राजस्थान में तेज बारिश ने बढ़ाई चिंता, 260 से ज्यादा डेम भरे
राजस्थान इन दिनों मौसमी करवट और लगातार तेज बारिश के चलते चर्चा में आ गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, प्रदेश के चार जिलों—करौली, सवाई माधोपुर, टोंक और जयपुर—में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी है। इन इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के बीच कहीं-कहीं तेज बिजली की गड़गड़ाहट और भारी बारिश के दौर ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
केवल चार ही नहीं, बल्कि दौसा, सीकर, झुंझुनूं, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, बूंदी, बारां, कोटा और भीलवाड़ा जैसे जिले भी अगले कुछ दिनों तक बारिश की जद में रहेंगे। इसी हफ्ते सोमवार से लगातार बरसात के चलते प्रदेश के 260 से ज्यादा डेम पूरी तरह भर चुके हैं। जलस्तर इतना बढ़ गया है कि प्रशासन को 24 घंटे निगरानी रखनी पड़ रही है। निचले इलाकों में पानी भरने का खतरा मंडरा रहा है, जिससे लोगों को अपनी सुरक्षा और सामान के लिए सतर्क रहना चाहिए।
अगले कुछ दिन मॉनसून रहेगा हावी, प्रशासन की चुनौती
मौसम विभाग का अनुमान है कि पश्चिमी राजस्थान में भी अगले पांच दिनों तक रुक-रुककर हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। वहीं, पूर्वी राजस्थान में 8-9 अगस्त को फिर से भारी बारिश हो सकती है। इससे पहले इस क्षेत्र में 21 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश रेकॉर्ड की गई थी, जो सामान्य से कहीं ज्यादा है। पास के राज्यों, जैसे यूपी और बिहार, में भी ऐसी ही जलवायु देखने को मिल रही है।
जो इलाके डेम या नदियों के पास हैं, वहां बाढ़ जैसी स्थितियों को लेकर अलर्ट जारी है। प्रशासन लगातार जलाशयों का जलस्तर चेक कर रहा है। बीते दिनों कई इलाकों में सड़कें डूब गईं और लोगों के लिए निकलना मुश्किल हो गया। स्कूलों में छुट्टियां घोषित हो चुकी हैं और आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
- करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, जयपुर में भारी बारिश का अलर्ट
- 260 से अधिक डेम ओवरफ्लो, खतरे के संकेत
- अगले कुछ दिन मॉनसून सक्रिय, पूर्वी राजस्थान में 8-9 अगस्त को नई बारिश की चेतावनी
- बाढ़ संभावित इलाकों में स्कूल बंद और अलर्ट जारी
जो लोग निचले इलाके या जलाशयों के नजदीक रहते हैं, उनके लिए अब हर छोटी खबर पर नजर रखना जरूरी है। प्रशासन अपनी तरफ से पूरी तैयारी में है, लेकिन राहत राहत और सतर्कता दोनों का नियम यहां लागू होता है। मौसम विभाग की वेबसाइट और प्रशासनिक टीम की एडवाइजरी का ध्यान रखना सभी के लिए फायदेमंद रहेगा।
टिप्पणि
Rohan singh
ये बारिश तो हर साल होती है, लेकिन इस बार तो बस बहुत ज्यादा है। डेम भर गए, सड़कें डूब गईं, लेकिन अभी तक कोई बड़ी आपदा नहीं हुई - ये सब तो तैयारी का नतीजा है। थोड़ी धूप भी चाहिए, नहीं तो हम सब नमक के बर्तन बन जाएंगे 😄
अगस्त 5, 2025 at 12:51
UMESH ANAND
इस तरह की अनियंत्रित बारिश एक विनाशकारी लापरवाही का परिणाम है। प्रशासन ने वर्षों से डेम संरचनाओं को अपग्रेड नहीं किया, न ही जल निकासी की व्यवस्था की। यह अपराध है, न कि प्राकृतिक आपदा। जनता को सतर्क रहने की सलाह देना काफी नहीं, जिम्मेदारी लेना चाहिए।
अगस्त 6, 2025 at 17:31
Shivani Sinha
kya bhai yeh sab bariish ka game hai? hum log to bas ghar me baithe hain aur sab kuch badal gaya... kya humne kuch kiya? nahi. to kyun hume hi blame karte ho? 😒
अगस्त 8, 2025 at 05:10
Tarun Gurung
मैंने बूंदी में एक दोस्त को फोन किया - उसका घर तो नदी के किनारे है, अब वो दूसरी मंजिल पर रह रहा है। लेकिन जिन लोगों ने घर बनाते समय जल स्तर की बात नहीं सुनी, उनकी तो बात ही अलग है। प्रशासन ने जो किया, उसमें भी कमी है, लेकिन लोगों की अनदेखी भी बड़ी समस्या है। अगर हर एक अपने आसपास की नालियां साफ करे, तो बाढ़ कम हो जाएगी।
अगस्त 9, 2025 at 13:26
Rutuja Ghule
यह सब बस एक बड़ा धोखा है। जब भी कोई बारिश होती है, तो लोग तुरंत प्रशासन को दोष देते हैं। क्या आपने कभी सोचा कि ये बारिश अभी तक जितनी हुई है, उससे ज्यादा बारिश अगले महीने होगी? ये चक्र तो प्राकृतिक है। आप लोग बस घरों में बैठकर टीवी देख रहे हैं - जो बारिश आती है, वो तो आपके आसपास भी होती है, लेकिन आप उसे नहीं देखते।
अगस्त 9, 2025 at 19:27
Karan Chadda
इंडिया की ताकत है ये कि हम बारिश में भी नाचते हैं 😎💧 #जयहिन्द #बारिशकामजाक
अगस्त 10, 2025 at 23:31
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