स्वतंत्रता दिवस: भारत की आज़ादी का जश्न और ताज़ा अपडेट
हर साल 15 अगस्त को देश भर में झंडा फहराकर, शहीदों को याद करके और घर-घर में तिरंगा लहराते हुए हम अपनी आज़ादी का जश्न मनाते हैं। आप भी जानते हैं कि यह दिन सिर्फ छुट्टी नहीं, बल्कि हमारे पूर्वजों की कहानी है। तो चलिए, इस टैग पेज पर हम आपको स्वतंत्रता दिवस के बारे में सबसे जरूरी जानकारी देते हैं—इतिहास से लेकर 2025 की खबरों तक।
स्वतंत्रता दिवस का इतिहास
जब 1947 में भारत को आज़ादी मिली, तो 15 अगस्त को पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। उस दिन जवनाराल नेरौला गांधी ने कश्मीर में भारत का झंडा फहराया, और पूरे देश में उत्सव की लहर दौड़ गई। तब से हर साल इस दिन को राष्ट्रीय समारोह, परेड और स्कूल‑कॉलेज में प्रैक्टिस के साथ मनाया जाता है।
पहले सालों में मुख्य आकर्षण था जलसा और भाषण, फिर धीरे‑धीरे बॉर्डर ट्यूनिंग और पैरेड ने भी अपना महत्त्व बना लिया। आप देखेंगे कि आज भी लाल किले के सामने प्रधानमंत्री का फ़्लैग लेफ़्ट फॉर्मेंड का भाषण देश के युवा पीढ़ी को प्रेरित करता है।
2025 में स्वतंत्रता दिवस की प्रमुख बातें
2025 का स्वतंत्रता दिवस कई नई चीज़ों के साथ आया है। इस साल भारत ने राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव को झंडा फहराने के साथ जोड़ दिया, जिससे युवा वर्ग के बीच विज्ञान के प्रति उत्साह बढ़ा। साथ ही, डिजिटल इंडिया के तहत ऑनलाइन रिवाइवल फेस्टिवल भी लॉन्च हुआ, जिसमें लोगों को इतिहास के बारे में क्विज़ और वर्चुअल टूर करने का मौका मिला।
सोशल मीडिया पर #Azadi2025 टैग ट्रेंड में रहा। कई युवाओं ने अपने घरों की दीवारों पर तिरंगा लगाकर, फोटोज़ शेयर किए और शहीदों को संदेश लिखे। इस साल कई शहरों में रॉक‑फ़ेस्ट और नाट्य प्रदर्शन भी हुए, जो इतिहास को मनोरंजन के साथ जोड़ते हैं।
अगर आप इस दिन कुछ खास करना चाहते हैं, तो पड़ोस में सफ़ेद‑पीले‑हरी रंग के झंडे लेकर चलें, या फिर स्थानीय स्कूल में स्वेच्छा से गुल्लक में दान दें—शहीदों के परिवारों के लिए। ये छोटे-छोटे काम बड़ी खुशी लाते हैं।
हालांकि आज़ादी का जश्न उत्सव है, लेकिन याद रहे कि यह संघर्ष का परिणाम है। अपने बच्चों को स्वतंत्रता की कीमत समझाने के लिए आप उन्हें चले हुए सड़कों, संग्रहालय या स्मारक पार्क की सैर पर ले जा सकते हैं। यह अनुभव उन्हें इतिहास से जोड़ता है और देशभक्ति को और गहरा करता है।अंत में, अगर आप स्वेच्छा से कुछ नया करना चाहते हैं, तो अपने स्थानीय समुदाय में स्वच्छता अभियान, या रक्तदान कैंप का आयोजन कर सकते हैं। कई NGOs ने इस दिन विशेष कार्यक्रम रखे होते हैं, जहाँ हमें अपने योगदान से भी देश की सेवा करने का मौका मिलता है।
तो इस स्वतंत्रता दिवस को सिर्फ छुट्टी नहीं, बल्कि एक अवसर समझें—ऐसे अवसर जहां हम एक साथ मिलकर भारत की आज़ादी को फिर से महसूस कर सकें, उसके मूल्यों को अपने जीवन में उतार सकें, और आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर भारत का वादा कर सकें।
ब्राज़ील के स्वतंत्रता दिवस रैलीज़ में दूर-दक्षिणपंथी आंदोलन में हो रहे बदलाव
प्रकाशित किया गया सित॰ 7, 2024 द्वारा Devendra Pandey
ब्राज़ील में ७ सितंबर को स्वतंत्रता दिवस पर दूर-दक्षिणपंथी रैलीज़ होती रही हैं, विशेषकर पूर्व राष्ट्रपति जैर बोल्सोनारो के कार्यकाल के दौरान। इस वर्ष की घटना में एक महत्वपूर्ण बदलाव दिखा, जहां पाब्लो मार्सल, साओ पाउलो मेयर की उम्मीदवारी कर रहे हैं, ने बोल्सोनारो के प्रभाव को चुनौती दी।