विज्ञान और तकनीक के दिलचस्प ज़रिए: अपने प्रश्नों के जवाब यहाँ

आपको विज्ञान और तकनीक की दुनिया में सबसे ज़्यादा क्या चकित करता है? शायद वो सवाल है – क्या कभी कोई कृत्रिम उपग्रह धरती पर गिरा है? या फिर ये कि हमारे रोज़मर्रा के गैजेट्स कैसे बनते हैं? इस श्रेणी में हम वही सवालों के आसान जवाब देंगे, ताकि आप बिना झंझट के समझ सकें।

उपग्रह धरती पर गिरता है – सच या महज अफ़वाह?

हमें अक्सर बताया जाता है कि अंतरिक्ष में लाखों टुकड़े घूमते रहते हैं, लेकिन जब बात आती है कि ये टुकड़े धरती पर गिरेंगे, तो तुरंत डर लग जाता है। वास्तविकता यह है कि अधिकांश उपग्रह पुनः प्रवेश (re‑entry) के दौरान जल कर खत्म हो जाते हैं। उनके धातु‑भरे हिस्से तेज़ी से गर्म होते हैं और छोटे‑छोटे टुकड़ों में टूट जाते हैं। इसलिए अधिकांश मलबा वायुमंडल में ही खतम हो जाता है।

लेकिन सब कुछ नहीं। बड़े आकार के टुकड़े, जैसे बैटरी या मोटर, कभी‑कभी धरती पर पहुंचते हैं। इनका आकार कुछ इंच से लेकर फुट तक हो सकता है। हालांकि गिरने की संभावना बहुत कम है, फिर भी अंतरराष्ट्रीय संस्थाएँ इसको मॉनिटर करती हैं। अगर आप कभी समाचार में बड़े टुकड़े के बारे में पढ़ें, तो समझें कि यह बहुत ही दुर्लभ घटना है।

अंतरिक्ष मलबा और हमारे रोज़मर्रा के जीवन पर असर

अंतरिक्ष मलबा सिर्फ वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय नहीं, यह हमारे संचार नेटवर्क, GPS और सैटेलाइट टीवी को भी प्रभावित कर सकता है। एक छोटा टुकड़ा अगर अत्यधिक गति से किसी कामकाजी सैटेलाइट से टकराता है, तो वह सैटेलाइट को बेमतलब कर सकता है। इसलिए अंतरिक्ष एजेंसियाँ नियमित रूप से अपने सैटेलाइट की कक्षा को बदलती हैं, ताकि मलबे से बचा जा सके।

अब आप सोच रहे होंगे, क्या हमें इस बारे में कुछ करना चाहिए? हाँ, थोड़ा‑बहुत कर सकते हैं। अंतरिक्ष मलबे के टुकड़े को मापने, ट्रैक करने और भविष्य में उनके पुनः प्रविष्टि को नियंत्रित करने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय समझौते हैं। यदि आप विज्ञान के छात्र हैं या तकनीक में रुचि रखते हैं, तो इन अभियानों में किन्ही प्रोजेक्ट्स में भाग ले सकते हैं।

इस श्रेणी में आप सिर्फ उपग्रह की कहानी ही नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी और नई ऊर्जा तकनीक के बारे में भी पढ़ेंगे। हर लेख को हम आसान भाषा में लिखते हैं, ताकि आप व्याख्यान की तरह नहीं, बल्कि दोस्त की चाय के साथ पढ़ सकें।

तो अगली बार जब आप समाचार में देखेंगे ‘उपग्रह धरती पर गिरा’, तो याद रखें कि विज्ञान हमेशा आपको सच्चाई बताता है – डर नहीं, बल्कि तथ्य। और अगर आप नई तकनीक के बारे में बात करना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट में लिखें या हमारी अगली कहानी पढ़ें। विज्ञान और तकनीक की इस यात्रा में आपका साथ हमें प्रेरित करता है।

26जुल॰

क्या कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी पर गिर सकता है? क्या होता है तब

प्रकाशित किया गया जुल॰ 26, 2024 द्वारा Devendra Pandey

कृत्रिम उपग्रहों का पृथ्वी पर गिरना और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाले खतरों पर चर्चा करता हुआ लेख। यह बताता है कि कैसे उपग्रहों के पुन: प्रविष्टि के दौरान वे टूट सकते हैं, और अधिकांश मलबा जलकर समाप्त हो जाता है। लेकिन कुछ बड़े टुकड़े धरती पर गिर सकते हैं, जिससे नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही, अंतरिक्ष मलबे के खतरे को भी उजागर करता है।