Tata Capital IPO का DAY‑1 सब्सक्रिप्शन 39% - एंकर निवेश 4,642 करोड़, ग्रे मार्केट प्रीमियम ठंडा
Posted on अक्तू॰ 7, 2025 by Devendra Pandey

जब Tata Capital Limited ने 6 अक्टूबर 2025 को अपना IPO लॉन्च किया, तो बाजार के संकल्पकों की धड़कन तेज हो गई। तीन‑दिन की सार्वजनिक बिडिंग के पहले दिन ही इस इश्यू को 39% की सब्सक्रिप्शन मिली, यानी केवल 0.39 गुना बुकिंग—जो बड़े नॉन‑बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के मामले में औसत से काफी कम थी।
IPO की पृष्ठभूमि और मुख्य आँकड़े
यह इश्यू Tata Capital IPOIndia के रूप में दर्ज किया गया है, जिसकी कुल कीमत 15,512 crore रुपये निर्धारित हुई। कीमत बैंड 310 रुपए से 326 रुपए प्रति शेयर तय था, और न्यूनतम लॉट साइज़ 46 शेयर — यानी निवेशकों को लगभग 14,996 रुपए (ऊपरी बिंदु पर) का न्यूनतम पूँजी जमा करना होगा।
इश्यू में दो भाग शामिल थे: एक ताज़ा इश्यू (fresh issue) और दूसरा ऑफ़र‑फॉर‑सेल (OFS). ताज़ा इश्यू में 21 crore शेयरों के लिये 6,510 से 6,846 crore रुपये जुटाने की योजना थी, जबकि OFS के माध्यम से 26.58 crore शेयर बेचे जाने वाले थे, जिसकी संभावित रेंज 8,241 से 8,666 crore रुपये के बीच थी।
बिडिंग और सब्सक्रिप्शन स्थिति
बिडिंग के बंद होने तक, कुल 12,86,08,916 शेयरों की मांग मिली, जबकि केवल 33,34,36,996 शेयर ही ऑफर किए गए थे। इसे 0.39 गुना (39 %) की सब्सक्रिप्शन माना गया। यह आंकड़ा बहुत बड़े NBFC IPO के लिए आम तौर पर 2‑3 गुना से कम है, इसलिए बाजार ने इसे थोड़ा ठंडा पढ़ा।
बिडिंग प्रक्रिया 6 अक्टूबर को शुरू हुई, 8 अक्टूबर को बंद होगी। इस बीच, अधिकांश संस्थागत निवेशकों ने अपनी बोली पहले से ही लगाकर रखी थी, जिससे सार्वजनिक भागीदारी की सीमा पहले ही तय हो गई।
एंकर निवेशकों की भूमिका और प्रतिबद्धता
पब्लिक लॉन्च से पहले, कंपनी ने एंकर बुक से 4,642 crore रुपये की धनराशि सुरक्षित कर ली थी। भारत के सबसे बड़े जीवन बीमा कंपनी Life Insurance Corporation (LIC) ने सबसे बड़ा भागीदार बनते हुए 2.15 crore शेयरों की खरीदारी की, जिसका मूल्य लगभग 700 crore रुपये था। इस एंकर बुक में प्रमुख म्यूचुअल फंड्स और एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने भी बड़े‑बड़े टोकन जमा किए, जिनमें ICICI Prudential Mutual Fund, HDFC Mutual Fund, Aditya Birla Sun Life, DSP Mutual Fund, Axis Mutual Fund, Kotak Mahindra Mutual Fund और Nippon Life Asset Management शामिल थे।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस इश्यू ने दिलचस्प सहभागिता देखी। Morgan Stanley, Goldman Sachs, Nomura और नॉर्वे के सॉवरेन वेल्थ फंड Government Pension Fund Global ने भी एंकर बुक में हिस्सेदारी ली। इस विदेशी रुचि का मुख्य कारण Tata Group की विश्वसनीयता और NBFC सेक्टर की भविष्यवाणी योग्य वृद्धि माना जाता है।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) और बाजार की भावना
IPO के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) को लेकर अपेक्षित उत्साह नहीं दिखा। आज तक GMP लगभग 10‑11 रुपए ऊपर की ही बना हुआ है, यानी 326 रुपए के ऊपर। इससे यह अनुमान लगाया जाता है कि लिस्टिंग पर शेयर कीमत 337 रुपए के करीब रहेगी, जो इश्यू कीमत से सिर्फ 3 % का प्रीमियम है। विविध संस्थागत अापदेंस के बावजूद, छोटे‑स्मॉल इन्वेस्टर और रिटेल साइड की रूचि अभी तक पूर्णतः नहीं उतरी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कम प्रीमियम का कारण दो‑तीन बातों में निहित है: (i) मौजूदा ब्याज दरों में अनिश्चितता, (ii) NBFC सेक्टर पर नियामक दबाव और (iii) वैश्विक कच्ची सामग्री की कीमतों में उतार‑चढ़ाव। इसलिए निवेशकों को लिस्टिंग के बाद अधिक रिटर्न की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए, बल्कि लंबी अवधि में कंपनी की बुनियादी ताकत का मूल्यांकन करना चाहिये।

