UGC टैग: यूज़र जेनरेटेड कंटेंट की ताज़ा खबरें

स्वर्ण समाचार में UGC टैग का मतलब है यूज़र जेनरेटेड कंटेंट – यानी आप जैसे लोगों द्वारा लिखी गई खबरें, फोटो और वीडियो. ये वो खबरें होती हैं जो रोज़मर्रा की जिंदगी से आती हैं, न कि बड़े समाचार एजेंसियों से. इसलिए यहाँ आपको वही मिल जाता है जो आम लोग देख रहे होते हैं – बारिश की ताज़ा सूचना, स्थानीय सड़क जाम, स्कूल बंद होने की खबर, या फिर आपके शहर के किसी खेल प्रतियोगिता का नतीजा.

UGC टैग में आपको क्या मिलेगा?

जब आप UGC टैग खोलते हैं, तो नीचे दी गई सभी खबरें आपके सामने आती हैं। इनमें मौसम अपडेट (जैसे फरीदाबाद में बारिश, दिल्ली में येलो अलर्ट), खेल की ताज़ा जानकारी (आईपीएल, यूरोपा फुटबॉल), राजनीति की छोटी‑छोटी खबरें (दिल्ली की योजनाएं, यूपी में चेतावनी) और कई बार आपके समाज की समस्याएँ (पंजाब में किसान बंद, स्थानीय डेम ओवरफ्लो) शामिल होते हैं.

हर लेख का टाइटल छोटा और समझने में आसान होता है, और नीचे का छोटा विवरण आपको जल्दी बता देता है कि लेख किस बारे में है. अगर आप जल्दी से देखना चाहते हैं कि कौन‑सी खबर आपके क्षेत्र को प्रभावित कर रही है, तो इस टैग में ही सब कुछ मिल जाएगा.

UGC को कैसे पढ़ें और शेयर करें?

पेज खोलते ही आप शीर्ष पर खोज बॉक्स देखेंगे, जहाँ आप शहर या विषय का नाम लिख कर सीधे उस खबर को पा सकते हैं. प्रत्येक लेख के नीचे शेयर बटन भी है – एक क्लिक में आप फ़ेसबुक, व्हाट्सएप या इंस्टाग्राम पर अपने दोस्त‑भाइयों के साथ शेयर कर सकते हैं.

अगर आपके पास कोई नई खबर है, तो आप ‘अपनी खबर जोड़ें’ बटन पर क्लिक करके आसानी से अपना लेख भेज सकते हैं. हमें केवल आपका नाम, टाइटल, छोटा विवरण और कुछ कीवर्ड्स चाहिए. हमारा एडिटोरियल टीम जल्दी से आपकी खबर को जाँच कर पेज पर डाल देती है.

इस तरह से स्वर्ण समाचार पर UGC टैग सिर्फ पढ़ने की जगह नहीं, बल्कि आपके विचार और जानकारी को साझा करने का मंच बन जाता है. आप भी बस एक क्लिक में अपने शहर की ताज़ा ख़बरों को दुनिया के सामने रख सकते हैं.

तो अगली बार जब भी मौसम की खबर या किसी स्थानीय इवेंट की जानकारी चाहिए, सीधे UGC टैग खोलें. यहाँ आपको वही मिलेगा जो रोज़मर्रा की जिंदगी में घुड़ता है, बिना किसी झंझट के.

21जुल॰

UGC ने सभी कॉलेजों को आदेश दिया है कि वे छात्रों के व्हाट्सएप ग्रुप्स पर खास नजर रखें, जहां सीनियर्स जूनियर्स को परेशान कर सकते हैं। अब डिजिटल हैरेसमेंट को भी रैगिंग के तहत माना जाएगा। इस फैसले से छात्र सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है और नियम न मानने पर कॉलेज की ग्रांट भी रोकी जा सकती है।