गर्भपात अधिकार – आपका हक और सुरक्षित विकल्प

गर्भपात के बारे में कई लोग सवाल पूछते हैं: क्या मैं इसे करवाने का हक रखती हूँ? कौन‑सी जगह सुरक्षित है? भारत में इस मुद्दे को लेकर कानून और सामाजिक विचार दोनों बदल रहे हैं। इस लेख में हम बात करेंगे कि आपका क्या हक है, कौन‑से नियम हैं, और सुरक्षित गर्भपात कैसे कराएँ।

भारत में गर्भपात के कानून

2018 में भारत ने "गर्भपात (संशोधित) अधिनियम" पास किया। इस अधिनियम से 20 सप्ताह तक की गर्भावस्था का गर्भपात कानूनी हो गया, अगर डॉक्टर ने इस बात की पुष्टि कर ली कि माँ की शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। 24 सप्ताह तक का हटा हुआ अधिनियम भी कुछ विशेष परिस्थितियों में लागू होता है, जैसे संदेहजनक फेटस या गर्भ रख‑रखाव की समस्या।

कानून के अनुसार, गर्भपात सिर्फ मान्य क्लिनिक या अस्पताल में ही किया जा सकता है, जहाँ कोल ऑफ़िसियल डॉक्टर ने मेडिकल ड्यूटी पूरी की हो। यह ज़रूरी है क्योंकि अनसुरक्षित जगहों पर स्वास्थ्य खतरे बढ़ जाते हैं। अगर आप या आपके कोई जानने वाले इस प्रक्रिया को अपनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले भरोसेमंद डॉक्टर से मिलें और सभी नियम समझें।

सुरक्षित गर्भपात के लिए कदम

पहला कदम: भरोसेमंद डॉक्टर चुनें। परामर्श के दौरान अपनी सभी बातें खुलकर बताएँ – स्वास्थ्य इतिहास, दवाइयाँ, और व्यक्तिगत विचार। डॉक्टर आपको बताएँगे कि प्रक्रिया कैसे होगी, कितनी लागत आएगी, और कब तक ठीक हो पाएँगे।

दूसरा कदम: क्लिनिक की सर्टिफ़िकेशन देख लें। भारत में मेडिकल काउंसिल द्वारा मान्य क्लिनिकों को लाइसेंस मिलता है। ये क्लिनिक आवश्यक दवाइयाँ और उपकरण रखते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा कम रहता है।

तीसरा कदम: बाद में देखभाल को मत भूलें। प्रक्रिया के बाद दो‑तीन दिनों में डॉक्टर के पास फॉलो‑अप के लिये जाएँ। अगर उल्टी, बुखार या देर से रक्तस्राव जैसी समस्याएँ दिखें, तुरंत मेडिकल मदद लें।

चौथा कदम: भावनात्मक मदद भी ज़रूरी है। कई बार गर्भपात के बाद मन में उलझन या उदासी आ सकती है। परिवार, दोस्त या काउंसलर से बात करना मददगार रहता है। कई NGOs भी काउंसलिंग फ्री में देती हैं, आप उनके संपर्क में जुड़ सकते हैं।

अंत में यह समझें कि गर्भपात का फैसला आपका व्यक्तिगत अधिकार है। आप सुरक्षित, भरोसेमंद, और कानूनी तरीके से इसे करवा सकते हैं। सही जानकारी और सही मदद मिलें, तो डर या जोखिम नहीं रहेगा। इस जानकारी को शेयर करें, ताकि और लोग भी सुरक्षित विकल्प चुन सकें।

16जून

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच तनावपूर्ण आदान-प्रदान दिखाया गया है। यह वीडियो G7 शिखर सम्मेलन के दौरान गर्भपात अधिकारों पर विवाद के बाद का है।