डिवाइस लीजिंग क्या है और क्यों चुनें?
डिवाइस लीजिंग यानी किसी तकनीकी उपकरण (जैसे लैपटॉप, मोबाइल, सर्वर) को तय अवधि के लिए किराए पर लेना। खरीदे बिना ही नवीनतम गैजेट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, और मेंटेनेंस की झंझट कम रहेगी। खासकर छोटे व्यापारियों और स्टार्ट‑अप्स के लिए ये फाइनेंशियल लोड कम करने का स्मार्ट तरीका है।
लीजिंग के मुख्य फायदे
पहला, कैश फ्लो बेहतर रहता है – बड़ी रकम एक साथ नहीं, बल्कि मासिक किस्तों में भुगतान। दूसरा, टेक्नोलॉजी अपडेट – लीज़ समाप्त होने पर नई मॉडल पर अपग्रेड कर सकते हैं, जिससे पुरानी तकनीक में फंसना नहीं पड़ता। तीसरा, टैक्स बचत – लीज़ पेमेंट को ऑपरेटिंग खर्च माना जाता है, जिससे आयकर में छूट मिलती है।
सही लीज़ प्लान कैसे चुनें?
1. उपयोग अवधि – यदि उपकरण 2‑3 साल तक चाहिए, तो मध्यम अवधि की लीज़ बेहतर। 2. भुगतान विकल्प – मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक किस्तें चुन सकते हैं, लेकिन कुल लागत पर नजर रखें। 3. रिपेयर और मेंटेनेंस क्लॉज़ – कुछ लीज़ में मेंटेनेंस शामिल होता है, जो अतिरिक्त खर्च बचा सकता है। 4. अंतिम विकल्प (Buy‑out) – लीज़ समाप्त होने पर उपकरण खरीदना है या नहीं, इसका प्रावधान देखें।
लीजिंग कंपनी की प्रतिष्ठा भी देखना ज़रूरी है। ग्राहक रिव्यू, फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और सपोर्ट नेटवर्क को जांचें। कई कंपनियां फ्रीजोल्टर्स (प्रॉम्प्ट कैश‑बैक) या शुरुआती कुछ महीनों में डिस्काउंट फ़ीचर भी देती हैं, जिससे शुरुआती खर्च और घटता है।
यदि आप सिर्फ़ एक या दो डिवाइस लीज़ कर रहे हैं, तो पैकेज़ डील देखिए – कई उपकरण एक साथ लीज़ पर मिलकर सस्ती पड़ती है। बड़े व्यवसायों के लिए एंटरप्राइज़ लीजिंग बेहतर प्रोफ़ाइल देता है, जिसमें इंटेलीजेंट एसेट मैनेजमेंट सॉफ़्टवेयर भी शामिल हो सकता है। इससे उपकरणों की ट्रैकिंग, उपयोग रिपोर्ट और लाइफ़साइकिल मैनेजमेंट आसान हो जाता है।
लीजिंग के नुकसान भी समझें। कुल मिलाकर भुगतान कभी-कभी खरीद कीमत से अधिक हो सकता है, खासकर अगर लीज़ समाप्त होने पर खरीद नहीं रहे। इसलिए लीज़ की कुल लागत (TCO) को हमेशा गणना करें। साथ ही, लीज़ अवधि में अगर आपका व्यवसाय बदल जाता है, तो लीज़ टर्मिनेट करना मुश्किल या महंगा हो सकता है।
आख़िर में, डिवाइस लीजिंग वह समाधान है जो तकनीकी जरूरतों को वित्तीय बाधाओं से बचाता है। सही प्लान चुनने के लिए ऊपर बताई गई पॉइंट्स को चेकलिस्ट बनाकर देखें। यदि आप अभी भी हिचकि रहे हैं, तो एक फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र या लीजिंग एक्सपर्ट से बात करें; अक्सर छोटे‑छोटे टॉक्स से बड़ी बचत मिल सकती है।
रिलायंस रिटेल के साथ जियो फाइनेंशियल का 4.33 बिलियन डॉलर का सौदा
प्रकाशित किया गया मई 26, 2024 द्वारा Devendra Pandey
जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (JFS) रिलायंस रिटेल से लगभग 360 अरब रुपये ($4.33 बिलियन) के टेलीकॉम उपकरण और डिवाइस खरीदने की योजना बना रहा है। इस सौदे का उद्देश्य जियो लीजिंग सर्विसेज के माध्यम से रिलायंस जियो इन्फोकॉम के ग्राहकों को किराए पर डिवाइस उपलब्ध कराना है। यह सौदा वित्तीय वर्ष 2025 और 2026 के दौरान पूरा होने की संभावना है, जिसमें शेयरधारकों की मंजूरी का इंतजार है।