UN के गुटेरेस ने उत्तर कोरिया के निरस्त्रीकरण पर स्पष्ट प्रतिबद्धता दोहराई

28सितंबर

Posted on सित॰ 28, 2025 by Devendra Pandey

UN के गुटेरेस ने उत्तर कोरिया के निरस्त्रीकरण पर स्पष्ट प्रतिबद्धता दोहराई

When António Guterres, संयुक्त राष्ट्र महासचिव of संयुक्त राष्ट्र met Cho Tae-yul, दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री of दक्षिण कोरिया in न्यूयॉर्क on , उन्होंने उत्तर कोरिया के पूर्ण, सत्यापनीय और अपरिवर्तनीय निरस्त्रीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता को दोहराया। यह मुलाकात UN मुख्यालय में कोरियाई‑UN सहयोग एवं उत्तर कोरिया मुद्दों पर विस्तृत बातचीत का हिस्सा थी।

पृष्ठभूमि और पूर्व इतिहास

वित्तीय वर्ष 2024‑25 में उत्तर कोरिया (डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया) ने अपने पहले परमाणु परीक्षण के बाद से अब तक 40‑50 वारहेड का अनुमानित भंडार बना रखा है। 2006 में पहला परीक्षण, 2017 में इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) लॉन्च और इस साल की पाँचवीं हाइपरसोनिक रॉकेट डेमो ने अंतरराष्ट्रीय तनाव को बढ़ा दिया था।

अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया ने मिलकर अब तक 29 आर्थिक प्रतिबंध, 12 प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची और 8 बैनड इक्विपमेंट सेंटर्स को लागू किया है। फिर भी प्योंगयांग ने निरस्त्रीकरण पर वार्ता के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

भेट का विवरण और मुख्य बिंदु

गुटेरेस ने बैठक में कहा, "हम उत्तर कोरिया के पूरा, सत्यापनीय और अपरिवर्तनीय निरस्त्रीकरण के लिए स्पष्ट प्रतिबद्धता रखते हैं।" चो ताए‑युल ने उत्तर कोरियाई रॉकेट लॉन्च की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, "धार्मिक अधिकार और मानवीय स्थितियों में सुधार के बिना सुरक्षा नहीं बन सकती।" दोनों पक्षों ने कोरियाई‑UN सहयोग को सुदृढ़ करने के लिए एक कार्य योजना पर सहमति जताई।

  • दबाव बनाए रखने के लिए पाँच‑सप्ताह की नई प्रतिबंध संधि की तैयारी।
  • ह्यूमन राइट्स संबंधी स्वतंत्र जांच के लिए अंतरराष्ट्रीय निगरानी समूहों को प्रवेश।
  • भविष्य में दो‑सत्रीय शिखर सम्मेलन की संभावना, एक बार दक्षिण कोरिया में, फिर न्यूयॉर्क में।

गुटेरेस ने यह भी जोड़ते हुए कहा कि निरस्त्रीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता अनिवार्य है, और इससे ही करनियों के बीच भरोसा स्थापित होगा।

कोरिया के न्यूक्लियर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

प्योंगयांग ने तुरंत इस बयान को "खतरनाक शब्द" कह कर निंदा किया। उत्तर कोरिया की सरकारी एजेंसी के अनुसार, "अनिच्छित दबाव को तोड़कर ही हम शांति की गारंटी दे सकते हैं।" हालांकि, चीन ने सतत संवाद की वकालत की, और कहा कि "सभी पक्षों को समझौता‑आधारित समाधान की ओर बढ़ना चाहिए।"

संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "बिना कोई शर्तों के निरस्त्रीकरण अस्वीकार्य है, लेकिन हम कूटनीति के सभी रास्ते खुला रखेंगे।" जापान के विदेश मंत्रालय ने अपने नवीनतम सुरक्षा रणनीति में उत्तर कोरिया के मिसाइल क्षमताओं को प्रमुख खतरे के रूप में सूचीबद्ध किया।

