पावेल ड्यूरोव: टेलीग्राम के पीछे की कहानी और नवीनतम अपडेट

क्या आप जानते हैं कि टेलीग्राम की सफलता का श्रेय किसे जाता है? वही हैं पावेल ड्यूरोव, जो अपने साहसिक कदमों और खुली सोच से कई लोगों को प्रेरित करते आए हैं। इस लेख में हम उनके जीवन, टेलीग्राम की विकास यात्रा और आज के डिजिटल माहौल में उनके योगदान को आसान अंदाज़ में समझेंगे।

ड्यूरोव का बायोरुफ: जहाँ से शुरू हुआ सफर

पावेल ड्यूरोव का जन्म 10 अक्टूबर 1984 को रूसी शहर लेंटे में हुआ था। बचपन से ही उन्हें कंप्यूटर और कोडिंग का शौक था, इसलिए उन्होंने सेंट पिटर्ज़बर्ग राज्य विश्वविद्यालय से फिलॉसफी की पढ़ाई की, लेकिन कंप्यूटर विज्ञान में ही असली करियर बनाकर निकले। 2006 में उन्होंने पहले अपना प्रोजेक्ट ‘VK’ (वॉको) लॉन्च किया, जो रूसी फेसबुक जैसा एक सोशल नेटवर्क था। VK ने उन्हें युवा उद्यमी के रूप में चमकाया, लेकिन पावेल को अधिक स्वतंत्र प्लेटफ़ॉर्म चाहिए था।

टेलीग्राम के उदय और वैश्विक प्रभाव

2013 में पावेल ने टेलीग्राम को लॉन्च किया, एक सादा, तेज़ और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप। शुरुआती दिनों में भी ऐप का फ़ोकस गोपनीयता पर रहा – एन्ड‑टू‑एन्ड एन्क्रिप्शन, स्व-ध्वस्त संदेश और क्लाउड‑आधारित स्टोरेज। यही कारण बना कि दुनियाभर के उपयोगकर्ता इसे पसंद करने लगे। आज टेलीग्राम में 800 मिलियन से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ता हैं, और कई देशों में यह सरकारी सेंसरशिप से बचने का सबसे भरोसेमंद रास्ता बन गया है।

ड्यूरोव ने अक्सर कहा है कि ‘मुक्ति के बिना इंटरनेट नहीं’। यही सिद्धांत उनके कई कदमों में दिखता है – चाहे वह सर्वर को कई देशों में फैलाना हो या नई फिचर जैसे ‘गुप्त चैट’ और ‘टेलीग्राम प्लेटफ़ॉर्म’ पेश करना। इन फैसलों ने टेलीग्राम को सिर्फ चैट ऐप नहीं, बल्कि एक डीजिटल टूलकिट बना दिया है जो पत्रकारों, एक्टिविस्टों और छोटे व्यवसायों को मदद करता है।

हाल ही में पावेल ने टेलीग्राम के लिए कुछ बड़े अपडेट जारी किए हैं। उनके अनुसार अब ऐप में बेहतर वीडियो कंप्रेशन, तेज़ स्टिकर लोडिंग और AI‑आधारित स्पैम फ़िल्टर शामिल हैं। ये बदलाव यूज़र्स की प्रतिक्रिया पर आधारित हैं, जिससे दिखता है कि ड्यूरोव हमेशा यूज़र एक्सपीरियंस को सबसे आगे रखता है।

टेलीग्राम की सफलता के पीछे ड्यूरोव की ‘डिकेंद्रलाइज़ेशन’ वाली सोच भी है। उन्होंने कई बार कहा कि डेटा को एक ही जगह नहीं रखना चाहिए, इसलिए उन्होंने क्लाउड सर्वर विभिन्न स्थलों पर रखा है। इससे सर्वर डाउन होने या सरकारी ब्लॉक की संभावना घटती है। अगर आप टेलीग्राम इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह एक बड़ा फायदा है – ज़्यादा भरोसेमंद और तेज़ सेवा।

ड्यूरोव का एक और दिलचस्प पहलू उनकी रहन-सहन शैली है। वह अक्सर सियोल, सिंगापुर और बर्लिन जैसे देशों में समय बिताते रहते हैं, जहाँ उनका विचार है कि विविध संस्कृति और व्यावसायिक माहौल उनके प्रोजेक्ट्स पर सकारात्मक असर डालता है। उनके इस ‘ग्लोबली मोबाइल’ जीवनशैली ने कई युवा उद्यमियों को प्रेरित किया है, जो अब अपने घर से बाहर निकलकर वर्ल्डवाइड नेटवर्क बनाते हैं।

आगे देखते हुए पावेल ने टेलीग्राम को एक ‘सोशल इकोनॉमी’ में बदलने की योजना बताई है। इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता कंटेंट बनाकर सीधे कमाई कर सकेंगे, जैसे मौजूदा प्लेटफ़ॉर्म्स पर विज्ञापनों से कुछ हिस्सा। यह मॉडल टेलीग्राम को आगे के समय में भी प्रासंगिक बनाएगा और यूज़र को रेवन्यू जनरेटिंग टूल देगा।

सारांश में पावेल ड्यूरोव सिर्फ एक प्रोग्रामर नहीं, बल्कि एक विज़नरी हैं जो डिजिटल स्वतंत्रता को आगे बढ़ाते हैं। उनका टेलीग्राम, खासकर एन्क्रिप्शन और डिकेंद्रलाइज़ेशन के साथ, आज के ऑनलाइन सुरक्षा के मानकों को पुनः परिभाषित कर रहा है। अगर आप टेलीग्राम यूज़र हैं या डिजिटल प्राइवेसी में रुचि रखते हैं, तो ड्यूरोव की बातें और अपडेट्स को फॉलो करके आप हमेशा एक कदम आगे रह सकते हैं।

25अग॰
टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप के सीईओ पावेल ड्यूरोव फ्रांस में गिरफ्तार: वित्तीय अपराधों का आरोप
Devendra Pandey

पार्सल दुरोव, टेलीग्राम के सीईओ और संस्थापक, को 25 अगस्त, 2024 को फ्रांस में गिरफ्तार किया गया है। उन्हें मनी लॉन्डरिंग और अन्य वित्तीय अपराधों के आरोपों पर गिरफ्तार किया गया है। इस गिरफ्तारी के बाद टेलीग्राम और उसके उपयोगकर्ताओं के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं।