विजयादशमी 2025: दिल से मनाने के आसान तरीके
हर साल अष्टमी के बाद जब दशहरा का दिन आता है, तो घर‑घर में रावण वध की खुशी मिलती है। "विजयादशमी" सिर्फ एक नाम नहीं, यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न है। अगर आप इस साल भी अपने परिवार के साथ इस उत्सव को खास बनाना चाहते हैं, तो नीचे बताई गई आसान टिप्स फॉलो करिए।
विजयादशमी की मुख्य वजहें और किस्में
ज्यादातर लोग विजयादशमी को रावण के सिर कटाने की कहानी से जोड़ते हैं, लेकिन भारत में इस दिन कई अलग‑अलग कहानियों से जुड़ा है। उत्तर भारत में रावण वध का महाकाव्य है, जबकि दक्षिण में महिषासुर का वध मनाया जाता है। पश्चिम में इसे "विष्णु पूजा" के रूप में देखा जाता है। इन सभी कहानियों का एक ही मतलब है‑ बुराई का अंत और ठीक‑ठाक जीवन की शुरुआत।
घर में कैसे मनाएँ विजयादशमी
1. शास्त्र पढ़ें – सुबह जल्दी रामायण या महाभारत के प्रमुख अंश पढ़ें। फिर परिवार को एक साथ बैठाकर सुनाएँ। 2. रावण की मूर्ति बनाएँ – कागज, मिट्टी या प्लास्टिक की छोटी मूर्तियाँ बनाकर उन्हें रखिए। 3. रिवाज़ी दान – शाकाहारियों के लिये भोजन बनाइए और जरूरतमंदों को बाँटिए। यह पुण्य का काम है और बच्चों को भी सिखाता है। 4. भोजन की तैयारी – अंडा, मिठाई, समोसे, पापड़ और साथ में गरमागरम खिचड़ी बनाकर सबको खिलािए। भोजपुरी और उत्तर भारतीय घरों में "पुजा के बाद बेस्ट" होते हैं। 5. जगल्ला या भजन – स्थानीय कलाकार को बुलाकर रामभजन या रावण पर नाट्य प्रस्तुति करवाइए। बच्चे इसके साथ नाचते‑गाते बहुत मज़ा लेते हैं। 6. आकाश में पताका – अगर आपके पास जगह है तो पताका फुहारें। यह माहौल को और ख़ुशगवार बनाता है।
अगर आप बड़े शहर में रह रहे हैं तो कई सार्वजनिक कार्यक्रम भी होते हैं। दिल्ली में राजघाट का जुलूस, मुंबई में गिरिजा गणपति मंदिर में विशेष पूजा, और वाराणसी में काशी विश्वनाथ पर विशेष अनुष्ठान होते हैं। इन में भाग लेकर आप स्थानीय लोगोँ के साथ उमंग में शामिल हो सकते हैं।
विजयादशमी का एक और महत्त्वपूर्ण हिस्सा है "दशा" – यानी दान। बुजुर्गों, अनाथालयों और गरीबों को कुछ खाद्य या कपड़े देना इस दिन की परम्परा है। यह न केवल दया को दर्शाता है, बल्कि सच्चे दिल से खुशी को भी दोगुना कर देता है।
2025 में आजकल लोग सोशल मीडिया पर अपने विजयादशमी के पलों को "स्टोरी" या "रिक्लेम" के रूप में शेयर कर रहे हैं। अगर आप भी ऐसा करना चाहते हैं, तो कुछ छोटी‑छोटी टिप्स याद रखें: साफ‑सुथरा बैकग्राउंड, प्राकृतिक रोशनी, और मुख्य आकर्षण (जैसे रावण की मूर्ति या भजन मंडली) को फ्रेम में रखें। आपका पोस्ट जल्दी ही लाइक्स और शेयर पाएगा।
एक बात याद रखिए – विजयादशमी का असली मकसद हम सबको एकजुट करना है। चाहे आप राजस्थानी, बंगाली, कर्नाटकियन हों, सबको इस दिन एक ही भावना होती है: बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत का जश्न मनाना। तो इस साल आसानी से, खुशी‑खुशी और थोड़ी सी परम्परा के साथ विजयादशमी मनाइए। स्वर्ण समाचार आपको हर मौसम में भरोसेमंद खबरें देता रहेगा।
दशहरा 2024: शुभकामनाएँ, संदेश, और उद्धरण जो इस पावन पर्व को खास बनाएं
प्रकाशित किया गया अक्तू॰ 12, 2024 द्वारा Devendra Pandey
दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहते हैं, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष के दसवें दिन मनाया जाता है। यह पर्व भगवान राम की रावण पर विजय और अच्छाई की बुराई पर जय का प्रतीक है। हिंदू धर्म में ये दिन धर्म और सत्य की शक्ति का प्रमाण है। इस मौके पर भगवान राम और देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। लोग रावण, मेघनाथ, और कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन कर इसे मनाते हैं।