क्षेत्रीय सुरक्षा पर संभावित प्रभाव

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि निरस्त्रीकरण की दिशा में वास्तविक प्रगति देखी गई तो किम्बदंतु जैसी सीमाओं पर सैन्य खर्च घट सकता है, जिससे आर्थिक विकास की संभावना बढ़ेगी। वहीं, अगर बात टकटकी रहे तो अभ्युदय‑इंटरनैशनल रिसर्च फर्म की रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्री और हवाई सुरक्षा खर्च 2026 तक 15% तक बढ़ सकता है।

साउथ कोरिया के एक विचारधारा विश्लेषक ने कहा, "निरस्त्रीकरण का अर्थ केवल हथियारों को हटाना नहीं, बल्कि मानवीय स्थितियों में सुधार, आर्थिक जुड़ाव और विश्वसनीय सुरक्षा ढाँचा बनाना भी है।"

आगे की राह और संभावित कदम

भविष्य की योजना में दो मुख्य मार्ग दिखते हैं। पहला, यदि उत्तर कोरिया कोई आधे‑मार्ग का कदम उठाता है – जैसे कि परमाणु सुविधाओं की अंशिक निरस्त्रीकरण – तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय संभावित रूप से आर्थिक राहत पैकेज पेश कर सकता है। दूसरा, यदि कोई आगे की प्रगति नहीं होती, तो संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद के सदस्यों द्वारा नए प्रतिबंधों की सम्भावना बढ़ जाएगी।

अंततः, गुटेरेस के बयान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर निरस्त्रीकरण को फिर से मुख्य एजेंडा में रखा है, और यह देखना बाकी है कि कोरिया की कूटनीति किस दिशा में मुड़ती है।

Frequently Asked Questions

Frequently Asked Questions

इस घोषणा से दक्षिण कोरियाई विदेश नीति पर क्या असर होगा?

दक्षिण कोरिया इस बिंदु को अपनी सुरक्षा रणनीति में प्रमुख मानते हुए, दो‑सत्रीय शिखर सम्मेलनों की योजना बना रहा है। इससे आर्थिक सहयोग और मानवीय सहायता के क्षेत्रों में नई पहलें उभर सकती हैं।

उत्तर कोरिया ने इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?

प्योंगयांग ने इसे "खतरनाक शब्द" कहा और कहा कि अंतरराष्ट्रीय दबाव से उनकी संप्रभुता को खतरा है। उन्होंने अपने आत्मरक्षा अधिकार का उल्लेख कर निरस्त्रीकरण के सभी प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र ने अब तक निरस्त्रीकरण प्रक्रिया में क्या कदम उठाए हैं?

UN ने 2019 के बाद से कई सुरक्षा परिषद प्रस्ताव पारित किए, जिसमें निरस्त्रीकरण की वैधता को मान्यता देना और निरंतर निगरानी के लिए अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण मिशन स्थापित करना शामिल है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय किस प्रकार के उपायों के माध्यम से दबाव बना रहा है?

मुख्य उपायों में आर्थिक प्रतिबंध, लष्करी समर्थन, साथ ही कूटनीतिक वार्ता मंच जैसे फ़ॉर्मूला फॉर पिस एज़न के तहत बहुपक्षीय संवाद शामिल हैं। यूएस और जापान ने विशेष रूप से सख्त व्यापार प्रतिबंध लागू किए हैं।

भविष्य में कौन‑से कदमों की उम्मीद है?

विशेषज्ञों के अनुसार, 2026 तक दो‑सत्रीय शिखर सम्मेलन और बाध्यकारी निरस्त्रीकरण टाइम‑लाइन तय हो सकती है। यदि उत्तर कोरिया सहयोग नहीं करता, तो नई प्रतिबंधों के साथ सुरक्षा परिषद में समन्वय बढ़ सकता है।

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