साइबर अटैक ने उत्पादन को कैसे रोक दिया
जगुआर लैंड रोवर (JLR) पर हुए बड़े साइबेर हमले ने फैक्ट्री के काम को रोक दिया, और निर्माता को 1 अक्टूबर 2025 तक उत्पादन बंद रखने को मजबूर किया। इस बंदी के कारण हर हफ़्ते लगभग $68 मिलियन का सीधा आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस आर्थिक दबाव ने Tata Motors के कुल मुनाफे को भारी घटा दिया, जिससे शेयरधारकों को चिंता होने लगी।
JLR का उत्पादन रुकने से केवल कंपनी की आय ही नहीं, बल्कि इसकी सप्लाई चेन पर भी व्यापक असर पड़ा। 30,000 से अधिक सीधे कर्मचारी इस बंदी से बेरोज़गार हो गए, जबकि 100,000 से अधिक लोग अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए—भाई‑बहन कंपनियों से लेकर छोटे पार्ट्स सप्लायर तक, सभी को मैन्युफैक्चरिंग लाइनों के ठहराव का सामना करना पड़ा।
- प्रति सप्ताह $68 मिलियन का नुकसान
- उत्पादन बंदी 1 अक्टूबर 2025 तक
- 30,000 प्रत्यक्ष कर्मचारी
- 100,000 सप्लाई चेन के लोग प्रभावित
सरकारी, यूनियन और उद्योग की प्रतिक्रिया
ब्रिटेन सरकार ने हालत को गंभीर मानते हुए JLR के अधिकारियों से मिलने का शेड्यूल तैयार किया। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को कंपनी की तकनीकी टीम के साथ जोड़कर सिस्टम की बहाली और भविष्य में ऐसे हमले रोकने के उपायों पर काम किया जा रहा है।
साथ ही यूनियन ने छोटे सप्लायरों के लिए सरकारी वित्तीय सहायता की मांग की है। उनका कहना है कि यदि छोटे तकनिकीय फर्मों को आर्थिक मदद नहीं मिली तो पूरे सप्लाई नेटवर्क में नौकरी छूटने का खतरा बढ़ जाएगा। इस पर सरकार ने निकट भविष्य में सहायता पैकेज पर चर्चा करने का वचन दिया है।
निवेशकों ने भी इस अनिश्चितता को देखते हुए Tata Motors के शेयरों को बेच दिया, जिसकी वजह से स्टॉक की कीमत में स्पष्ट गिरावट आई। बाजार विशलेषकों का अनुमान है कि अगर उत्पादन पुनः शुरू नहीं होता तो अगला महीना या दो में शेयरों में और अधिक दबाव देखना पड़ेगा।
टिप्पणि
Saravanan Thirumoorthy
ये साइबर अटैक अमेरिका या चीन ने किया होगा बस अभी तक कोई नहीं बता पाया। हमारी कंपनी को ऐसे ही घुसपैठियों के खिलाफ लड़ना पड़ रहा है। भारत को अपनी साइबर सुरक्षा खुद बनानी होगी।
सितंबर 26, 2025 at 11:24
Partha Roy
अब तो सब बाहरी षड्यंत्र ही लगता है। जगुआर लैंड रोवर को तोड़ने के लिए किसी ने इसे हैक किया होगा। हमारे टाटा को इतना बड़ा लक्ष्य बनाने वाले कौन हैं? ये नहीं बताया जा रहा।
सितंबर 27, 2025 at 20:54
sarika bhardwaj
इसका मतलब है कि हम अभी भी डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत पिछड़े हैं 😔 अगर हम अपने सिस्टम को एआई-आधारित सुरक्षा से लैस करते तो ऐसा कुछ नहीं होता। ये बस एक चेतावनी है 🚨
सितंबर 28, 2025 at 12:47
ADI Homes
30 हजार लोग बेरोजगार हो गए और 1 लाख अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित... ये आंकड़े दिल तोड़ देते हैं। बस शेयर की कीमत का बात नहीं करना चाहिए, इंसानों की जिंदगी भी है।
सितंबर 30, 2025 at 05:25
Tejas Shreshth
क्या आपने कभी सोचा है कि ये साइबर हमला न केवल टेक्नोलॉजी का नुकसान है बल्कि एक नए युग का अंत है? जहाँ वैश्विक उत्पादन की श्रृंखला अपने अहंकार से बाहर निकलने के लिए मजबूर हो गई है... एक निर्माण की अस्तित्व का अध्ययन अब एक दर्शन की जरूरत है।
