जेवेलिन थ्रो: शुरुआती से प्रो तक का आसान मार्गदर्शन
अगर आप एथलेटिक्स के फैंस हैं या जावेलिन फेंक में रुचि रखते हैं, तो आप सही जगह पर पहुँचे हैं। यहाँ हम बात करेंगे कि जेवेलिन थ्रो क्या है, सही ग्रिप कैसे बनती है और रोज़ की ट्रेनिंग में क्या शामिल होना चाहिए। बिना किसी जटिल शब्दों के, हम आपको हर कदम समझाएंगे ताकि आप जल्दी से प्रैक्टिस शुरू कर सकें।
जेवेलिन थ्रो की बेसिक टेक्निक
सबसे पहले, जेवेलिन पकड़ने का तरीका समझें। जावेलिन को तीन भागों में बाँटा जाता है – बैंड, पॉइंट और पॉइंट के नीचे का हिस्सा। ग्रिप में बैंड को हल्का दबा कर पकड़ें, फिर हथेलियों को एक-दूसरे के सामने रखें। फेंकते समय फूटेज़ (run‑up) 30‑40 मीटर तक हो सकता है, लेकिन शुरुआती लोग 20‑25 मीटर से शुरू कर सकते हैं। फेंकते समय धड़ को पावर फॉर्म में रखें, कंधे को आगे की ओर ले जाएँ और भुजा को पूरी तरह खींचें। इसे ‘ऑवरहीड ड्रॉ’ कहा जाता है, और यह फेंक को लंबा करने का मुख्य तरीका है।
प्रैक्टिस रूटीन और फिटनेस टिप्स
जेवेलिन थ्रो के लिए शक्ति, लचीलापन और सहनशक्ति तीनों चाहिए। हर हफ़्ते कम से कम दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें – स्क्वाट, डेडलिफ्ट और ओवरहेड प्रेस से कंधे और कूल्हे मजबूत होते हैं। लचीलापन बढ़ाने के लिए डायनामिक स्ट्रेच (जैसे लंजेस और आर्म स्विंग) और योग का अभ्यास करें। साथ ही, कोऑर्डिनेशन ड्रिल्स जैसे मेडिसिन बॉल थ्रो से हाथ‑पैर का तालमेल सुधरता है। बुनियादी फॉर्म को रोज़ दोहराएँ, फिर धीरे‑धीरे वज़न वाले जावेलिन से अभ्यास बढ़ाएँ।
अगर आपके पास कोच नहीं है, तो यूट्यूब पर कई फ़्री ट्रेनिंग वीडियो हैं जहाँ प्रो एथलीट फॉर्म दिखाते हैं। ध्यान रखें कि हर सत्र में वार्म‑अप और कूल‑डाउन ज़रूरी है, नहीं तो चोट लग सकती है। शुरुआती लोग अक्सर कलाई या कंधे में दर्द की शिकायत करते हैं, इसलिए सही ग्रिप और स्ट्रेचिंग से बचाव करें।
भारत में जेवेलिन थ्रो की स्थिति भी धीरे‑धीरे सुधर रही है। पिछले कुछ सालों में युवा एथलीटों ने एशिया‑कुशी और सुपरसारी खेलों में मेडल जीतने शुरू किए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कई अकादमी अब जावेलिन को एक प्रमुख इवेंट मानती हैं, और इंटरनेशनल कोचों ने भी भारत की टैलेंट को पहचानना शुरू किया है। अगर आप प्रो बनना चाहते हैं, तो सीनियर लीग में हिस्सा लें, राष्ट्रीय चयन परीक्षणों में भाग लें और अपना रिकॉर्ड रखें।
अंत में, याद रखें कि जावेलिन फेंक में लगातार प्रैक्टिस, सही फॉर्म और स्ट्रेंथ का संतुलन ही सफलता का मूल मंत्र है। आप चाहे हाई स्कूल की टीम में हों या प्रोफेशनल लक्ष्य रखते हों, इस गाइड को फॉलो करके अपना थ्रो सुधार सकते हैं। तो अब देर किस बात की? जावेलिन उठाएँ और मैदान में कदम रखें – जीत आपके इंतज़ार में है।
नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में पुरुषों की जेवेलिन थ्रो F41 में स्वर्ण पदक जीता
प्रकाशित किया गया सित॰ 8, 2024 द्वारा Devendra Pandey
भारतीय पैरा-एथलीट नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में पुरुषों की जेवेलिन थ्रो F41 स्पर्धा में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने ईरान के एथलीट सादेग बीत सयाह की अयोग्यता के बाद पहला स्थान हासिल किया। नवदीप ने 47.32 मीटर की दूरी के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया था, लेकिन बाद में स्वर्ण पदक विजेता बने।