वित्तीय वर्ष 2025-26: बजट, टैक्स और आर्थिक टिप्स
2025-26 का वित्तीय साल हमारे लिए कई नए मौके और चुनौतियां लाता है। सरकार ने इस साल कई बदलाव की घोषणा की है, जैसे नई टैक्स स्लैब, कॉरपोरेट कर में छूट, और स्टार्ट‑अप फंडिंग में समर्थन। अगर आप इन अपडेट को सही से समझेंगे, तो बचत और निवेश दोनों में फायदा उठा सकते हैं। आइए देखते हैं इस साल के सबसे ज़रूरी पॉइंट्स।
बजट 2025‑26 के मुख्य बदलाव
पहले तो बजट में व्यक्तिगत आयकर स्लैब में हल्का बदलाव आया है। 2.5 लाख तक की आय पर टैक्स मुक्त रहेगा, और 5 लाख से 10 लाख की बीच 10% की दर लागू होगी। यह बदलाव मध्यम वर्ग को राहत देगा। साथ ही, रुझान दिख रहा है कि सरकार ने हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए टैक्स छूट बढ़ा दी है, जिससे सोलर पैनल या इलेक्ट्रिक कार खरीदने वाले लोग फायदा उठाएंगे।
कारपोरेट सेक्टर में 25% की टैक्स छूट मिल रही है, जब कंपनी पर्यावरण‑सुरक्षित प्रोजेक्ट्स में निवेश करेगी। यह नियम छोटे और मध्यम उद्यमों को भी आकर्षित करेगा, क्योंकि अब उन्हें कम टैक्स देना पड़ेगा। इन नीतियों को समझ कर आप अपने व्यवसाय की रणनीति में सुधार कर सकते हैं।
टैक्स नियोजन के आसान टिप्स
टैक्स बचाव के लिए सबसे पहले अपने सभी दस्तावेज़ एक जगह रखें। फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, और निवेश प्रमाणपत्र जैसे 80C, 80D के एंट्री को सही से भरें। यदि आप म्यूचुअल फंड में SIP चला रहे हैं, तो उसकी रसीद बचा कर रखें, क्योंकि इससे आप टैक्स घटा सकते हैं।
एक और महत्वपूर्ण बात – हेल्थ इन्शुरेंस प्रीमियम अब 25,000 तक की कटौती दे सकता है, अगर आप परिवार के सभी सदस्यों के लिए पॉलिसी रखें। यह रकम आप अपने आयकर रिटर्न में आसानी से डाल सकते हैं। साथ ही, यदि आपके पास लोन है, तो होम लोन के ब्याज पर 2 लाख तक की छूट मिलती है, यही सबसे बड़ा बचत का स्रोत है।
व्यक्तियों को चाहिए कि वे हर साल अपने निवेश को रीव्यू करें। अगर आप साल के अंत में नहीं जान पाते कि कहाँ निवेश करना है, तो सरकारी वॉलेट, प्रॉविडेंट फंड, या पीपीएफ में छोटा-छोटा योगदान शुरू कर दें। ये विकल्प सरल हैं और जल्दी फायदा देते हैं।
अर्थव्यवस्था की दिशा देखी जाए तो 2025‑26 में निर्यात बढ़ाने की पहल तेज़ होगी। निर्यातक कंपनियों के लिए नई सब्सिडी और फ्रीज़ ड्यूटी की घोषणा हुई है। अगर आप छोटे व्यापारी हैं, तो इस स्कीम से लाभ लेकर अपने एक्सपोर्ट को बढ़ा सकते हैं।
अंत में, ध्यान रखें कि वित्तीय वर्ष बदलते ही अपने बजट को रीसेट करना जरूरी है। आय‑व्यय का एक साफ़ सारांश बनाइए, और फिर देखिए कहाँ खर्च कम कर सकते हैं। यह छोटा-सा कदम आपके कर बचाव और बचत दोनों में बड़ा फर्क डालेगा।
आर्थिक सर्वेक्षण 2025: भारत की अर्थव्यवस्था की दिशा और भविष्यवाणियाँ
प्रकाशित किया गया फ़र॰ 1, 2025 द्वारा Devendra Pandey
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-2025 संसद में 31 जनवरी को प्रस्तुत किया गया, जिसमें भारत की अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का विश्लेषण और आगामी वर्ष के लिए प्रमुख आर्थिक संकेतकों की अंतर्दृष्टि प्रदान की गई है। सर्वेक्षण भारत की अर्थव्यवस्था के स्वस्थ गति पर बल देता है, और दीर्घकालिक औद्योगिक विकास के लिए सरकारी रणनीति पर जोर देता है। यह सर्वेक्षण वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत के आर्थिक भविष्य की संभावनाओं की भविष्यवाणी करता है।