Tata Capital IPO 75% सब्सक्राइब, 2025 का सबसे बड़ा सार्वजनिक इश्यू
Posted on अक्तू॰ 7, 2025 by Devendra Pandey

जब Tata Capital Limited ने अपना ₹15,511.87 करोड़ का IPO लॉन्च किया, बाजार में धूम मचा दी। 6 अक्टूबर 2025 को खुला यह इश्यू 8 अक्टूबर तक खुलेगा और 13 अक्टूबर को BSE व NSE दोनों पर सूचीबद्ध होगा। यहाँ तक कि दूसरे दिन, 7 अक्टूबर को, इसे 75% की बड़ी सब्सक्रिप्शन मिल गई।
इतिहास और पृष्ठभूमि
Tata Capital की स्थापना 2007 में Tata Sons की सहायक कंपनी के रूप में हुई, और यह भारत की प्रमुख NBFC (नॉन‑बैंकिंग फाइनैंशल कंपनी) बन गई है। समूह की वित्तीय सेवा शाखा में कमर्शियल फाइनेंस, कंज्यूमर लोन, वेल्थ मैनेजमेंट तथा Tata Cards का वितरण शामिल है। उसके मुख्य सहायक, Tata Capital Housing Finance Limited (TCHFL), हाउसिंग फाइनेंस में गहरी जड़ें रखता है।
अब तक, समूह ने कई बड़े किरितियों को संभाला है – रिवेन्यू में लगातार दो अंकों की वृद्धि, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ग्राहक‑आधारित लोन की तेज़ी, और वित्तीय साक्षरता में सुधार। यही कारण है कि इस IPO को 2025 का सबसे बड़ा माना जा रहा है, Hyundai Motor India के 2024 के ₹27,859 करोड़ के इश्यू के बाद।
IPO के मुख्य आँकड़े और संरचना
IPO का प्राइस बैंड ₹310‑₹326 प्रति शेयर तय किया गया, न्यूनतम लॉट साइज 46 शेयर। इसका मतलब है, अधिकतम प्राइस पर निवेशक को ₹14,996 का न्यूनतम भुगतान करना पड़ेगा। कंपनी दो भागों में फंड उठाया रही है:
- Fresh issue के माध्यम से ₹6,846 करोड़
- Offer For Sale (OFS) के तहत मौजूदा शेयरधारकों – मुख्यतः Tata Sons और International Finance Corporation (IFC) – द्वारा ₹8,666 करोड़ के शेयर बेचे जाएंगे
इस तरह कुल मिलाकर ₹15,511.87 करोड़ की जुटान लक्ष्य है, जो कंपनी की वैल्यूएशन को ₹1.31 लाख करोड़ से ऊपर ले जा रही है।
सब्सक्रिप्शन की स्थिति और बिडिंग डेटा
7 अक्टूबर तक, कुल 33,34,36,996 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 24,96,33,260 शेयरों के लिए बिड लगे, जिससे 75% की सब्सक्रिप्शन दर बनी। यह आँकड़ा दर्शाता है कि संस्थागत निवेशकों और रीटेल भागीदारों ने इस इश्यू को काफी भरोसेमंद माना।
अधिकांश बिडिंग संस्थानात्मक निवेशकों ने की, जबकि रीटेल बिडर ने औसत प्राइस से थोड़ा नीचे बिड लगाकर अपनी एंट्री बनाई।
फंड का उपयोग और रणनीतिक लक्ष्य
Fresh issue से जुटाई गई ₹6,846 करोड़ का प्राथमिक उपयोग Tier‑I Capital Base को बढ़ाना है, जिससे नियामक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और ऑन‑वर्ड लेंडिंग को बढ़ावा मिले। Tata Capital इस फंड को नीचे लिखी गई तीन प्रमुख दिशा‑ओं में लगा करेगा:
- रिटेल लोन पोर्टफ़ोलियो का विस्तार – विशेषकर डिजिटल लोन, सॉलर‑रिचार्ज लोन और छोटे व्यवसायों के लिए कार्यशील पूँजी लोन।
- हाउसिंग फाइनेंस में और निवेश – TCHFL के माध्यम से किफायती आवास योजना को तेज़ी से स्केल करना।
- टेक्नोलॉजी‑ड्रिवन फिनटेक अपग्रेड – AI‑आधारित क्रेडिट स्कोरिंग और मोबाइल‑पहले एप्लिकेशन विकसित करना।
OFS के तहत बेचे जा रहे शेयर Tata Sons और IFC को आगे के वित्तीय रणनीति में मदद करेंगे, विशेषकर समूह के अंतरराष्ट्रीय विस्तार और सतत निवेश में।

बाजार की प्रतिक्रिया और विशेषज्ञों की राय
