सुप्रीम कोर्ट के कार्यकाल सीमाओं का प्रस्ताव करेंगे बिडेन: प्रमुख सुधार की तैयारी

17जुलाई

Posted on जुल॰ 17, 2024 by मेघना सिंह

सुप्रीम कोर्ट के कार्यकाल सीमाओं का प्रस्ताव करेंगे बिडेन: प्रमुख सुधार की तैयारी

सुप्रीम कोर्ट में कार्यकाल सीमाओं का प्रस्ताव: जो बिडेन का नया कदम

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने एक बार फिर अपने सुधारवादी दृष्टिकोण का संकेत दिया है। ताज़ा खबरों के अनुसार, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के कार्यकाल पर सीमाएं लगाने का प्रस्ताव पेश किया है। यह कदम मतदाताओं को प्रेरित करने और न्यायिक प्रणाली में सुधार लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

कांग्रेस को विभाजित करने के बीच प्रस्ताव

जो बिडेन का यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव उस समय आया है जब कांग्रेस में गहरी विभाजन है। ऐसे में यह प्रस्ताव न केवल न्यायिक सुधार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आने वाले नवंबर चुनावों में मतदाताओं का समर्थन भी पाने के लिए है। बिडेन ने कांग्रेसनल प्रोग्रेसिव कॉकस के साथ एक कॉल के दौरान इस प्रस्ताव की जानकारी दी।

उन्होंने घोषणा की कि वे सुप्रीम कोर्ट सुधार के कुछ रूपों को लागू करने या प्रस्तावित करने का प्रयास करेंगे। इस प्रस्ताव में अमेरिकन न्यायिक प्रणाली की मौजूदा संरचना में बड़े बदलाव शामिल हैं, जिनमें न्यायाधीशों के कार्यकाल के लिए 18 साल की सीमा शामिल है।

बाईपार्टीज़न समर्थन और संरचनात्मक सुधार

इस प्रस्ताव के लिए, बिडेन ने एक बाईपार्टीज़न समूह के कानूनी विशेषज्ञों का समर्थन भी प्राप्त किया है। ये विशेषज्ञ मानते हैं कि 18 वर्षीय कार्यकाल सीमाएं न्यायिक प्रणाली में राजनीति को कम करने और इसके प्रति जनता के विश्वास को बहाल करने में मददगार होंगी। वर्तमान पोल के अनुसार, लगभग दो-तिहाई अमेरिकी नागरिक भी न्यायाधीशों के कार्यकाल सीमाओं या अनिवार्य सेवानिवृत्ति आयु के पक्षधर हैं।

संवैधानिक संशोधन का भी प्रस्ताव

बिडेन के सुधारों की सूची यहीं नहीं समाप्त होती। उन्होंने राष्ट्रपति की प्रतिरक्षा को समाप्त करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन पर भी विचार करने का प्रस्ताव रखा है जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदान किया गया है।

बिडेन के इस कदम की आलोचना भी हुई है। उनके राष्ट्रपति प्रतिद्वंद्वी, डोनाल्ड ट्रम्प ने इस प्रस्ताव को न्यायिक व्यवस्था को नष्ट करने और चुनाव में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है।

सुप्रीम कोर्ट की साख पर सवाल

इस समय अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट की साख काफी निचले स्तर पर है। हालिया सर्वेक्षणों के अनुसार, केवल चार में से एक अमेरिकी वयस्क ही सुप्रीम कोर्ट की नेतृत्व में किसी भी प्रकार का विश्वास रखता है। इस प्रकार, बिडेन का प्रस्ताव न केवल सुधार के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि जनता के बीच सुप्रीम कोर्ट की साख को बहाल करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के लिए कार्यकाल सीमाएं और नैतिकता संहिता लागू करने का बिडेन का यह प्रस्ताव निश्चित रूप से अमेरिकी राजनीति और न्यायिक प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इसे कांग्रेस में किस प्रकार का समर्थन मिलता है और यह अमेरिकी न्याय प्रणाली पर क्या प्रभाव डालता है।

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