भविष्य की योजना और उपयोगी संकेतक
IPO के बाद, Tata Sons Private Limited की शेयरहोल्डिंग 95.6 % से घट कर 85.4 % हो जाएगी। यह भागीदारी का एक सुस्पष्ट संकेत है कि समूह अपनी पूँजी संरचना को सुदृढ़ करने के साथ‑साथ मौजूदा शेयरधारकों को निकासी का रास्ता भी प्रदान कर रहा है।
प्राप्त कोष का प्राथमिक उपयोग कोर कैपिटल बूस्ट, लेंडिंग संचालन का विस्तार और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की तथा शाखा नेटवर्क की वृद्धि में किया जाएगा। कंपनी का वर्तमान लोन पोर्टफोलियो 2.3 लाख crore रुपये है और 73 लाख ग्राहकों को 1,500 से अधिक शाखाओं के माध्यम से सेवा देती है। डिजिटल रूप से 98 % ग्राहक ऑनबोर्डेड हैं, जो इसे भारतीय NBFC में डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन का एक बेहतरीन मॉडल बनाता है।
एनालिस्टों का अनुमान है कि लिस्टिंग पर शेयर 3.5 गुना बुक वैल्यू पर ट्रेड करेगा, जो इस प्रकार की कंपनियों के लिए सामान्य प्रीमियम रेंज है। यदि कंपनी की बुक वैल्यू 100 रुपए है, तो लिस्टिंग पर कीमत लगभग 350 रुपए तक पहुँच सकती है—जो मौजूदा मूल्य बैंड से ऊपर है, परन्तु ग्रे मार्केट से देखी गई मध्यम दर के करीब है।
क्या यह निवेशकों के लिए अवसर है?
यदि आप दीर्घकालिक निवेशकर्ता हैं, तो Tata Capital की मजबूत बॅलेंस शीट, समूह की बैकलिंग और डिजिटल क्षमताएं आकर्षक लग सकती हैं। हालांकि, छोटे‑स्मॉल निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए—कम सब्सक्रिप्शन और न्यूनतम ग्रे मार्केट प्रीमियम संकेत देते हैं कि रिटर्न तुरंत नहीं मिल सकते। बेहतर होगा कि आप IPO के बाद शेयर के ट्रेंड को देख कर, कंपनी की आय, NPA (नॉन‑परफॉर्मिंग एसेट) कलेक्शन और नई लेंडिंग प्रोजेक्ट्स को ध्यान में रख कर निर्णय लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Tata Capital IPO में सबसे बड़ा एंकर निवेशक कौन है?
Life Insurance Corporation (LIC) ने सबसे बड़ा एंकर निवेश किया, लगभग 2.15 crore शेयरों के लिए लगभग 700 crore रुपये की कीमत पर।
IPO के ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में वर्तमान में कितना अंतर है?
GMP लगभग 10‑11 रुपए ऊपर तक सीमित है, जिससे लिस्टिंग पर अनुमानित कीमत इश्यू बैंड के ऊपर 3 % तक ही रहने की संभावना है।
Tata Capital के शेयरधारकों की हिस्सेदारी कितनी बदलती है?
IPO के बाद Tata Sons Private Limited की हिस्सेदारी 95.6 % से घट कर 85.4 % हो जाएगी, जिससे पब्लिक को लगभग 10 % अतिरिक्त हिस्सेदारी मिलेगी।
क्या इस IPO के बाद शेयर मूल्य में तेज़ी की उम्मीद है?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि शुरुआती ट्रेडिंग कीमत बुक वैल्यू के लगभग 3.5 गुना तक पहुंच सकती है, परंतु कम ग्रे मार्केट प्रीमियम के कारण तत्काल बड़े लाभ की संभावना सीमित है।
Tata Capital IPO में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की भागीदारी कैसी थी?
Morgan Stanley, Goldman Sachs, Nomura और Norway के Government Pension Fund Global जैसे संस्थान ने एंकर बुक में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी ली, जिससे इश्यू में विदेशी रुचि स्पष्ट हुई।
टिप्पणि
Surya Banerjee
Tata Capital IPO ka interest thoda low lag raha hai।
अक्तूबर 7, 2025 at 03:46