ए.आर. रहमान के संगीत की जादूगरि

अगर आप किसी भी फ़िल्म में गाने सुनते‑समझते थक नहीं पाते, तो संभव है आप ए.आर. रहमान के संगीत के शौकीन हों। इनके धुनों में इनोवेशन, भावनाओं का गहरा जुड़ाव और कभी‑कभी लीडरशिप का अहसास मिलता है। इस लेख में हम उनके करियर, सबसे ज़्यादा सुने जाने वाले गानों और नई आवाज़ों के साथ किए गए प्रयोगों को सरल शब्दों में समझेंगे।

रहमान की शुरुआत और प्रमुख हिट्स

रहमान ने 1992 में फिल्म रॉबिन हुड (सेज) से अपना बॉलिवूड प्रवेश किया, लेकिन असली पहचान 1999 की रविंदर से मिली। "जाने मत देना" और "तुम होते हो" जैसे गानों ने उनके नाम को तुरंत ही घर‑घर में पहुंचा दिया। बाद की फिल्में जैसे लगान, स्वदेस, स्लमडॉग मिलियनएयर ने उनकी संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाया।

लोग अक्सर पूछते हैं, "रहमान की धुनें इतनी ख़ास क्यों लगती हैं?" जवाब आसान है: वो हमेशा संगीत को कहानी से जोड़ते हैं। गाना सिर्फ बैंड नहीं, बल्कि एक फिल्म की भावना को दर्शाता है। इस कारण उनके गाने सुनते ही हमें फिल्म की सीन याद आने लगती है।

अंतरराष्ट्रीय पहचान और नई पीढ़ी के साथ सहयोग

रहमान ने "स्लमडॉग मिलियनएयर" से ऑस्कर जीत कर भारत के संगीतकारों में पहली बार इतिहास गढ़ा। इस जीत ने न सिर्फ उनके करियर को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि भारतीय संगीत को भी विश्व मानचित्र पर चमकाया। आज वे अक्सर वाटरफॉल, एरट्यून और इंटरनेशनल मैरेथॉन प्रोजेक्ट्स में शामिल होते हैं।

नयी आवाज़ों को प्रोमोट करना भी उनका शौक है। "क्लैश ऑफ़ क्लैन्स", "डेंटली" जैसी फिल्में और "बीट्स साउंड" जैसे स्वतंत्र प्रोजेक्ट्स में उन्होंने युवा संगीतकारों को मौका दिया। इस तरह के सहयोग से नई धुनें जन्म लेती हैं, जो दर्शकों के दिलों में तुरंत घर बना लेती हैं।

रहमान के संगीत में मूलधन दो चीज़ें रहती हैं: ताल का प्रयोग और शब्दों का चयन। चाहे वो पारंपरिक ताल हो या इलेक्ट्रॉनिक बीट, सबको एक साथ मिलाकर एक नया रंग बनाते हैं। इस वजह से उनके गानों को विविध उम्र के लोग पसंद करते हैं।

यदि आप उनके सबसे लोकप्रिय गाने सुनना चाहते हैं, तो कुलविन, सैंटाली, लुडेसहेंस जैसे ट्रैक सबसे पहले सुनें। ये गाने उनकी शैली की पहचान हैं – धुन्स में शक्ति, लिरिक्स में भावना और एरेेंजमेंट में नवीनता।

अंत में, ए.आर. रहमान सिर्फ एक संगीतकार नहीं, बल्कि एक कहानीकार हैं। उनके गानों की हर धुन एक छोटा‑छोटा आर्टिकल है, जो भावनाओं को शब्दों से आगे बढ़ा देता है। आप चाहे घर में आराम कर रहें हों या काम पर, उनका संगीत सुनकर आप तुरंत ही ऊर्जा और प्रेरणा महसूस करेंगे।

26जुल॰

धनुष की 50वीं फिल्म और दूसरी निर्देशन परियोजना 'रायन' रिलीज हो गई है और इसे नेटिज़न्स की ओर से अच्छे समीक्षा मिल रही है। यह एक्शन से भरपूर बदला ड्रामा में धनुष, एस. जे. सूर्य, प्रकाश राज, सेल्वराघवन, सुंदरप किशन, कालिदास जयराम, दुशारा विजय, अपर्णा बालमुरली, वरलक्ष्मी सरथकुमार और सरवनन जैसे कलाकार हैं। ए.आर. रहमान ने संगीत दिया है।