम नहीं बन रही तो तुम्हारी तैयारी खराब है। ये खेल है ना बच्चों का खेल

सितंबर 30, 2025 at 00:09

Partha Roy
Partha Roy

मैं तो बस यही कहूंगा कि जो खिलाड़ी चोटिल है वो बाहर हो जाए और जो तैयार है वो आ जाए। भारत की टीम को जीतने के लिए ये एक बड़ा मौका है। बाकी लोग अपने दिलों की बातें कर रहे हैं

अक्तूबर 1, 2025 at 07:49

Kamlesh Dhakad
Kamlesh Dhakad

अच्छा लगा ये बात। अब युवा खिलाड़ियों को मौका मिल रहा है। उम्मीद है अंबर और अकरम अच्छा प्रदर्शन करेंगे। जीत या हार दोनों में ये टीम बन रही है

अक्तूबर 2, 2025 at 00:14

ADI Homes
ADI Homes

मैं तो बस यही चाहता हूँ कि दोनों खिलाड़ी जल्दी स्वस्थ हो जाएँ। खेल तो बाद में है। अगर खिलाड़ी ठीक हो गए तो फिर वो भी वापस आएंगे।

अक्तूबर 2, 2025 at 10:02

Hemant Kumar
Hemant Kumar

ये टीम बदलाव बहुत जरूरी है। युवा खिलाड़ियों को अपने आप को दिखाने का मौका मिल रहा है। अगर वो अच्छा करते हैं तो भविष्य के लिए बहुत अच्छा होगा।

अक्तूबर 4, 2025 at 01:40

NEEL Saraf
NEEL Saraf

इस सीरीज़ का असली जादू ये है कि यह एक नई पीढ़ी को दिखाने का मौका है। रहिती शर्मा की टीम बस जीतने के लिए नहीं, बल्कि भविष्य के लिए खेल रही है। इसे जश्न मनाना चाहिए

अक्तूबर 5, 2025 at 11:08

Ashwin Agrawal
Ashwin Agrawal

ये बदलाव टीम के लिए अच्छा है। अब देखना होगा कि युवा खिलाड़ी कैसे प्रदर्शन करते हैं। इस तरह के अवसर बहुत कम मिलते हैं।

अक्तूबर 6, 2025 at 06:26

Shubham Yerpude
Shubham Yerpude

क्या आपने कभी सोचा है कि ये चोटें जानबूझकर दी गई हैं? शायद एक बड़ा राजनीतिक खेल चल रहा है। जब दुश्मंथा और पथुम के बिना भारत की जीत हो जाए तो ये एक नया नियम बन जाएगा।

अक्तूबर 7, 2025 at 14:31

Hardeep Kaur
Hardeep Kaur

दुश्मंथा के बिना श्रीलंका की गेंदबाजी कमजोर हो जाएगी, लेकिन भारत के युवा गेंदबाजों को अपनी ताकत दिखाने का अवसर मिलेगा। ये बहुत अच्छा है।

अक्तूबर 7, 2025 at 17:56

Chirag Desai
Chirag Desai

ये तो बहुत अच्छा है। युवा खिलाड़ी मिल गए। अब देखते हैं कौन बनता है।

अक्तूबर 9, 2025 at 01:20

Abhi Patil
Abhi Patil

यह टेस्ट सीरीज अकेले खेल की नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और राष्ट्रीय अभिव्यक्ति का प्रतीक है। जब एक टीम अपने आंतरिक असमानताओं को संवारने के लिए बाहरी अवसरों का उपयोग करती है, तो यह एक अद्वितीय ऐतिहासिक घटना है जो भविष्य के खिलाड़ियों के लिए एक नया नियम स्थापित कर रही है। यह एक नए युग की शुरुआत है जहाँ चोट और अवसर एक ही दृष्टिकोण से देखे जाते हैं।

अक्तूबर 10, 2025 at 04:05

Devi Rahmawati
Devi Rahmawati

क्या इस बदलाव के पीछे खेल की नैतिकता का विचार है? या यह सिर्फ एक रणनीतिक गणना है? एक खिलाड़ी की चोट के आधार पर टीम की रणनीति का निर्माण करना क्या खेल की आत्मा के अनुकूल है?

अक्तूबर 10, 2025 at 04:40

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