किसान प्रदर्शन: कारण, असर और आज की स्थिति

भारत में किसान प्रदर्शन सिर्फ एक माह का मुद्दा नहीं, बल्कि कई सालों से चलती आ रही समस्याओं का हिस्सा है। अगर आप इस विषय पर नई जानकारी चाह रहे हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। चलिए, सीधे मुद्दे पर आते हैं – क्यों किसान खेतों से बाहर निकल कर सड़कों पर आ गए?

किसान प्रदर्शन के मुख्य कारण

सबसे बड़ा कारण है किसान कानून में बदलाव जो 2020 में केंद्र सरकार ने पेश किए थे। ये कानून तीन पैकेज में आए – किसान (सब्सिडी) एक्ट, कृषि उत्पादन ट्रेडिंग एक्ट और फसल बीमा एक्ट। किसान इस बात से डरते हैं कि ये कानून बड़े व्यापारियों को फसल की कीमत तय करने का अधिकार देंगे, जिससे छोटे किसान कमाई में कटौती देखेंगे।

दूसरा कारण है संधि (सिंगल) कीमत का मुद्दा। कई राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं है या वह पुराना है, जिससे उत्पादन लागत कम नहीं हुई। इसके अलावा, जलवायु परिवर्तन से बार-बार तेज बारिश, सूखा और बवंडर आते हैं, जो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। किसान इन प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए सरकार से मदद चाहते हैं।

अभी तक क्या हुआ और आगे क्या हो सकता है?

पिछले दो साल में पूरे देश में कई बड़े प्रदर्शन हुए – सरहद के पास से लेकर दिल्ली तक. सबसे बड़ी घटनाओं में पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान शामिल रहे। 2021 में दिल्ली के राजपथ पर कई हजार किसान एकत्रित हुए, जहाँ उन्होंने सरकार से कानून को वापस लेने की मांग की।

सरकार ने 2021 में तीनों कानूनों को स्थगित करने का प्रस्ताव दिया, पर किसान सभाओं ने इसे पर्याप्त नहीं माना। अब तक लायक संकल्प नहीं हुआ, इसलिए प्रदर्शन जारी है। कई राज्य सरकारें किसानों को रियायतें दे रही हैं, जैसे फसल बीमा में प्रीमियम कम करना और जल संरक्षण योजनाओं को बढ़ावा देना।

अगर आप इस आंदोलन को समझना चाहते हैं तो यह देखना ज़रूरी है कि यह केवल आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि किसानों की पहचान और आत्मसम्‍मान से जुड़ा है। वे चाहते हैं कि उनकी आवाज़ नीति निर्माण में सुनी जाए, न कि सिर्फ बड़े व्यापारियों की.

आगे क्या हो सकता है? विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर सरकार संवाद के लिए तैयार है तो एक समझौता किया जा सकता है। कुछ राज्य में कृषि कानून को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, पर देशव्यापी समाधान अभी पूरे रूप में नहीं निकला है।

आप अपने स्थानीय किसान संघ से जुड़ कर या सोशल मीडिया पर अपडेट फॉलो करके इस आंदोलन की नवीनतम खबरें पा सकते हैं। कई साइटें, जैसे "स्वर्ण समाचार", रोज़ाना अपडेट देती हैं, जिससे आप बिना किसी झंझट के ताज़ा जानकारी ले सकते हैं।

अंत में, किसान प्रदर्शन सिर्फ खेतों की नहीं, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता की बात है। इसलिए हमें इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और समान विचारधारा वाले लोगों को सहयोग देना चाहिए। यह आंदोलन तभी सफल हो सकेगा जब सभी पक्ष मिलकर समाधान निकालें।

30दिस॰

पंजाब में 30 दिसंबर 2024 को किसानों ने बंद का आह्वान किया। इस बंद के कारण 150 ट्रेनें रद्द की गईं और कई सड़कों का यातायात बाधित रहा। बंद का कारण मकसद MSP गारंटी समेत कई अन्य मांगें थीं। इसे संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा का समर्थन प्राप्त था।