पॉप चुनाव प्रक्रिया क्या है? आसान भाषा में समझें

क्या आप कभी सोचे हैं कि रोमन कैथोलिक चर्च में नया पोप कैसे चुनता है? यह प्रक्रिया कई शताब्दियों से चली आ रही है और इसमें कई खास कदम शामिल हैं। आइए, बिना किसी जटिल शब्दों के, इस प्रक्रिया को कदम‑दर‑कदम समझें।

पोप चुनाव की मुख्य प्रक्रिया

सबसे पहले, पोप के पद पर खाली जगह (सिंडिक) होने पर वैप्टिकन के चर्चियर (जोरसेर) घोषणा करते हैं कि कन्क्लेव शुरू होने वाला है। इसके बाद, पूरे विश्व के 120 से कम कार्डिनल (बड़े धार्मिक अधिकारी) को इटली के वेटिकन में बुलाया जाता है। इन कार्डिनलों को ‘इलेक्टोर कार्डिनल’ कहा जाता है, और वे ही मतदान का अधिकार रखते हैं।

कन्क्लेव शुरू होने से पहले, सभी कार्डिनल को आध्यात्मिक तैयारी के लिए रोज़ा, प्रार्थना और आत्मनिरीक्षण की सलाह दी जाती है। यह समय उनके मन को शुद्ध करने और सही निर्णय लेने में मदद करता है।

कन्क्लेव के दरवाज़े बंद होने के बाद, कार्डिनल एक विशेष कमरे में एकत्र होते हैं, जहाँ उन्हें तीन बार मतदान करने का अवसर मिलता है। प्रत्येक मतदान में उन्हें एक कागज़ पर किसी भी कार्डिनल का नाम लिखना होता है, जिसे वे ‘पॉपर’ (पोप) मानते हैं। दो बार फेल होने पर, तीसरी बार में 2/3 से अधिक वोट मिलना अनिवार्य है, तभी नया पोप चुन सकते हैं।

कन्क्लेव में क्या होता है?

कन्क्लेव के दौरान, वेटिकन के सलामंदरों (स्मोकिंग) का उपयोग किया जाता है। जब मतदान सफल होता है, तो कन्क्लेव से काले धुएँ (स्मोक) निकलते हैं, जिससे सभी को पता चलता है कि अभी तक पोप नहीं चुना गया। जब नया पोप चुना जाता है, तो सफेद धुएँ (स्मोक) निकलते हैं, और बोइग्लियो स्क्वायर में बेल की ध्वनि बजती है। यह सब राष्ट्रपति को और दुनिया भर के लोगों को सूचित करता है।

वोटिंग के बाद, चुने गए कार्डिनल को आधिकारिक तौर पर ‘बिशप ऑफ रोम’ की पदवी दी जाती है और वह तुरंत पोप बन जाता है। फिर उन्हें हाथ में लेबल (फ़्लैग) और पोप के लिए विशेष वस्त्र (पोपोस) पहनाए जाते हैं। यह समारोह कई घंटे तक चलता है, और अंत में नया पोप आम जनता को पहला अभिवादन देता है।

जब पोप का चयन हो जाता है, तो वैप्टिकन के कार्यालय इस जानकारी को आधिकारिक रूप से जारी करते हैं। नया पोप फिर अपने पहले आध्यात्मिक कार्य शुरू करता है, जैसे कि बप्तिस्मा, उपदेश और आध्यात्मिक मार्गदर्शन।

सारांश में, पोप चुनाव प्रक्रिया बहुत ही सावधानी और आध्यात्मिक तत्परता के साथ संचालित होती है। कार्डिनलों की गहरी प्रार्थनाएँ, कन्क्लेव की बंद दरवाज़े, और धुएँ की संकेत प्रणाली इसे एक अनोखा और सम्मानित समारोह बनाते हैं। अगली बार जब आप इस प्रक्रिया के बारे में सुनें, तो आप इन सभी चरणों को याद रखें और समझें कि पोप के चुनाव में कितना मेहनत और भक्ति शामिल है।

22अप्रैल

कैथोलिक चर्च के 266वें पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हुआ। अब नए पोप के चुनाव के लिए सीक्रेट कॉन्क्लेव शुरू हो गया है जिसमें कार्डिनल्स हिस्सा लेंगे। भारत के कार्डिनल्स भी इस ऐतिहासिक प्रक्रिया में भूमिका निभा सकते हैं। पूरी प्रक्रिया रहस्यमयी परंपराओं से भरी है।