निपाह वायरस की पूरी जानकारी – क्या है खतरा और कैसे बचें?

निपाह वायरस कई सालों से स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता रहा है। यह वायरस मुख्यतः जंगली चमगादड़ों और सुअरों में पाया जाता है और इंसानों में संक्रमण हो सकता है। अगर आप इस वायरस के बारे में सही जानकारी रखते हैं, तो आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। आइए जानते हैं इसके लक्षण, कैसे फैलता है और बचाव के आसान उपाय।

निपाह वायरस के लक्षण और जोखिम कारक

इंफ़ेक्शन के शुरुआती दिन में बुखार, सिरदर्द, थकान और सांस लेने में दिक्कत आम होते हैं। कुछ मामलों में उल्टी, दस्त और मस्तिष्क में सूजन के कारण भ्रम या चेतना में गिरावट देखी जा सकती है। लक्षण आमतौर पर एक्सपोज़र के 5 से 14 दिन बाद दिखते हैं, इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

जो लोग पालतू सुअरों के साथ काम करते हैं, जंगल में काम करने वाले या चमगादड़ से जुड़े क्षेत्रों में रहते हैं, उनका जोखिम अधिक होता है। इसी कारण कई देशों में इस वायरस को ‘ऑक्युपेशनल रिस्क’ माना जाता है। अगर आप इनमें से किसी समूह से हैं, तो व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय अपनाएँ।

रोकथाम और उपचार के उपाय

रोकथाम सबसे आसान तरीका है कि संक्रमित जानवरों से दूरी बनाए रखें। सुअर फार्म या चमगादड़ की गुफा में काम करने पर दादी और दستانे पहनें, हाथ धुलें और सतहों को नियमित साफ़ करें। घर में पालतू सुअर नहीं रखें और अगर किसी को वायरस का संदेह हो, तो तुरंत क्वारंटाइन कर डॉक्टर की सलाह लें।

वर्तमान में निपाह वायरस के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है, लेकिन शुरुआती लक्षणों पर एंटिबायोटिक्स और सपोर्टिव केयर मदद कर सकते हैं। अस्पताल में भर्ती होने पर डॉक्टर ऑक्सीजन सपोर्ट, तरल पदार्थ और मस्तिष्क की सूजन को कम करने वाली दवाएँ दे सकते हैं। इसलिए जल्दी पहचान और इलाज बहुत जरूरी है।

सरकारी स्वास्थ्य विभाग नियमित तौर पर अपडेट्स देता है। नवीनतम केस रिपोर्ट, वैक्सीनेशन प्रोग्राम और कंट्रोल मैप देखें ताकि आप अपने क्षेत्र में स्थिति समझ सकें। स्वर्ण समाचार पर हम हर अपडेट लाते हैं, तो बस बुकमार्क करें और ताज़ा जानकारी पाते रहें।

संक्षेप में, निपाह वायरस एक गंभीर लेकिन कम फैला हुआ रोग है। साधारण सावधानियों से आप इसे आसानी से रोक सकते हैं। अगर कोई लक्षण दिखे तो देर न करें, तुरंत हेल्थकेयर प्रोफेशनल से मिलें। याद रखें, स्वस्थ रहने की कुंजी है सही जानकारी और समय पर कार्रवाई।

22जुल॰

केरल में निपाह वायरस का प्रकोप फैलने के बाद राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने आश्वासन दिया है कि राज्य पूरी तरह से तैयार है। मलप्पुरम में एक 14 साल के लड़के में निपाह वायरस की पुष्टि के बाद राज्य ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। 60 उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान की गई है और 214 संपर्कों की सूची बनाई गई है। स्कूल और बैंक बंद कर दिए गए हैं। यह केरल में निपाह वायरस का पाँचवाँ मामला है। स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य की तत्परता को रेखांकित किया है।