National Film Awards क्या है? – आसान समझ

अगर आप फ़िल्म देखना पसंद करते हैं तो National Film Awards आपके लिए ज़रूरी है। ये इने पुरस्कार भारत सरकार के द्वारा हर साल फ़िल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन काम को सराहा जाता है। आम जनता से लेकर फिल्मस्टाइल तक, सबको एक साथ लाकर एक बड़ी दावत बनता है।

इतिहास और उद्देश्य

National Film Awards की शुरुआत 1954 में हुई थी। तब से ये पुरस्कार हर साल अलग‑अलग श्रेणियों में दिए जाते हैं – जैसे सबसे अच्छा फ़िल्म, सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता/अभिनेत्री वगैरा। मकसद सिर्फ़ स्टारडम नहीं, बल्कि कलाकारों को प्रेरित करना और क्वालिटी फ़िल्म बनवाना है।

सरकार का मानना है कि जब फ़िल्में सामाजिक मुद्दों को छूती हैं और सच्ची कहानियों को दिखाती हैं, तो दर्शकों पर असर पड़ता है। इसलिए National Film Awards को बहुत विश्वसनीय माना जाता है, क्योंकि इसमें जज पैनल में फिल्म एक्सपर्ट, फिल्म फ़ेयर और सरकारी अधिकारी शामिल होते हैं।

मुख्य श्रेणियाँ और कैसे चुनते हैं विजेता

सबसे लोकप्रिय श्रेणियों में "सर्वश्रेष्ठ फ़ीचर फ़िल्म", "सर्वश्रेष्ठ डैक्टिंग" और "सर्वश्रेष्ठ संगीत" शामिल हैं। एक फ़िल्म को जीतने के लिए कई चरणों से गुजरना पड़ता है – पहले प्री-सेलेक्शन, फिर जूरी राउंड, और अंत में फाइनल वोटिंग। जूरी में लोग फ़िल्म की कहानी, तकनीकी पहलू (सिनेमैटोग्राफी, एडिटिंग) और प्रदर्शन को देख कर अंक देते हैं।

अगर आप जानना चाहते हैं कौन-सी फ़िल्में इस साल के दावेदार हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट पर या हमारी साइट पर ‘National Film Awards’ टैग वाले आर्टिकल्स पढ़ें। वहाँ हर फ़िल्म की संक्षिप्त रिव्यू और ट्रेलर लिंक्स भी मिलेंगे, जिससे आप आसानी से तय कर सकते हैं कि कौन‑सी फ़िल्म देखनी है।

विजेताओं के बाद अक्सर एक बड़ी रेसिपी इवेंट होते हैं, जहाँ फिल्ममेकर, कलाकार और प्रोड्यूसर एक साथ मिलते हैं। अगर आप इस माहौल को महसूस करना चाहते हैं तो टीवी या ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर रियल‑टाइम कवरेज देख सकते हैं।

National Film Awards सिर्फ़ मान्यता नहीं, बल्कि फ़िल्म इंडस्ट्री के लिए एक गाइड भी है। इस टैग पेज पर हम लगातार नई ख़बरें, विश्लेषण और पिछले साल के विजेताओं की सूची अपडेट करते रहते हैं। इसलिए, अगर आप फ़िल्मी दुनिया में अपडेटेड रहना चाहते हैं तो इस पेज को बुकमार्क कर लें।

आख़िर में, National Film Awards हमें याद दिलाते हैं कि सच्ची फ़िल्में दिल को छूती हैं और समाज को बदल सकती हैं। तो अगली बार जब आप कोई नई फ़िल्म चुनें, तो देखिए क्या वो पुरस्कार योग्य है या नहीं।

24सित॰

23 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 71वें नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड्स में शाहरुख़ ख़ान ने पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। विक्रांत मैसी के साथ सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवॉर्ड दो सितारों के बीच बाँटा गया। रानी मुखर्जी को ‘Mrs Chatterjee vs Norway’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सम्मान मिला, जबकि मोहनलाल को दादासाहेब फाल्के अवार्ड से नवाज़ा गया। समारोह में लाल कार्पेट, भावनाओं के लमहों और भारत भर के दर्शकों की बड़ी भागीदारी रहे।