अक्तूबर 1, 2025 at 16:49
Kamlesh Dhakad
मैंने एक छोटी सी सप्लायर कंपनी में काम किया था, उन्हें तो 3 महीने से पैसे नहीं मिले। अब तो उनके पास बस एक बाइक और बच्चों के लिए बर्फी की डिब्बी है।
अक्तूबर 2, 2025 at 15:33
Chirag Desai
बस इतना ही कहना है कि अगर हम अपने डेटा को भारत में ही रखें तो ऐसे हमले बहुत कम होंगे।
अक्तूबर 2, 2025 at 22:30
Abhi Patil
इस घटना के पीछे एक अधिक गहरी व्यवस्था का संकेत है जो वैश्विक उद्योग के निर्माण में विकेंद्रीकरण के अंतर्गत आती है, जिसमें भारत की विश्वसनीयता को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुमोदित करने की आवश्यकता है, जिसके लिए बस एक अच्छा नियमन और तकनीकी स्वायत्तता पर्याप्त नहीं है, बल्कि एक नए विचारधारा की आवश्यकता है।
अक्तूबर 3, 2025 at 20:35
Prerna Darda
ये सिर्फ एक हैकिंग नहीं है, ये डिजिटल नवीनता की असफलता है। हमने टेक्नोलॉजी को अपनाया लेकिन उसकी आत्मा को नहीं समझा। अब जब बाहरी शक्तियाँ हमारे डिजिटल अंगों को छू रही हैं, तो हमें अपने अंदर की शक्ति को जागृत करना होगा।
अक्तूबर 3, 2025 at 21:52
Dr Vijay Raghavan
किसी ने टाटा को धोखा दिया है। अब जब वो ब्रिटेन में हैं तो वो हमारी तकनीक को बेच रहे हैं। इसे रोको वरना हम सब बेरोजगार हो जाएंगे।
अक्तूबर 4, 2025 at 23:11
Hardeep Kaur
मैंने एक साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट से बात की है, उनके मुताबिक ये हमला एक एडवांस्ड थ्रेट एक्टर से आया है जो लंबे समय से JLR के नेटवर्क को मॉनिटर कर रहा था। अभी तक कोई ग्रुप ने इसे दावा नहीं किया, लेकिन ये रूस या कोरिया के एक्टर्स का काम लगता है।
अक्तूबर 6, 2025 at 04:09
NEEL Saraf
हम इतने बड़े हो गए कि अब हमारी कंपनियाँ दुनिया के लिए अहम हैं... लेकिन क्या हमने अपने घर की सुरक्षा के बारे में सोचा? हमारे बच्चे आज भी गूगल और एप्पल के बिना जी नहीं सकते... लेकिन हमारे डेटा कहाँ हैं? 🤔
अक्तूबर 6, 2025 at 12:10
Hemant Kumar
एक छोटी सी नोट बताना चाहूंगा: जिन लोगों को ये बात अच्छी नहीं लग रही, उन्हें ये बताना चाहूंगा कि जब तक हम अपने छोटे सप्लायर्स को सहायता नहीं देंगे, तब तक ये गिरावट बंद नहीं होगी। ये एक जाल है जिसे हम सब मिलकर बना रहे हैं।
अक्तूबर 8, 2025 at 00:38
Ashwin Agrawal
अगर हम इस बार अपने डेटा को भारत में ही स्टोर करें और एक डिजिटल स्वाभिमान का निर्माण करें तो ये सब बार-बार नहीं होगा।
अक्तूबर 8, 2025 at 22:02
Devi Rahmawati
क्या हम इस घटना को सिर्फ एक टेक्निकल फेलियर के रूप में देख रहे हैं? या ये हमारे वैश्विक भू-राजनीतिक असंतुलन का एक परिणाम है? यदि हम अपने उद्योग को वैश्विक नियमों के बजाय अपने स्वयं के नियमों के साथ आगे बढ़ाएं, तो क्या हम अपनी स्वायत्तता बहाल कर पाएंगे?
अक्तूबर 9, 2025 at 08:09
Shubham Yerpude
इसका सच ये है कि ये हमला एक बड़े गुप्त अभियान का हिस्सा है जिसका उद्देश्य भारत को टेक्नोलॉजी में दुनिया के सामने असफल बनाना है। ये सब एक वैश्विक षड्यंत्र है।
अक्तूबर 11, 2025 at 03:23
Hitendra Singh Kushwah
अगर ये एक बार फिर हुआ तो क्या हम अपने अधिकारियों को अपनी बात मानने के लिए मजबूर कर पाएंगे? या फिर हम फिर से बस शेयर की कीमत को देखते रहेंगे?
अक्तूबर 11, 2025 at 06:02
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