IPO के खुलते ही, शेयर बाजार ने इसे सकारात्मक संकेत माना। अंजली मेहता, एक प्रसिद्ध वित्तीय विश्लेषक, ने कहा, “Tata Capital के पास समूह की बैकलॉर्टिंग, तकनीकी‑समर्थित उन्नति और विस्तृत ग्राहक‑बेस है, इसलिए यह इश्यू लंबी अवधि में मूल्य निर्मित करेगा।”
बेंचमार्क फंड्स ने भी इस इश्यू को “वैल्यू‑ड्रिवन” बताया, जबकि कुछ रिटेल निवेशकों ने उच्च प्राइस बैंड को “प्री‑मियम” बताया। फिर भी, 75% सब्सक्रिप्शन दर्शाता है कि जोखिम‑सहनशीलता में वृद्धि हो रही है।
भविष्य की संभावनाएँ और अगले कदम
IPO की अलोकेशन प्रक्रिया 9 अक्टूबर को फाइनल होगी, रिफंड 10 अक्टूबर से शुरू होगा और शेयर क्रेडिट भी उसी दिन होगा। लिस्टिंग 13 अक्टूबर को निर्धारित है, जिससे निवेशकों को तुरंत ट्रेडिंग का अवसर मिलेगा।
Anchor investors के लिए लॉक‑इन 50% शेयरों के लिए 8 नवंबर 2025 और बाकी के लिए 7 जनवरी 2026 तक रहेगा। यह अवधि निवेशकों को दीर्घकालिक प्रतिबद्धता बनाने में मदद करेगी।
UPI‑mandate की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर शाम 5 बजे है, जिससे डिजिटल भुगतान की सुविधा प्राप्त होगी।
सभी सब्सक्राइबर्स को जल्द ही उनके बिडिंग स्टेटस के बारे में सूचना मिलेगी, और सफल बिडर को शेयर आवंटन की पुष्टि मिल जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Tata Capital के IPO से किस प्रकार के निवेशकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा?
Institutional investors को इस इश्यू में बड़ी मात्रा में शेयर मिल सकते हैं, जिससे उन्हें लंबे समय के लिए स्थिर रिटर्न मिल सकेगा। रीटेल निवेशक कम प्राइस पर एंट्री लेकर भविष्य में शेयर की संभावित वृद्धि से लाभ उठा सकते हैं।
इश्यू के माध्यम से जुटाए गए फंड का सबसे बड़ा उपयोग क्या होगा?
फंड का मुख्य लक्ष्य Tier‑I Capital Base को मजबूत करना है, जिससे नई लेंडिंग क्षमता बनेगी। इसके अलावा, रिटेल लोन, हाउसिंग फाइनेंस और फिनटेक इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश भी प्रमुख होगा।
क्या Tata Capital का IPO भारत की आर्थिक स्थिरता में योगदान देगा?
हाँ, Capital Base के सुदृढ़ीकरण से कंपनी अधिक लेंडिंग कर पाएगी, जिससे छोटे व्यवसाय और गृह खरीददारों को आसान फाइनेंसिंग मिलेगी। यह अंततः आर्थिक विकास को गति देगा।
IPO की लिस्टिंग के बाद शेयर प्राइस पर क्या असर पड़ सकता है?
यदि मार्केट में सकारात्मक प्रतिक्रिया बनी रहती है और कंपनी के फंड उपयोग के परिणाम सुधरते दिखते हैं, तो प्राइस में स्थिरता या थोड़ा उछाल देखी जा सकती है। परंतु, व्यापक बाजार उतार‑चढ़ाव भी प्रभाव डाल सकते हैं।
IFC का इस इश्यू में क्या मकसद है?
International Finance Corporation अपने शेयर बेचकर फंड रिवर्सल कर रहा है, जिससे उसे अन्य अंतरराष्ट्रीय निवेश अवसरों में भाग लेने की लचीलापन मिलेगी। यह Tata Capital के लिए कोई नकारात्मक संकेत नहीं है।
टिप्पणि
Nathan Hosken
Tata Capital का IPO, जिसकी सब्सक्रिप्शन रेशो 75% रही, यह दर्शाता है कि बिडिंग वार्ता में संस्थागत निवेशकों का बायोटिक इन्फ्लूएंस कितना महत्वपूर्ण है; प्राइस बैंड ₹310‑₹326 के भीतर फंड रेज़िंग का स्ट्रक्चर टियर‑I कैपिटल बेस को सुदृढ़ करने के साथ-साथ डिजिटल लोन पोर्टफ़ोलियो के एक्सपैंशन को सशक्त बना रहा है; इस इश्यू में Fresh Issue और OFS दोनों का संतुलित मिश्रण निवेशकों को एंटीट्रस्ट कंट्रोल के तहत विविधता प्रदान करता है।
अक्तूबर 7, 2025 at 21:26