डिजिटल हैरेसमेंट – क्या है और कैसे बचें?
आजकल हर कोई सोशल मीडिया, चैट एप और वेबसाइट पर समय बिताता है। इस कनेक्शन के साथ कुछ नकारात्मक भी जुड़ गया है – डिजिटल हैरेसमेंट। साधारण शब्दों में, यह ऑनलाइन माध्यमों पर किसी को परेशान करना, धमकाना या अपमानित करना है। आपके फोन या कंप्यूटर पर मिलने वाला हर संदेश या टिप्पणी बुरा असर डाल सकता है, अगर वह दुरुपयोग की दायरे में हो।
डिजिटल हैरेसमेंट के मुख्य रूप
डिजिटल हैरेसमेंट के कई चेहरें हैं, लेकिन कुछ आम प्रकार हैं:
- साइबरबुलिंग: स्कूल या काम के दोस्तों द्वारा लगातार तंग किया जाना, अक्सर फ़ोटो या वीडियो को बदनाम करने के लिए शेयर किया जाता है।
- ट्रॉलिंग: इंटरनेट पर जान-बूझकर झूठी या गुस्सैल बातें करके किसी का दिमाग़ ख़राब करना।
- स्टॉकिंग: बिना अनुमति के आपकी व्यक्तिगत जानकारी, लोकेशन या तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट करना।
- डोमैनीज़ेशन: आपके नाम या ब्रांड को गलत जानकारी से भर देना, जिससे आपकी विश्वसनीयता घटती है।
- छलनी और फ़िशिंग: झूठे ई‑मेल या मेसेज के जरिये आपकी निजी डेटा या पैसे चुराने की कोशिश।
इनमें से कोई भी रूप आसानी से उभर कर आपके आत्म‑विश्वास को तोड़ सकता है। इसलिए पहचानना और रोकना बहुत ज़रूरी है।
डिजिटल हैरेसमेंट से बचने के आसान कदम
भले ही आप किसी बड़े प्लेटफ़ॉर्म के यूज़र हों, कुछ सरल उपाय हैं जो तुरंत मदद कर सकते हैं:
- प्राइवेसी सेटिंग्स को चेक करें – हर सोशल मीडिया अकाउंट पर ‘कौन देख सकता है’ और ‘कौन कॉमेंट कर सकता है’ को सीमित रखें।
- अनजाने लिंक या अटैचमेंट को कभी न खोलें। अगर आपसे कोई अजनबी फाइल माँग रहा है, तो तुरंत इन्कार करें।
- हिंसक या अपमानजनक कमेंट को रिपोर्ट करें। अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म में ब्लॉक/रिपोर्ट बटन होता है, उसका इस्तेमाल करें।
- संभावित ट्रोल्स को जवाब देने की कोशिश न करें। उनका लक्ष्य आपके मन को उलझाना है, इसलिए जवाब देना अक्सर स्थिति को बिगाड़ता है।
- अगर किसी ने आपके व्यक्तिगत डेटा को सार्वजनिक किया है, तो तुरंत प्लेटफ़ॉर्म की सपोर्ट टीम से संपर्क करें और अपना अनुरोध लिखें।
- किसी भी खतरे या डरावनी स्थिति में स्थानीय साइबर पुलिस या हेल्पलाइन से मदद लें।
इन कदमों को अपनाकर आप अपनी ऑनलाइन ज़िंदगी को काफी हद तक सुरक्षित बना सकते हैं। याद रखें, डिजिटल हैरेसमेंट आपका क़दम नहीं, बल्कि दूसरों की गलती है। आप हमेशा अपनी सुरक्षा का हक़दार हैं।
इस टैग पेज पर आप डिजिटल हैरेसमेंट से संबंधित विभिन्न लेख, टिप्स और केस स्टडीज़ पाएँगे। पढ़ते रहें, सीखते रहें और बेफ़िक्र ऑनलाइन रहें।
UGC का सख्त आदेश: कॉलेजों में व्हाट्सएप ग्रुप्स की निगरानी, डिजिटल हैरेसमेंट को भी माना जाएगा रैगिंग
प्रकाशित किया गया जुल॰ 21, 2025 द्वारा Devendra Pandey
UGC ने सभी कॉलेजों को आदेश दिया है कि वे छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप्स पर खास नजर रखें, जहां सीनियर्स जूनियर्स को परेशान कर सकते हैं। अब डिजिटल हैरेसमेंट को भी रैगिंग के तहत माना जाएगा। इस फैसले से छात्र सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है और नियम न मानने पर कॉलेज की ग्रांट भी रोकी जा सकती है।