कोलकाता के डॉक्टर की बलात्कार और हत्या का मामला: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हिंसा के लिए नौ लोग हिरासत में

16अगस्त

Posted on अग॰ 16, 2024 by मेघना सिंह

कोलकाता के डॉक्टर की बलात्कार और हत्या का मामला: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हिंसा के लिए नौ लोग हिरासत में

कोलकाता में डॉक्टर की दर्दनाक हत्या और बलात्कार का मामला

14 अगस्त, 2024 की रात को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे पश्चिम बंगाल को हिला कर रख दिया। इस घटना के खिलाफ, हजारों महिलाएँ विभिन्न क्षेत्रों से सड़कों पर उतरीं और ‘रात वापस लो’ अभियान के तहत जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन रात 11:55 बजे से शुरू हुए और स्वतंत्रता दिवस के दिन सुबह तक जारी रहे।

विरोध प्रदर्शन की शुरुआत

प्रदर्शनकर्ताओं ने कोलकाता के प्रमुख स्थलों समेत छोटे-छोटे कस्बों और बड़े शहरों में अपनी आवाज़ बुलंद की। “हम न्याय चाहते हैं” के नारे बुलंद होते रहे और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को खत्म करने की मांग की गई। प्रदर्शन में किसी राजनीतिक पार्टी के झंडे की अनुमति नहीं थी, लेकिन हाशियाकृत समुदायों जैसे LGBTQ+ समूहों के झंडे अनुमति दी गई थी।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हिंसा

हालांकि प्रदर्शन सामान्य रूप से शांतिपूर्ण था, लेकिन आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हिंसा भड़क उठी। कुछ बाहरी तत्वों ने अस्पताल के परिसर में तोड़फोड़ की और मीडिया कर्मियों पर हमला किया। इसके बाद नौ लोगों को हिरासत में लिया गया।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हमले के पीछे राजनीतिक रूप से प्रेरित बाहरी लोगों को जिम्मेदार ठहराया और विरोध कर रहे डॉक्टरों से वापस काम पर लौटने की अपील की। बावजूद इसके, जूनियर डॉक्टर, मेडिकल छात्र और नर्सें लगातार अपने आंदोलन को जारी रखे हुए हैं और सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।

अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की नई नियुक्त प्राचार्या सुहृता पाल ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि अस्पताल में सुरक्षा कड़ी की जाएगी। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से मुलाकात की और समर्थन और न्याय का आश्वासन दिया।

अधिकारियों पर गुस्सा और चिंता

यह विरोध प्रदर्शन महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारियों की कार्रवाई के खिलाफ व्यापक आक्रोश और निराशा को दर्शाता है। कई प्रतिभागियों ने अपने गहरे चिंता व्यक्त की और कहा कि सच्ची स्वतंत्रता तब तक नहीं हो सकती जब तक महिलाओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती।

डॉक्टर, बलात्कार, हिंसा, कोलकाता जैसे *keywords* ने इस घटना को राष्ट्रीय स्तर पर उभरता हुआ मुद्दा बना दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिलती और सुरक्षा उपायों को मजबूत नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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