शिवलिंग का महत्व और सही पूजा विधि
शुभकामना चाहते हैं? तो सबसे पहले शिवलिंग के बारे में थोड़ा समझ लेते हैं। शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। यह न केवल आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है, बल्कि घर में शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।
शिवलिंग क्यों बनाते हैं?
\शिवलिंग बनाना आसान है और इसे घर की अलमारी, बरामदे या बगीचे में कहीं भी रख सकते हैं। लोग इसे बनाते हैं क्योंकि:
- शिव की ताकत को घर में महसूस करना चाहते हैं।
- बाद में बड़े मंदिर में जाने की जरूरत नहीं पड़ती, खुद ही पूजा कर सकते हैं।
- संकट के समय शांति पाने के लिए एक भरोसेमंद स्थान बन जाता है।
शिवलिंग बनाने और स्थापित करने के आसान कदम
1. सामग्री तैयार करें: पत्थर, चूना, या मिट्टी का लड्डू इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर पत्थर नहीं है तो सिरेमिक या पॉलिमर क्ले भी चलेंगे।
2. स्थान चुनें: साफ़, झकझकी नहीं वाले कोने में रखें। उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा में शिवलिंग रखने को शुभ माना जाता है।
3. आधार बनाएं: दो-तीन इंच का सिमेन्ट या लेटेक्स बॉल्टाइ बना लें ताकि लिंग स्थिर रहे।
4. शिवलिंग को स्थापित करें: लिंग को आधार में बैठाएं और घनिष्ठता से थोप दें। फिर पानी से साफ़ कर लें।
5. पूजा की तैयारी: बेलपत्र, धूप, चंदन, आकाश का धान और स्नान तुल्य वस्तुएँ रखें।
6. पवित्रता रखें: रोज़ सुबह-शाम पानी से साफ़ करें और एक छोटे कपड़े से ढकें रखें।
अब पूजा का समय है। सबसे पहले एक छोटा दीप जलाएं, फिर बेलपत्र चढ़ाएं। उड़ते हुए धूप और धूप के साथ नंदिया (ऐटा) लिपटे रखें। आप चाहें तो शंख, घंटी और जल का उपयोग कर सकते हैं। फिर भगवान शिव की आरती गाएं और मन में ‘ॐ नमः शिवाय’ का जप करें।
भोजन के रूप में फल, मिठाई या पंडुका रखें। यह आपके घर में शिव की कृपा को बढ़ाता है। पूजा के बाद, श्लोक ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्’ दोहराएँ।
अगर आप पहली बार कर रहे हैं तो थोड़ा घबराए नहीं। सिर्फ़ दिल से निकली प्रार्थना ही पर्याप्त है। हर दिन थोड़ा-थोड़ा करके इस लिंग को सजाते रहें और आप देखेंगे कि जीवन में शांति और सुकून बढ़ेगा।
शिवलिंग की देखभाल सरल है। महीने में एक बार जल से धोएँ और दो-तीन बार बेलपत्र व धूप बदलें। इस तरह आपका लिंग हमेशा ताज़ा रहेगा और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी।
अंत में बताना चाहूँगा कि शिवलिंग को बनाना और देखभाल करना जीवन में छोटे-छोटे सुख लाता है। तो आज ही अपने घर में एक छोटा शिवलिंग लगाइए और भगवान शिव की कृपा महसूस कीजिए।
काशी विश्वनाथ मंदिर में लौरीन पॉवेल जॉब्स का दौरा और हिंदू परंपराओं का पालन
प्रकाशित किया गया जन॰ 14, 2025 द्वारा Devendra Pandey
स्वर्गीय ऐप्पल सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लौरीन पॉवेल जॉब्स ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पुण्य स्नान किया। उन्हें शिवलिंग को छूने की अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि परंपरागत रूप से यह सुविधा केवल हिंदुओं के लिए होती है। आध्यात्मिक नेता स्वामी कैलाशानंद गिरी ने परंपरा के महत्व को समझाया। महाकुंभ मेला 2025 में 45 करोड़ श्रद्धालुओं की भागीदारी की संभावना है।